हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन (एचडीएफसी) बैंक एक भारतीय बैंकिंग और वित्तीय सेवा कंपनी है। एचडीएफसी बैंक भारत की संपत्ति में सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का ऋणदाता है। एचडीएफसी की कई शाखाएं हैं जो भारत के बाहरी क्षेत्रों में भी काम करती हैं, और इसके कर्मचारियों की संख्या 84,000 से ज्यादा है। ये भारत के उन बैंकों में से है जो गैर-लाभकारी परिसंपत्ति (एनपीए) से दूर रहने में सफल रही है। एचडीएफसी की स्थिति भारत के सभी प्राइवेट और पब्लिक बैंकों में सबसे मजबूत है। इसने 81,602 करोड़ रुपये की कुल आय अर्जित की है और 2017 में इसकी कुल संपत्ति 8,63,840 करोड़ रुपये थी। भारत में अपने प्रदर्शन के लिए अनगिनत पुरस्कार जीतने वाले इस बैंक ने एशिया स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रबंधित सार्वजनिक कंपनी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। कार्यक्षमता और इसकी सहज कार्यशैली कई जगहों पर प्रभावित भी हुई जहां व्यापार चलाना कठिन था। केरल में युवाओं के आईएसआईएस में शामिल होने के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं की हत्या जैसी खबरों ने देश को कई झटके दिए। “ देश जहां भगवान बसते हैं” वो केरल में हो रही घटनाएं अब उसे आश्चर्यचकित नहीं करती हां अब केरल ने एक बार एचडीएफसी को भी झटका दे दिया है।
केरल में एचडीएफसी बैंक की कई शाखाएं पिछले कुछ दिनों से नहीं खोली गई हैं। केरल में एचडीएफसी के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। एचडीएफसी बैंक के बंद होने से राज्य में बैंक और उसके ग्राहकों की परेशानी बढ़ गयी है। जहां बैंक को बंद से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है वहीं इसके ग्राहकों को भी दैनिक जीवन में समस्याएं हो रही हैं। बैंक के बंद होने के कारण व्यापारियों और दुकानदारों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, बैंक कर्मचारी अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं और इसे लेकर वो किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है। दरअसल, एचडीएफसी ने कुछ कर्मचारियों के अनुबंध को समाप्त कर दिया है जिसको लेकर बैंक कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू) इन कर्मचारियों का समर्थन कर रही है। केरल में सीआईटीयू प्रमुख व्यापार संघ है और ये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के समर्थन का आनंद उठा रहे हैं।
@jamewils @BDUTT HDFC Bank branches in Kerala not opening for 2 days. Seems like mainstream media is unaware of this incident.
— Salim Sukumaran (@salim_suku) April 24, 2018
Hi Salim, we understand the inconvenience. Please click on https://t.co/jcfVfIYZXE to DM the complete address of the Branch & your contact details. Visit here https://t.co/GlPkC4qiiC for help with branch address. Of course, all your details will remain (1/2)
— HDFC Bank Cares (@HDFCBank_Cares) April 25, 2018
Hi, I am unable to transact thru HDFC Sec Thiruvella as HDFC operations in Kerala stands disrupted.I do not understand why your executives have not contacted me,a regular customer, to guide me on https://t.co/wpCXiHhQUL please….
— Thesaint8x (@Thesaint8x) April 25, 2018
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) केरल की सबसे बड़ी पार्टी है और इसी वजह से इसके पास राज्य में अक्षम्य शक्तियां हैं। राज्य हिंसा से ग्रस्त है खासकर कोई भी व्यक्ति अगर सीपीआई-एम के शासन से असंतुष्ट है और उसके खिलाफ है तो ये पार्टी उसके लिए केरल में सबसे बड़ा खतरा बन जाती है। सीपीआई-एम विरोध प्रदर्शन में सीआईटीयू का समर्थन कर रहा है और यही कारण है कि लेफ्ट को चाहने वाली मीडिया ने केरल में एचडीएफसी के हालात का कोई उल्लेख नहीं किया है। केरल में बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बावजूद केरल प्रशासन इस मामले में चुपी साधे हुए है और न ही राज्य सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की।
मामले के विपरीत केरल सरकार अकथित रूप से इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रही है। बैंक ने जो भी फैसला किया उसके पीछे की वजह वैध है जिसके आधार पर कर्मचारियों के अनुबंध को समाप्त किया। कुछ रिपोर्ट्स में ये भी सामने सामने आया है कि विरोध प्रदर्शन के बावजूद जो कर्मचारी बैंक की शाखाओं के साथ काम करने के लिए तैयार थे उन्हें भी एचडीएफसी बैंक परिसर से दूर रहने के लिए डराया धमकाया गया। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सीपीआई-एम अपने नेतृत्व में इन प्रदर्शनों से बैंक और अन्य पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। बैंक के नियम के मुताबिक बैंक कर्मचारियों के अनुबंध को समाप्त किया गया है जो कम्युनिस्ट पार्टी को रास नहीं आया। वैसे कम्युनिस्ट ठगों की ये विशेषता भी है कि वो अपने हिसाब से ही सब तय करने की कोशिश करती है लेकिन अब इसे खत्म करने की जरूरत है। राष्ट्रीय मीडिया को अब केरल सरकार के असली चेहरे को लोगों तक पहुंचना चाहिए और इस ‘शांतिपूर्ण’ लेफ्ट विंगेर्स के तरीके के पीछे का सच ही लोगों को दिखाना चाहिए।