देश अभी भी कठुआ में हुए एक आठ वर्षीय लड़की के सामूहिक रेप और हत्या की घटना से उबर नहीं पाया है। मीडिया रिपोर्ट्स और मुख्य ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश की गयी चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची को स्थानीय मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था जहां उसके साथ अभियुक्तों ने बार-बार बलात्कार किया और जब बच्ची ने घटना के बारे में अपने घरवालों को बताने की बात कही तो उसकी हत्या कर दी गयी। इस जघन्य अपराध ने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया है। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि जांच रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ है जिसने इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक प्रमुख हिंदी समचार पत्र दैनिक जागरण और कठुआ के स्थानीय लोगों के मुताबिक बच्ची के साथ रेप की वारदात को स्थानीय मंदिर देवस्थान (मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर एक छोटी सी जगह में हैं जहां स्थानीय लोग प्रार्थना करते हैं) में अंजाम दिया गया था। दैनिक जागरण रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दिए गये संस्करण संदेह के घेरे में हैं और इस संस्करण में जो कहा गया है वो मौके की कहानी से मेल नहीं खाते, हालांकि, क्राइम ब्रांच समेत मीडिया का कहना है कि बच्ची को देवस्थान में कैद करके रखा गया था। कठुआ के स्थानीय लोग मीडिया के तथ्यों से परेशान हैं जिन्हें बेरहम खलनायक के रूप में चित्रित किया गया है, जो मीडिया के आउटलेट्स द्वारा एक ऐसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल किये जा रहे हैं जो रेप करने वाले का समर्थन करते हैं। न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय लोगों का कहना है कि वो भी बाकि लोगों की तरह इस घटना से दुखी हैं और वो चाहते हैं कि इस मामले की जांच न्यायिक तरीके से हो। वो मानते हैं कि बच्ची के साथ जो हुआ भयावह था और उसे माफ नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्हें ये भी लगता है कि क्राइम ब्रांच की जांच रिपोर्ट पूरी तरह सही नहीं है उसमे तथ्यों की कमी है।
न्यूज़ रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भी पूरी वास्तविकता को नहीं दिखाया गया है जिससे इस मामले में संदेह और बढ़ जाता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देवस्थान भी सवाल के घेरे में हैं, इससे कोई तहखाना नहीं जुड़ा है। ये एक कमरे का है और इसमें तीन दरवाजे हैं। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता को तहखाने में कैदी बनाकर रखा गया था। अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिस तहखाने में पीड़िता को रखा गया था असल में वो है ही नहीं। दैनिक हिंदी समाचार पत्र अमर उजाला के मुताबिक पीड़िता का शव एक व्यस्त सड़क पर पाया गया था और ये रास्ता देवस्थान से सांझी राम के घर को जोड़ता है। ऐसे में ये सवाल भी उठता है कि कोई अपराधी अपराध के बाद शव को कहीं दूर किसी जंगल में फेंकने के बजाय अपने घर के आसपास क्यों फेंकेगा ? वो भी ऐसी जगह जहां से हर रोज कई लोग गुजरते हैं?
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट्स में तथ्यों की कमी और कुछ गलत बिन्दुओं के अंकित किये जाने से स्थानीय महिलाएं भी चकित हैं। कठुआ के रसाना में स्थित देवस्थान मात्र 300 वर्ग फुट का एक कमरा है, जिसमें कुछ हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरें हैं और कठुआ के रसाना के स्थानीय लोगों में इन देवताओं की काफी अहमियत है। देवस्थान को रिपोर्ट में गलत तरीके से दर्शाया गया है। ये एक कमरे का है और इसमें तीन दरवाजे हैं। क्राइम ब्रांच के मुताबिक इनमें से एक दरवाजे की चाभी इस मामले में मुख्य अपराधी के परिवार के पास रहती है। गांव की ही रहने वाली बीना देवी का कहना है कि, उन्हें इस बात पर यकीन नहीं है कि देवस्थान में बच्ची को छुपा कर रखा गया था। वो हर रोज सुबह शाम अपने बच्चों के साथ मंदिर में दिया जलाने जाती थीं। गांव की ही दूसरी निवासी अंजना शर्मा का कहना है कि वैष्णों देवी मंदिर की तरह ही पवित्र मंदिर देवस्थान में एक बच्ची को कैद करने वाला आरोपी कोई मुर्ख ही होगा। उन्होंने ये भी कहा कि हर रविवार को मंदिर में एक भंडारा भी होता है साथ ही 13 व 14 जनवरी को लोहड़ी और मकर संक्रांति के महत्वपूर्ण त्यौहारों को मनाने के लिए गांव के सभी लोग मंदिर के पास एकत्रित होते हैं।
गांव के निवासियों ने जो बताया उससे क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट पर कई सवाल खड़े होते हैं। इसपर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि एक छोटे से मंदिर में जोकि 300 वर्ग फुट का है, वहां एक बच्ची को कैदी बनाकर रखा गया था और किसी को इस बात की भनक भी नहीं हुई ? और न ही किसी की उस बच्ची पर नजर पड़ी जबकि गांव के लोग सुबह शाम ज्योति जलाने के लिए मंदिर जाया करते हैं और जब इस रेप की वारदात को अंजाम दिया गया तब गांव में महत्वपूर्ण त्योहारों को मनाने के लिए गांववासी मंदिर के पास इकट्ठा भी होते हैं तब किसी का ध्यान बच्ची पर क्यों नहीं गया। ये एक गंभीर अपराध है जिसने देश को हिलाकर रख दिया है और इस मामले की जांच गंभीरता से की जानी चाहिए। सभी लोग चाहते हैं कि मामले की स्वाभाविक रूप से जांच हो और अपराधी को सख्त सजा मिले। हालांकि, जरुरी ये भी है कि इस अपराध की जांच में सही तथ्यों के साथ जांच की जाए और इसमें कोई त्रुटी न रहे। उचित जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए जिससे पीड़िता की आत्मा को को सही न्याय मिल सकेगा।