अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार खत्म करने और आम आदमी की भलाई के लिए नयी राजनीति की शुरुआत करने के मकसद से राजनीति के क्षेत्र में आये थे। इसके विपरीत वो अपने भ्रष्टाचार और झूठे दावों की वजह से चर्चा में रहते हैं। इस कड़ी में बुलेट ट्रेन के किराए को लेकर केजरीवाल का एक और झूठा दावा जुड़ गया है। अपने उत्कृष्ट गणित और राजनीतिक ज्ञान को साथ मिलाकर केजरीवाल काम करते हैं और अपने इसी ज्ञान का इस्तेमाल कर केजरीवाल ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के किराये को लेकर दावा किया था। केजरीवाल ने कहा था कि मुंबई से अहमदाबाद की यात्रा के लिए बुलेट ट्रेन का एक तरफ का किराया प्रति व्यक्ति 75,000 रुपये होगा।
भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना बाकि परियोजनाओं से हटकर है क्योंकि जापान इस परियोजना में भारत का सहयोग करेगा। बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलेगी जिससे इन दो शहरों के बीच की यात्रा का समय मात्र 2 घंटे का हो जायेगा। इन दो बड़े शहरों के बीच 12 स्टॉप होंगे। ट्रेन की वास्तविक गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, इस परियोजना से आसपास के क्षेत्रों के लोगों में प्रसन्नता का माहौल है। ऐसा हो भी क्यों न 500 किलोमीटर की यात्रा मात्र दो घंटे में पूरी होगी, इससे उनकी यात्रा तो सहज होगी ही साथ ही उनका समय भी बचेगा।
नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन (एनएचएसआरसी) के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने दावा किया है कि बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से लेकर थाणे तक की यात्रा के लिए बुलेट ट्रेन का किराया सबसे कम यानी कि 250 रुपए होगा। उन्होंने ये भी कहा कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच का किराया प्रति व्यक्ति 3000 रुपए होगा।
उन्होंने आगे कहा कि बुलेट ट्रेन में सिर्फ बिजनेस क्लास कोच के लिए प्रति व्यक्ति किराया 3000 रुपए से ज्यादा होगा लेकिन बुलेट ट्रेन के 10 कोच में से एक ही बिजनेस क्लास कोच होगा जिसमें प्रति व्यक्ति किराया 3000 रुपए से ज्यादा होगा।
वर्तमान समय में टैक्सी से बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से थाणे का औसत किराया 400 रुपए है, बुलेट ट्रेन से न सिर्फ इन दोनों स्टेशनों के बीच की यात्रा का समय बचेगा बल्कि पैसे भी बचेंगे। टैक्सी से बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स से थाणे की यात्रा में 1.5 घंटे लगते हैं जबकि बुलेट ट्रेन से इस सफर में मात्र 15 मिनट ही लगेंगे और इस यात्रा के लिए आपको सिर्फ 250 रुपये ही देने होंगे।
केजरीवाल की ये दूरगामी गणना उनके विवादास्पद राजनीति का एक और हिस्सा है। बुलेट ट्रेन के किराये को लेकर किये गए उनके दावे उसी तरह असफल नजर हुए जैसे चुनावों में उनकी जीत के दावे असफल रहे हैं। एनएचएसआरसी प्रबंध निदेशक द्वारा प्रस्तुत तथ्यों ने केजरीवाल के सिद्धांतों का पर्दाफाश किया है। बुलेट ट्रेन के किराये को लेकर केजरीवाल के दावे उनपर सही साबित हो सकती है जिन्हें किसी शादी या दूसरे बड़े आयोजन के तहत मुंबई और अहमदाबाद के बीच की यात्रा करनी पड़ती हो।
खरे ने कहा, “अगर हवाई अड्डे की यात्रा में बोर्डिंग पास और सुरक्षा जांच को ध्यान में रखा जाए तो यात्रा अधिक सस्ती और एक उड़ान से कम समय लेने वाली होगी।”
परियोजना का निर्माण कार्य 2018 के दिसंबर महीने से शुरू हो सकता है। परियोजना के लिए 1,415 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है और इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है और उम्मीद की जा रही है कि ये दिसंबर में समाप्त हो जायेगा जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा।
ये भारत के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम है क्योंकि इसके बाद भारत दक्षिण एशिया में बुलेट ट्रेन नेटवर्क का पहला देश बन जाएगा। आने वाले समय में ये सस्ता और बेहतरीन ट्रेन नेटवर्क का रास्ता तैयार करेगा। इसके साथ ही आने वाले वर्षों में सभी रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण किया जाएगा। यदि योजना के मुताबिक सब ठीक रहा तो बुलेट ट्रेन परियोजना 2022 में शुरू हो जाएगी जिसके बाद झूठे दावे करने वाले केजरीवाल जैसे नेता भी एक एक करके राजनीति से गायब होते जायेंगे।