चीन के पत्रकार ने पाकिस्तान के पीएम का किया अपमान

चीन पाक पीएम

इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर चीन की पकड़ काफी मजबूत हो गयी है। हमारे पड़ोसी सिल्क रोड निर्माण के लिए एक समझौते के तहत साथ आये हैं जो प्राचीन समय से ही व्यापार के लिए पूर्व को पश्चिम से जोड़ता है। चीन दावा करता है कि इससे उन देशों को मदद मिलेगी जो इन मार्गों के अंतर्गत आते हैं, लेकिन जो देश चीन की छुपी मानसिकता को समझते हैं वो इससे सहमत नहीं है। पूर्व यूरोपीय संघ के एक राजनयिक, चार्ल्स पार्टन ने फाइनेंसियल टाइम्स से बातचीत के दौरान नई सिल्क रूट योजना के बारे में टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि ये योजना अनिवार्य रूप से एक “एक विदेशी नीति नहीं बल्कि भू-नीतिगत परिणामों के साथ घरेलू नीति है”। चीन द्वारा ‘वन बेल्ट, वन रोड’ परियोजना की पहल का भारत के पीएम मोदी ने कड़ी आलोचना की थी, जबकि पाकिस्तानी समकक्षों ने बुनियादी ढांचे और तकनीकी लाभ के लालच में अपने निकट सहयोगी चीन के समर्थन पर ख़ुशी जाहिर की। भारत की अस्वीकृति के पीछे कई कारण हैं। भारत की स्वभाव में शुमार है कि वो कभी किसी देश के सामने घुटने नहीं टेकता। चीन के लालच की बढती भूख ने भारत को इस पहल में शामिल होने से पहले ही दूर कर दिया था जिसका पाकिस्तान ने ख़ुशी से स्वागत किया है।

हमने इससे पहले आपको बताया था कि कैसे चीनी ने पाकिस्तान के नागरिकों का अपमान किया था। अब इसी में एक और अपमान की कड़ी जुड़ गयी है और इस बार नागरिकों की नहीं बल्कि पाकिस्तान के पीएम श्री शाहिद खाक़ान अब्बासी का चीन ने अपमान किया है। दरअसल, पाकिस्तान के पीएम चीन में बाओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) में भाग लेने के लिए गए थे। बीएफए एक गैर-लाभकारी संगठन है जो एशिया और दुनिया के बड़े मुद्दों पर एशिया के विभिन्न सरकारों, व्यापार और अन्य देशों की विचारधारा को साझा करने के लिए एक आर्थिक मंच की मेजबानी करता है। बीएफए विश्व आर्थिक मंच पर आधारित है, जो डेविस, स्विट्जरलैंड में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।

चीन के आधिकारिक टेलीविजन चैनल चीन ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क (सीजीटीएन) ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें CGTN के संवाददाता जू यू, पाक पीएम के साथ बातचीत के लिए बैठे हैं। वीडियो को देखकर तो यही लगता है कि चीन एक बार फिर से पाक पीएम के साथ वैसा ही कर रहा है जैसा पाकिस्तान में पाकिस्तानियों के साथ वहां रह रहे चीन के नागरिकों ने किया था। पीएम अब्बासी चीनी रिपोर्टर द्वारा उठाए जा रहे सभी बिंदुओं से सहमत हैं। साथ ही उन्होंने माना कि भविष्य में द्विपक्षीय व्यापार का भुगतान करने के लिए पाकिस्तान ने युआन को स्वीकार किया है, इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी सहमती दी कि ग्वादर बंदरगाह के विकास से इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को काफी मदद मिली है, हालांकि, चीन एकमात्र देश है जिसे वास्तव में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह और युआन से फायदा होगा। पूरे विश्व के नेता इस बैठक में पत्रकारों से पूरे विश्वास से बातचीत करते हुए नजर आते हैं, लेकिन इस वीडियो में पाकिस्तानी पीएम के विश्वास में कमी नजर आती है, यहां तक कि उनके चेहरे के हाव-भाव में कोई बदलाव नजर नहीं आता, हालांकि, उनके हाव-भाव को छोड़ दें तो उनसे जो भी कहा गया उन्होंने उस मुद्दे पर तुरंत हामी भरी। जोकि पत्रकारों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी हो या अन्य भारतीय नेताओं के रुख के विपरीत था। ये कोई राजनीतिक नेता और मीडिया के बीच लड़ाई नहीं है, तो फिर जनता द्वारा चुने गए नेता पर एक पत्रकार कैसे हावी हो सकता है जो सिर्फ उनकी बाइट लेने के लिए बैठा हो।

https://twitter.com/anita_chauhan80/status/983597268648411141

पाक पीएम के व्यक्तित्वहीन साक्षात्कार के कारण तब स्पष्ट हुए जब तस्वीरों में पाक पीएम और चीनी संवाददाता की बैठने की स्थिति का खुलासा हुआ। पाक पीएम की इन तस्वीरों में एक कुर्सी पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं लेकिन जिस तरह से वो बैठे हैं उससे साफ़ समझ आ रहा है कि वो इस साक्षात्कार में सहजता की स्थिति में नहीं है। जरुर ही पत्रकार उनपर हावी है। वो पाकिस्तानी पीएम अब्बासी की कुर्सी की ओर झुककर मुद्दे पर चर्चा कर रहा है जबकि पाक पीएम अपनी कुर्सी को संतुलित करते हुए नजर आ रहे हैं। ये मुद्दा गंभीर है क्योंकि एक व्यक्ति जो एक देश का पीएम है, वो पत्रकार से बातचीत करते हुए असहज महसूस कर रहा है। ये कोई उन दो लोगों के बीच की बैठक नहीं थी जो अपने देश में समान पद को धारण करते हैं।

हो सकता है एशिया के पीएम जो अकेले एक पत्रकार के सामने साक्षात्कार के लिए बैठे हैं उसके अशिष्ट इशारे की वजह से असहज महसूस कर रहे हों। अफ्सोस की बात तो ये है कि पाकिस्तान के पीएम अपने देश की स्थिति के सामने मजबूर हैं और ये स्थिति उन्हें इस साक्षात्कार को छोड़ने की अनुमति नहीं देता। इसके साथ ही इस वीडियो ने चीन द्वारा पाकिस्तान के वर्चस्व पर नियंत्रण से पाकिस्तान की बेबसी को भी सामने रख दिया है।

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