सुरक्षा एजेंसियों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है जिसमें ये बात सामने आई है कि पीएम मोदी की हत्या की साजिश रची जा रही थी। पीएम मोदी की हत्या से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपराधी मोहम्मद रफीक को एक कॉल रिकॉर्डिंग में सुना गया है जिसमें वो सालेम में स्थित एक ट्रक ठेकेदार से बात कर रहा है। पूरी बातचीत में वो पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचता सुनाई पड़ रहा है। वायरल ऑडियो क्लिप में, रफीक कोयंबटूर विस्फोटों में अपनी भूमिका के बारे में दावा कर रहा था और पीएम मोदी की हत्या करने की साजिश रच रहा था। 1998 में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की रैली के दौरान एक के बाद एक बम विस्फोट हुए थे। इस मामले में मोहम्मद रफीक को दोषी था।।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहम्मद रफीक कोयंबटूर विस्फोट के मामले में गोंडा अधिनियम, टाडा और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत सजा काट चुका है। कोयंबटूर विस्फोट में करीब 58 लोगों की मौत हुई थी और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था । अल उम्मा समूह द्वारा किए गए इन विस्फोटों का लक्ष्य भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी थे जो इस हमले से बच निकले थे। बाद में, सुनवाई के दौरान साजिशकर्ता ने दावा किया था कि विस्फोट मुस्लिम विरोधी दंगों का बदला लेने के लिए किया गया था। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने अल उम्मा समूह पर प्रतिबंध लगा दिया था और नेता एसए बाशा को न्यायमूर्ति पीआर गोकुलकृष्णन की अध्यक्षता में मुख्य साजिशकर्ता करार दिया गया था। साल 2002 में एसए बाशा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी। कट्टरपंथी इस्लामवादी समूहों पर एक और कार्रवाई में, तमिलनाडु मुस्लिम मुनेत्र कज़ागम के नेताओं, टीएमएमके अध्यक्ष एमएच जवाहिरुल्ला और एसएम बक्कर सहित गिरफ्तार किया गया था ।
ये वायरल ऑडियो क्लिप आठ मिनट का है जिसमें रफीक ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री मोदी को मारने का फैसला किया है। हम उन लोगों में थे जिन्होंने 1998 में (बीजेपी नेता) लालकृष्ण आडवाणी की कोयंबटूर की यात्रा के दौरान बम लगाए थे। ”
रफीक ने आगे दावा किया कि उसी ने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी की 1998 में कोयंबटूर यात्रा के दौरान बम प्लांट किए थे। उसने तमिलनाडु की सभी जेलों को देखा है। कोयंबटूर पुलिस को शनिवार को ऑडियो क्लिप के बारे में पता चला और आगे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। शहर के पुलिस आयुक्त के पेरियाया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चल एही साजिशों से उन्हें कितना खतरा है इसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
एक पुलिस अधिकारी का हवाला देते हुए पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “बातचीत मुख्य रूप से वाहनों के बारे में वित्त से संबंधित था। लेकिन अचानक विस्फोटक दोषी को ये कहते हुए सुना गया कि ‘हमने पीएम मोदी को मारने का फैसला किया है, क्योंकि हम उन लोगों में से थे जिन्होंने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की 1998 में कोयंबटूर की यात्रा के दौरान साजिश रची थी।’
मोहम्मद रफीक को आईपीसी धारा 153 (ए) (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच विरोध को बढ़ावा देने) और 560 (i) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है और कोर्ट ने उसे 15 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
गौर हो कि देश के पीएम को नुकसान पहुंचाने या उन्हें जान से मारने की कोशिश करना आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध है। ये देखते हुए कि प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में प्रचार शुरू करने जा रहे हैं, ऐसे में हत्या के खतरे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इसके अलावा पुलिस को अपनी कार्रवाई में अन्य समूहों या लोगों की भागीदारी का पता लगाना जारी रखना चाहिए।