कठुआ पीड़िता और महिलाओं के उत्पीड़न के लिए राहुल गांधी का कैंडल मार्च

राहुल गांधी कैंडल मार्च

जघन्य अपराध को लेकर कांग्रेस पार्टी और देश की जनता ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी लेकिन इन दोनों की ही प्रतिक्रियाओं में एक महत्वपूर्ण अंतर है। इन अपराधों को लेकर देश की जनता में नाराजगी है लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता इसमें भी राजनीतिकरण कर रहे हैं।

कठुआ में हुए गैंगरेप की घटना से लोगों में नाराजगी और गुस्सा भरा है। इस मामले में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा कोई कदम न उठाये जाने पर लोगों में आक्रोश है। अब कोई भी इस मामले में किसी की भी सफाई नहीं सुनना चाहता। सभी इस मामले में तत्काल और सही न्याय चाहते हैं। ये भावना देश के सभी लोगों में हैं और वो अपनी जगह सही भी हैं। क्रूर बलात्कार और निर्मम हत्या में शामिल किसी भी व्यक्ति का बचाव नहीं करना चाहिए। साथ ही ये कोशिश होनी चाहिए कि बलात्कारियों को जितनी जल्दी हो सके कार्रवाई के बाद सजा दी जाये।

हम मानते हैं कि एक आठ साल की बच्ची का रेप करने के बाद उसकी हत्या करने वाले क्रूर बलात्कारियों के लिए कोई भी सजा पर्याप्त नहीं है। एक आठ वर्षीय मासूम बच्ची को अकल्पनीय भयावहता से गुजरना पड़ा और इस क्षति की पूर्ति कोई नहीं कर सकता। न माफ़ी, न ही कैंडल मार्च मायने रखता है, लेकिन न्याय में कमी कहां है ? न्याय इतना गंभीर होना चाहिए कि कठुआ रेप मामले में बलात्कारियों को मिलने वाली सजा से किसी भी जाति का बलात्कारी क्यों न हो वो इस सजा से हुए हश्र को देखकर थर्रा जाए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंडिया गेट पर जनता को एकजुट होकर कैंडल मार्च निकालने के लिए कहा। हम ये नहीं समझ पा रहे कि कैसे राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी नई दिल्ली में इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालकर रिकॉर्ड स्थापित करेंगे ?

अपने अधिकारिक ट्वीटर से राहुल ने लिखा, “लाखों भारतीयों की तरह मेरा दिल भी दुखी है। भारत में महिलाओं के साथ इस तरह का बर्ताव जारी नहीं रह सकता। हिंसा के खिलाफ और न्याय की मांग के लिए आज रात मेरे साथ इंडिया गेट पर शांति पूर्ण कैंडल मार्च के लिए आइए।” एक गंभीर मुद्दे के लिए आह्वान, लेकिन ये मार्च उल्टा कांग्रेस पर भारी पड़ गया। न कोई अच्छी योजना और न ही महिलाओं की परेशानी से कोई मतलब, इस मार्च के दौरान कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाएं धक्का-मुक्की का शिकार हुईं, कांग्रेस के ये कार्यकर्ता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ हंसने और सेल्फी लेने में व्यस्त थे।

इस मार्च से पहले कोई तैयारी नहीं की गयी थी, हाँ इसके पीछे का इरादा तो सिर्फ सरकार पर दोष मढ़ने का था, ये तब जाहिर हो गया जब इस शांतिपूर्ण कैंडल मार्च के दौरान कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा ‘राहुल जी की जय’ के नारे लगाये गये। इस मार्च के दौरान धक्का-मुक्की से प्रियंका वाड्रा नाराज हो गयीं और इतनी नाराज हो गयीं कि उन्होंने अपना  आपा खो दिया। वो पत्रकारों और पार्टी के कार्यकर्ताओं पर चिल्ला उठीं जो इस मार्च के दौरान धक्का-मुक्की कर रहे थे। भीड़ और कुप्रबंधन की वजह से प्रियंका गांधी को विरोध प्रदर्शन के लिए मुख्य स्थान पर पहुंचना भी मुश्किल हो गया था।.

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यहां तक कि भीड़ ने राहुल गांधी को भी नहीं बख्शा, पार्टी के ही कार्यकर्ताओं ने उन्हें सेल्फी के लिए घेर लिया था। आखिरकार उन्हें अपने इस विरोध को एक घंटे से भी कम समय में ही खत्म करना पड़ा। भीड़ में उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने में भी काफी मुश्किलें आयीं थीं। भीड़ की वजह से राहुल गांधी विरोध के लिए मुख्य स्थल पर नहीं बैठ पाए ऐसे में उन्होंने अपनी कार की छत से ही मीडिया से बातचीत जारी रखी।

कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के व्यवहार और रंग-ढंग से तो नहीं लग रहा था कि वो इस मामले को लेकर गंभीर थे। इस मार्च में उपस्थित महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी कमियां दिखीं। महिला कार्यकर्ताओं के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा को भी इस मार्च के दौरान काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा जो ये दर्शाता है कि भीड़ में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता कितनी थी।

महिलाओं के लिए ही निकाले गए इस शांतिपूर्ण मार्च महिलाओं के लिए ही भारी पड़ता हुआ नजर आया, ऐसे में कोई कैसे असहाय महसूस नहीं करेगा?

हमारा मानना है कि कांग्रेस पार्टी अपितु प्रत्येक व्यक्ति को अपराध के खिलाफ विरोध करने का हक है। जिस चीज का हमें साथ नहीं देना चाहिए वो है गंभीर मुद्दे पर राजनीतिकरण। हम कांग्रेस पार्टी के नेताओं से आग्रह करते हैं कि वो केंद्र सरकार से साथ मिलकर अपराधियों को उनके अपराध के लिए सजा देने में मदद करें। सोचने वाली बात तो ये भी है कांग्रेस ने भला कभी कुछ सही किया है? वो हमेशा ही समस्याओं को सुलझाने की जगह उन्हें बढ़ावा देती आयी है।

Editorial note*

गौर हो कि, राहुल गांधी अपने करीबी दोस्त और पार्टी के सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया की निंदा करने में नाकाम रहे थे जिसने मध्य प्रदेश के बलात्कार आरोपी कांग्रेस पार्टी के विधायक हेमंत कटारे का समर्थन किया था। ऐसे में राहुल गांधी द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कैंडल मार्च किया जाना उनके दोहरे चरित्र और ढकोसलेपन को दिखाता है।

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