कर्नाटक विधानसभा चुनाव जल्द ही शुरू होने वाले हैं। जैसे जैसे चुनाव पास आ रहे हैं राजनेता और उनके समर्थकों ने अपनी गंदी राजनीति शुरू कर दी है। राहुल गांधी के के विमान में तकनीकी गड़बड़ी से लेकर उत्तर-दक्षिण विभाजन के मुद्दों को कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने ही हवा दी। कांग्रेस और उसके समर्थकों ने राज्य में ओछी राजनीति शुरू कर दी है। ‘उदार’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ मीडिया पत्रकार भी अपने पसंदीदा धर्मनिरपेक्ष दलों के लिए मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए मैदान में कूद पड़ी है। पूरे भारत में कांग्रेस और उसके सहयोगियों के पतन ने तथाकथित उदारवादियों को डरा दिया है जो मानने को तैयार नहीं है कि वो एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं। चुनाव में इनके गठबंधन और वादे काम नहीं कर रहे, ऐसे में ये धर्म, जाती और भाषा के आधार पर अपनी राजनीती से जनता को डराने की कोशिश में लग गये हैं। ‘प्रतिष्ठित’ और ‘मुक्त सोच’ वाली उदारवादी साबा नकवी इन दिनों कर्नाटक में हैं और जनता के दिलों में कांग्रेस के प्रति प्यार को जगाने की बार बार कोशिश कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने सांबर पाउडर (मसाला) पर अपनी राजनीति शुरू की जोकि ईस्टर्न नामक कंपनी द्वारा बेचा जाता है। किराने की दूकान के एक मसाले का जिक्र करना सबा नकवी और अन्य की सोच का एक उदाहरण है। साबा नकवी के लिए ये चौंकाने वाली खबर है कि अनंत कुमार हेगड़े के निर्वाचन क्षेत्र करवार में सांबर मसाले की खोज हुई थी। इसके पीछे का कारण सीधा सा है कि इसका नाम ‘ब्राह्मण सांबर’ पाउडर है।
My discovery in karwar region near coast of Karnataka. Anant Kumar hedge country…. pic.twitter.com/CeyFOjHjvI
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) April 27, 2018
साबा नकवी इस नयी खोज को लेकर अपनी उत्सुकता पर काबू नहीं रख पायीं और ट्विटर पर अपनी नयी खोज को साझा कर दिया। अनंत कुमार हेगड़े और उनके निर्वाचन क्षेत्र का नाम अपने ट्वीट में साबा नकवी ने उल्लेख भी किया था। कारण सीधा सा था, इस उत्पाद के नाम में विशेष जाती का नाम शामिल है। बीजेपी नेता अनंत कुमार हेगड़े के नाम और उनके निर्वाचन क्षेत्र के नाम को इंगित करके साबा नकवी ये दिखाने की कोशिश कर रही थी बीजेपी और उसके नेता अपने निर्वाचन क्षेत्र में जातिवाद को बढ़ावा देते हैं। इस ट्वीट का मकसद सिर्फ बीजेपी की सत्ता में भारत के पिछड़ेपन को इंगित करना था।
साबा नकवी और उनकी लाख कोशिशों के बावजूद जो चीज वो नहीं समझ पायीं वो ये कि ईस्टर्न कंपनी के संस्थापक एक मुस्लिम व्यापारी श्री एमई मीरन हैं । भारत के करी पाउडर किंग नाम से मशहूर श्री मीरन ईस्टर्न ग्रुप ऑफ़ कंपनी के चेयरमैन भी थे। उनकी कंपनी 1984 से ही मसालें बना रही है और इस क्षेत्र में कंपनी को काफी सफलता भी मिली है। गौर हो कि इस कंपनी को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा दक्षिणी क्षेत्र में ‘गोल्ड पुरस्कार’ प्राप्त है। भारत के अलावा ये कंपनी मध्य पूर्व और अन्य विदेशी देशों में बड़ी संख्या में सांबर मसाले का निर्यात करती है। ईस्टर्न एक पारिवारिक व्यवसाय है और उनके बेटे नवस मीरन निदेशक मंडल में उपाध्यक्ष हैं। आदिमाली गांव (इस गाँव को मसालों का शहर भी कहते हैं) के एक मुस्लिम परिवार द्वारा संचालित ईस्टर्न ग्रुप सफलता की एक अनोखी कहानी है और ये कंपनी धीरे धीरे अन्य क्षेत्रों में भी तेजी से फैल रही है जोकि भारत की समृद्धि में वृद्धि करेगी।
ये समूह एक मुस्लिम परिवार द्वारा चलाया जाता और ‘ब्राह्मण सांबर पाउडर’ की ब्रांडिंग भी उन्होंने ही की है, सबा नकवी खुद एक मुस्लिम होते हुए भी एक दुसरे मुस्लिम के व्यवसाय पर उंगली उठा कर ना सिर्फ उपहास का पत्र बनी बल्कि उनकी मानसिकता भी साफ़ तौर पर दिखी । साबा ने अपने आधे –अधूरे ज्ञान और पक्षपाती सोच की वजह से शायद इस मसाले के पीछे की पूरी कहानी को जानने की कोशिश भी नहीं की। ये सोंच सिर्फ छद्म- बुद्धिजीवियों की सोंच एक छोटा सा उदहारण है। ये उदार और धर्मनिरपेक्ष लोग समाज में साम्प्रदायिक नफरत और जातिवाद को बढ़ावा देते हैं। साबा नकवी और उनके जैसे पत्रकारों के इरादों और निष्पक्षता को लेकर सवाल किये जाने चाहिए। उनकी असली सच्चाई सभी के सामने आनी चाहिए ताकि भविष्य में उनकी ‘अवैतनिक’ और ‘निष्पक्ष’ राय से कोई भी भ्रमित न हो सके। अनंत कुमार हेगड़े ने ट्विटर और लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने साबा नकवी के ट्वीट के पीछे की असली सच्चाई का खुलासा किया था। अनंत कुमार हेगड़े ने कहा, “कुछ बेवकूफ कभी विकास नहीं कर पाते बल्कि खुद को और क्षीण कर देते हैं और अपने आस पास के वातावरण को गंदा करते हैं।” ऐसे में सभी को ऐसे उदारवादीयों पर भरोसा करने से पहले इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।