राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार के खिलाफ हमला बोला है, उन्होंने एयर एशिया घोटाले को सामने रखा है साथ ही एक जनहित याचिका भी दायर की है। हमेशा की तरह वो एक बार फिर से सही साबित हुए हैं।
Finally the CBI is presently raiding Air Asia offices including of the CEO's. It is arising from my PIL in Delhi HC
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 29, 2018
सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एयर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडिस और यूपीए युग के लॉबिस्ट दीपक तलवार के खिलाफ केस दर्ज किया है। उनपर ओवरसीज फ्लाइंग राइट्स हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रचकर नियम बदलने का आरोप है। जांच एजेंसी ने आरोपियों की तलाश में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत उनके 5 ठिकानों पर छाप मारकर की।
CBI held searches at 5 locations in Delhi,Mumbai&Bengaluru after it filed case under Prevention of Corruption Act against CEO of #AirAsiaGroup– Tony Fernandes, Director of Air Asia Bengaluru- Ramachandran Venkatraman, founder of DTA consultancy Pvt Ltd- Deepak Talwar among others
— ANI (@ANI) May 29, 2018
एयर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडिस, एयर एशिया, ट्रैवल फूड के मालिक सुनील कपूर, विमानन सलाहकार दीपक तलवार, एयर एशिया के निदेशक आर वेंकटरामन और एसएनआर ट्रेडिंग के निदेशक राजेंद्र दुबे के खिलाफ मंगलवार को केस दर्ज किया है। पंजीकृत मामले के तहत, एयर एशिया समूह ने अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के नियमों के लिए लाइसेंस पाने के लिए कंपनी ने 5/20 नियम का उल्लंघन किया है। दरअसल, विमानन क्षेत्र में 5/20 के नियम के अनुसार किसी भी विमान कंपनी के लिए 5 साल का अनुभव और 20 विमानों का बेड़ा होना अनिवार्य है, यदि वह इस शर्त को पूरा करती है तभी वह अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन कर सकती है। रिपोर्टों के मुताबिक, एजेंसी ने आरोप लगाया है कि एयर एशिया ग्रुप ने दीपक तलवार जैसे लॉबीस्ट को रोजगार दिया जिससे वो 5/20 नियम हटवाने और रेग्युलेटरी पॉलिसीज में बदलाव करवाने के साथ दूसरे क्लीयरेंस के लिए सरकारी अफसरों से मंजूरी ले सकें।
ये सब 2014 के चुनाव से पहले हुआ था जब अजित सिंह नागरिक उड्डयन मंत्री थे। सीबीआई ने कहा, “टोनी फर्नांडीस चाहते थे कि पहले दिन से एयरलाइन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ान भरने में सक्षम हो और उनके भारतीय सहयोगी – टाटा संस लिमिटेड उनके नॉमिनी आर वेंकटरामन के माध्यम से एफआईपीबी हटाने और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के 5/20 नियम में संशोधन/ हटवाने के लिए सरकारी मंजूरी लेने की जिम्मदारी दी गयी।
तथाकथित विमानन सलाहकार दीपक तलवार ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल भारत और अन्य देशों के बीच सिविल एविएशन से संबंधित द्विपक्षीय समझौतों को प्रभावित करने के लिए किया जिससे वो दुनिया के अन्य हिस्सों में स्थित अपने सहयोगियों को लाभ पहुंचा सके खासकर खाड़ी अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन्स को। दीपक ने ऑपरेशन परमिट दिलाने के लिए एयर एशिया की भी मदद की थी। दीपक तलवार नीरा राडिया की तरह ही कुख्यात हैं और उन्होंने यूपीए युग के दौरान कंपनियों के लिए सभी तरह के परमिट हासिल करके भारी धन इकट्ठा किया था। CNN न्यूज 18 रिपोर्ट के मुताबिक 2008 से 2011 के बीच यूपीए युग के दौरान कथित तौर पर दीपक तलवार ने नागरिक उड्डयन नीतियों में संशोधन करके 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की थी। अभियोजन पक्ष की शिकायत में लिखा गया है कि, “दीपक तलवार के विदेशी खाते में 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशी का इजाफा हुआ है जो उन्हें विभिन्न कर अधिकार क्षेत्र में ट्रस्ट की जटिल संरचना के माध्यम से मिला है।” आईटी अधिकारियों के मुताबिक, जांच से पता चलता है कि पूर्व यूपीए सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में कुछ एयरलाइंस और विमानन कंपनियों को अनुचित लाभ मिला है। CNN न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, दीपक तलवार के खिलाफ 9.8 मिलियन डॉलर एयर अरबिया से, 9 अरब डॉलर कतर एयरवेज और 10 अरब डॉलर अब्दुल रहीम अल अली नामक व्यक्ति से लेने के आरोप हैं। दीपक के खिलाफ लगाए गए आरोपों में द्विपक्षीय समझौतों में दुबई की एयरलाइन अमीरात को सेवाएं प्रदान करना भी शामिल है। गौरतलब है कि, दीपक तलवार का विवादों से पुराना नाता रहा है, उनपर भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल होने का आरोप पहले भी लगाया जा चुका है। इससे पहले इस महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दीपक तलवार के खिलाफ कथित धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में केस दर्ज किया था, दरअसल, दीपक पर विदेशी मार्ग से मिले 90 करोड़ रुपये के फंड के दुरुपयोग करने का आरोप है। दीपक का नाम नीरा राडिया टेप में भी सामने आया था। उनका नाम पूर्व सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के घर के गेट पर एक रजिस्टर में भी पाया गया था। दीपक तलवार कांग्रेस के सदस्यों के बहुत करीबी थे। दीपक तलवार के परिसर से आयकर विभाग ने जो दस्तावेज बरामद किये थे उसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का नाम भी शामिल था।
यूपीए युग में किये गये भ्रष्टाचार और एयर एशिया घोटाले से पर्दा उठाने के लिए सभी को इस मामले में स्वामी के अथक प्रयास के लिए उन्हें बधाई देनी चाहिए। स्वामी ने एक बार फिर से ये साबित कर दिया है कि देश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले तत्वों के खिलाफ वो एक नायक की तरह हैं जो अंधेरे में भी अपने दुश्मन को ढूंढ लेता है।