ऐसा लगता है कि प्रसारित होने वाली खबरों की सख्त निगरानी के लिए प्रेस परिपत्र (प्रेस सर्कुलर) को वापस लेने का कदम खासकर ‘फेक न्यूज’ पर अंकुश लगाने का विचार उतना अच्छा नहीं था। जो लोग कल तक इसकी आलोचना कर रहे थे वो आज अपने राजनीतिक लाभ के लिए इसका धड़ल्ले से सहारा ले रहे हैं। कठुआ मामले को सांप्रदायिक रूप देने से लेकर कर्नाटक में बीजेपी पर ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ को प्रचारित करने के आरोपों तक की खबरों को कांग्रेस ने खूब तूल दिया जिससे वो अपना राजनीतिक लाभ साधना चाहती थी।
अपने ताजा हमलों में कांग्रेस ने कहा कि संसद में बीजेपी का बहुमत गिरा है और वो घटकर 271 सीटों पर आ गयी है। कांग्रेस के सोशल मीडिया के मुताबिक, ऐसा तब हुआ जब बीजेपी के विश्वसनीय नेता बी.एस येदियुरप्पा और बी श्रीरामुलु ने अपने संबंधित लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस के डाटा एनालिटिक्स विभाग के प्रभारी प्रवीण चक्रवर्ती ने अपने एक ट्वीट में लिखा, लोकसभा में बीजेपी द्वारा जीती गयी सीटों की संख्या 2014 के मई माह से लगातार कम हुई है।इस विश्लेषण के मुताबिक, कर्नाटक चुनावों के बाद बीजेपी की सीटों की संख्या घटकर 233 हो गयी हैं। विश्लेषण में आगे की भविष्यवाणी की गयी है कि मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव के बाद सीट की संख्या घटकर 208 सीटों तक ही रह जायेगी, जिसके बाद ट्रस्ट वोट की जरूरत पड़ेगी। दिए गये आंकड़े पर एक बार गौर कर लेते हैं:
हालाँकि, कांग्रेस जल्दबाजी में एक चीज पर गौर करना भूल गयी और वो है डेटा की विश्वसनीयता। निष्कर्षों को समझाने के लिए कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं है ऐसे में ऑनलाइन पोर्टल को इस झूठ से पर्दा उठाने में ज्यादा समय नहीं लगा। न्यूज़ पोर्टल वन इंडिया ने एक के बाद एक फेक न्यूज की पोल खोलकर रख दी।
पहला झूठ: बीजेपी की सीट लगातार कम हो रही है
सच: ये आरोप सफ़ेद झूठ से ज्यादा आधा सच है। हालांकि संसद की वेबसाइट अभी तक कुछ विवरण अपडेट नहीं कर पाई है, बीजेपी ने 2014 के बाद से हुए उपचुनाव में निम्नलिखित सीटें गंवाई हैं: –
फूलपुर
गोरखपुर
अजमेर
गुरदासपुर
हालांकि, इस विश्लेषण में कांग्रेस ने ये छुपाया है कि बीजेपी ने निम्नलिखित निर्वाचन क्षेत्रों में अपने नुकसान की भरपाई भी की है: –
लखीमपुर
खीरी
शहडोल
बीडकंधमाल
वडोदरा
दूसरा झूठ: बीजेपी का बहुमत कम हुआ, उसके पास सिर्फ 233 सीटें ही रह गयी है।
सच: अब ये एक सफेद झूठ है जो कांग्रेस और उसके फेक न्यूज की फैक्ट्री का ही हिस्सा है। कांग्रेस के दावों के विपरीत बीजेपी अभी बहुमत में है और उसके हाथों में अभी 277 सीटें हैं जो स्थिर सरकार बनाये रखने के लिए पर्याप्त हैं। वहीं बीजेपी को उसके सहयोगियों का भी समर्थन हैं। बीजेपी के आंकड़े निम्नानुसार है:
लोक जनशक्ति पार्टी – 6 सीटें
शिरोमणि अकाली दल – 4 सीटें
राष्ट्रीय लोक सांता पार्टी – 3 सीटें
निर्दलीय – 2 सीटें
जनता दल [यूनाइटेड] – 2 सीटें
अपना दल – 2 सीटें
ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस – 1 सीट
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट – 1
सीटनेशनल पीपुल्स पार्टी – 1
सीट नागा पीपुल्स फ्रंट – 1 सीट
इससे बीजेपी को कुल 24 सीटें मिलती हैं जिससे एनडीए के पास 273 सीटों के बहुमत से ज्यादा 295 सीटों का आसान सा बहुमत है। हालांकि सुमित्रा महाजन के पास कास्टिंग वोट नहीं है, लेकिन ड्रा के मामले में अपनी स्पीकर की भूमिका के तहत आखिरी फैसला उन्हीं का होगा। ऐसे में ये बीजेपी के आंकड़ों को 272 कर देगा निश्चित रूप से जैसा की कांग्रेस दावा कर रही है इससे बीजेपी की सीटें 233 तो नहीं होंग।
तीसरा झूठ: बीजेपी की सीटें घटकर 208 हो जायेंगी और वो सभी उपचुनाव में हार जाएगी।
हम चकित हैं कि कांग्रेस के विश्लेषक अपनी भविष्यवाणी को लेकर कितने सटीक हो सकते हैं। 2018 के अंत में बीजेपी की सीट 208 हो जायेंगी? जबकि हम जानते हैं कि 2019 बीजेपी के लिए कठिन हो सकता है लेकिन आंकड़ों का घटकर 208 हो जाना चिंता से ज्यादा हास्यप्रद है। हालांकि ये सच है कि कैराना में होने वाले उपचुनाव बीजेपी की चिंता को बढ़ा सकते हैं लेकिन अगर बाहरी पार्टी के समर्थन को देखें तो सभी चार सीटों को खोने के बाद भी पार्टी के आंकड़े प्रभावित नहीं होंगे।
2019 के आगामी चुनाव की राह में जनता और बीजेपी दोनों के लिए ही ये जरुरी है कि वो सभी खबरों को सच न मानें। कांग्रेस ने एक बार फिर से अपने स्तर को दर्शाया है। ऐसे में अगर 2019 के चुनावों के दौरान कांग्रेस फेक न्यूज, झूठे प्रचार के साथ सामने भी आती है तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी।