शनिवार को कर्नाटक के नागरिकों ने वोट देकर पांच सालों तक के लिए अपने नेता का चयन किया। आम जनता समेत राज्य के प्रतिष्ठित लोग भी वोट देने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे थे। आध्यात्मिक नेता से लेकर आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, पूर्व भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले तक सभी अपना वोट देने के लिए पहुंचे थे। कर्नाटक के लोग भी कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट डालने के लिए बड़ी संख्या में मतदान केंद्र पहुंचे थे। कर्नाटक राज्य से अच्छी खबर के साथ एक बुरी खबर जैसे पैसों का वितरण और जेडीएस और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच लड़ाई की खबरें चर्चा में रही। जेडीएस और कांग्रेस दोनों के कार्यकर्ताओं और नेताओं को विभिन्न क्षेत्रों में नकदी वितरित करते हुए पकड़ा गया साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं, जेडीएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष की लगातार खबरें आ रही थी। अनैतिक गतिविधियों का सहारा लेना कांग्रेस के नेताओं का पुराना तरीका रहा है और ये दृष्टिकोण कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के स्तर को दिखाता है।
नकदी वितरण के पहले मामले में बीजेपी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में नकदी वितरण का आरोप लगाया है। पिछले चुनावों में भी कर्नाटक में कांग्रेस नेता द्वारा नकदी, साड़ी और शराब बांटने का मामला सामने आया था। ये एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं है। कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने भी वोट देने के बाद इस मामले को इंगित किया था। हेगड़े ने कहा था, “वर्षों से, मुझे लगता है कि अनाचार बढ़ गया है। साड़ियों, शराब, धोती और कुकर का वितरण खुलेआम किया जा रहा है। लोकतंत्र के लिए ये अच्छा संकेत नहीं है।” पूर्व नगरसेवक और जेडीएस के महासचिव, टी मल्लेश को भी गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र के सुभाषनगर वार्ड में लोगों को नकदी वितरित करते हुए रंगे हाथो पकड़ा था।
रिपोर्ट के अनुसार ऐसे ही कई और उदाहरण शनिवार को मतदान के दौरान सामने आये हैं। जेडीएस ने चुनाव आयोग के साथ चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र में धन वितरण के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। चामुंडेश्वरी वो स्थान है जहां से कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया चुनाव लड़ रहे हैं। ये शिकायत जेडीएस प्रवक्ता और एमएलसी रमेश बाबू ने दायर की थी। कोलार और मालुर निर्वाचन क्षेत्रों में नोज रिंग और नकद वितरित का मामला सामने आया जिसके बाद कोलार ग्रामीण पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जो चुनाव से पहले महिलाओं को नोज रिंग बांट रहे थे। जेडीएस कार्यकर्ता कथित रूप से रामनगर निर्वाचन क्षेत्र में नकद वितरित कर रहे थे जहां से जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी चुनाव लड़ रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस द्वारा निर्धारित ये प्रवृत्ति बहुत लंबे समय से चली आ रही है। भारत में भ्रष्टाचार के मुख्य कारणों में से एक रिश्वत है जो हर चुनाव से पहले सामने आता है। वोट खरीदने के लिए भी स्थानीय पार्टियां कांग्रेस के साथ इस भ्रष्टाचार में शामिल हो गई हैं। ये खतरनाक है और हर किसी को इसकी गंभीर रूप से निंदा करनी चाहिए। कांग्रेस नेता के घर पर 10,000 फर्जी मतदाता पहचान पत्र मिलने और इस तरह की घटनाओं के सामने आने के बाद से पिछले चुनावों में भी कांग्रेस की जीत पर सवाल खड़े होते हैं । ऐसे में राजनीतिक दलों के भ्रष्ट प्रथाओं को पूरे भारत में नियंत्रित करने की जरुरत है।