कैसे कर्नाटक चुनावों पर मीडिया और कांग्रेस ने देश को किया गुमराह

कांग्रेस सर्वे चुनाव

कर्नाटक में चुनाव नजदीक आ रहे हैं जिसके चलते कांग्रेस कर्नाटक में बड़े पैमाने पर विरोधी पार्टी का सामना कर रही है। पार्टी और मुख्यधारा की मीडिया ने इस बीच एक सर्वेक्षण तैयार किया है जिसके मुताबिक कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को एक बार फिर से बहुमत मिल सकता है। ये सर्वे सी फोर ने किया है। सी फोर एक बहु अनुशासनिक शोध संगठन और ये रैंडम सैमपलिंग विधि पर आधारित है। इस सर्वे के मुताबिक कांग्रेस विधानसभा की 224 सीटों में से 118-128  सीटें जीत सकती है।

मीडिया ने इस सर्वे को आक्रामक और व्यापक रूप से दिखाया। मुख्यधारा की मीडिया आउटलेट ने ये निष्कर्ष निकाला है कि कांग्रेस कर्नाटक में अपने व्यावहारिक उद्देश्यों की वजह से चुनाव जीतेगी। हालांकि, इस सर्वे में जो बात सामने नहीं आई है वो ये है कि कांग्रेस इस संगठन के साथ घनिष्ठ संबंध साझा करती है। वास्तव में, सी-फोर का ये तीसरा सर्वेक्षण है जिसमें सिद्धारमैया की जीत की भविष्यवाणी की गयी है जबकि अन्य सर्वे राज्य में कांग्रेस की हार और बीजेपी के पुनरुत्थान भविष्यवाणी कर रहे हैं।

नेशनल हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, किये गये सर्वेक्षणों में से एक जिसमें सिद्धारमैया की जीत की भविष्यवाणी की गयी थी वो पार्टी का ही आदेश था। लगता है कांग्रेस खुद ही ऐसे सर्वे करवाती है जिससे वो ये दिखा सके कि वो राज्य के चुनावों में फिर से जीतेगी। बाद में डेक्कन हेराल्ड रिपोर्ट के मुताबिक भी यही बात सामने आई थी, जिसके मुताबिक 1 मार्च से 25 मार्च तक सी-फोर द्वारा किए गए सर्वेक्षण कांग्रेस के आदेश पर ही करवाए गये थे, जिसमें कहा गया था कि 2013 की तुलना में इसबार उनके वोट शेयर में 9 प्रतिशत का इजाफा होगा, जबकि सीटों की संख्या 122 से बढ़कर 126  हो जायेंगी। बेशक, ये कांग्रेस ही थी जिसने पहली बार अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से रिपोर्ट के सारांशित संस्करण का खुलासा किया था।

इन सबके बीच सर्वे के दावे को एक प्रतिष्ठित एजेंसी 5Forty3 ने ख़ारिज कर दिया है जो निर्विवाद रूप से सटीक चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए जानी जाती है। सिर्फ यही एक ऐसा शोध संगठन था जिसने 2014 के आम चुनावों और 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी के लिए बड़ी जीत की भविष्यवाणी की थी। इसके अलावा, ये एकमात्र ऐसा संगठन था जिसने दिल्ली चुनावों की सटीक भविष्यवाणी की थी। इसका चुनावी विश्लेषण देश में सबसे अच्छा है ऐसे में इस एजेंसी द्वारा दिए गये सभी विश्लेषण गंभीरता से लिए जाने चाहिए। चुनावी विश्लेषण एजेंसी ने सर्वे की रिपोर्ट में कहा था कि राज्य में बीजेपी की पकड़ मजबूत हो रही है। 5Forty3 के एडिटोरियल में कांग्रेस द्वारा बनाई गयी गलत रणनीतियों पर भी आरोप लगाया गया था। 5Forty3 के विश्लेषण पर गौर करें तो राज्य में बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन जारी रहेगा। ऐसी स्थिति में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी में कोई सच्चाई नजर नहीं आती।

मीडिया ने ये बताया है कि एक स्वतंत्र विश्वसनीय सर्वेक्षण ने कांग्रेस की भारी जीत की भविष्यवाणी की है। इस सर्वेक्षण की सत्यता और विश्वसनीयता शायद आंतरिक पार्टी सर्वेक्षण के समान ही है। इस सर्वे के पीछे की वजह भी कर्नाटक में ऐसी धारणा को पेश करने से है जिसमें कांग्रेस अग्रणी नजर आये। मीडिया आउटलेट्स को कम से कम ऐसे सर्वेक्षण को प्रचारित करने से पहले अस्वीकार कर देना चाहिए जो विवादास्पद हैं। हालांकि, कांग्रेस द्वारा ऐसे संगठन के सर्वेक्षण से देश को गुमराह करने की कोशिश भी साफ़ नजर आती है।

Exit mobile version