मलेशिया में सिंगल रेट जीएसटी हो गयी फेल, और श्रेष्ठ साबित भारत का स्लैब-बेस्ड जीएसटी स्ट्रक्चर

मलेशिया जीएसटी भारत

मलेशिया में महातिर बिन मोहम्मद ने नई सरकार बनाने के बाद घोषणा की है कि वो जीएसटी की दर 6 प्रतिशत घटाएंगे। मलेशिया में जीएसटी 2015 में लागू किया गया था। सरकार ने उसी दर पर लक्जरी कारों और नियमित घरेलू सामानों पर कर लगाया था। जीएसटी से नाराज लोगों ने नजीब सरकार के खिलाफ वोट दिया। जीएसटी दर इस वर्ष मलेशिया के आम चुनाव में उठाए गए अहम मुद्दों में से एक था। प्रधानमंत्री महातिर बिन मोहम्मद ने चुनाव में वोट बैंकिंग के लिए जीएसटी मुद्दे पर खूब जोर दिया था। अब चुनाव जीतने के बाद, उन्होंने जीएसटी को शून्य प्रतिशत पर सेट करने की घोषणा कर दी है।

भारत के नीति निर्माताओं ने मलेशिया की अप्रत्यक्ष कर संरचना का बारीकी से अध्ययन किया। इस अध्ययन के बाद ये स्पष्ट हुआ कि मलेशिया में सभी तरह की वस्तुओं पर जीएसटी दर 6 प्रतिशत था जिस वजह से वहां जीएसटी सफल नहीं रही जबकि भारत में जीएसटी की अलग-अलग दरें हैं। भारत में जीएसटी को 5 टैक्स स्लैब में बांटा गया है 0%, 5%, 12%, 18% और 28% है क्योंकि एक ही दर से ये  निष्कर्ष निकला होगा कि अमीर और गरीब दोनों ही करों की समान राशि का भुगतान करते हैं। ऐसे में भारत में धन के मुद्दों को लेकर असमानताएं पैदा हो सकती हैं लेकिन फिर भी कांग्रेस ने इन पांच अलग-अलग कर स्लैबों की आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले साल 11 नवंबर को ट्वीट किया था, “भारत को एक साधारण जीएसटी की जरूरत है, न कि गब्बर सिंह कर की।“

पिछले साल गांधीनगर में अपने अभियान के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि, “हम खुश नहीं है। हम चाहते हैं कि ‘गब्बर सिंह कर’ समाप्त हो जाए और लोगों को जीएसटी का टैक्स स्लैब मिल जाए। हम केवल 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब चाहते हैं। अगर बीजेपी ऐसा नहीं करती है तो हम इसे 2019 में करेंगे।“

मलेशिया की मौजूदा स्थिति को अगर हम उदाहरण के तौर और देखें तो यदि हमारे नीति निर्माता कांग्रेस अध्यक्ष के सुझाव के अनुसार कार्य करते तो शायद कुछ सालों बाद ही भारत में टैक्स को तोड़ना पड़ता क्योंकि सिंगल टैक्स रेट सफल नहीं होता। कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम कई स्लैब दरों के खिलाफ थे। उन्होंने कहा था, बीजेपी सरकार जो जीएसटी लाई है, वो अधूरा है। उनकी पार्टी (यूपीए सरकार के दौरान) ने जो जीएसटी का प्रारूप दिया था ये वो नहीं है। ये कैसा टैक्स है, मौजूदा जीएसटी को एक देश एक कर कहना ही गलत होगा क्योंकि इसमें सात से ज्यादा दरें हैं। ये जीएसटी के नाम पर मजाक है।” चिदंबरम ने आगे कहा, जब हमारी टैक्स की सात दरें 0.25, 3, 5, 12, 18, 28 व 40 रखी गई हैं,  ऐसे में इसे ‘एक राष्ट्र एक कर’ कैसे कह सकते हैं?

मलेशिया के ताजा जीएसटी विकास दर पर केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘मलेशिया में सभी तरह की वस्तुओं पर 6 प्रतिशत जीएसटी दर लागू थी। ये स्थायी नहीं है। साइकिल और बीएमडब्ल्यू एक ही दर पर टैक्स का भुगतान नहीं कर सकता है। यही वजह है कि भारत के लिए अलग-अलग दरें काम करेंगी।“ केंद्र में बीजेपी सरकार और वित्त मंत्री अरुण जेटली जीएसटी को लेकर शुरुआत से ही स्पष्ट थे कि भारत में जीएसटी की एक फ्लैट दर नहीं होगी, जो भारत के लिए सही फैसला साबित हुआ। वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक, सिंगल रेट गुड्स और सर्विस (जीएसटी) संभव नहीं है क्योंकि भारत में रह रहे लोगों की खरीद शक्ति एक समान नहीं है। पिछले साल उन्होंने ये भी कहा कि “मुझे इसे स्पष्ट करने दें, दरअसल, भारत में सिंगल रेट जीएसटी संभव नहीं है। हमारे पास ऐसा टैक्स सिस्टम नहीं हो सकता है जिसमें हवाई चप्पल और मर्सिडीज कार के लिए समान दर हो।“

मल्टीप्ल टैक्स स्लैब की दरों के फायदे से जुड़े सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को इससे सबक लेना चाहिए और विपक्ष के तौर पर खुद को काबिज करने की बजाय उसे केंद्र सरकार के फैसले का साथ देना चाहिए।

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