पीएम मोदी को दुनिया की 10 सबसे ताकतवर हस्तियों में 9 वां स्थान दिया गया है, वहीं, फोर्ब्स की दुनिया की सबसे शक्तिशाली सूची में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे (14), चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग (15), और फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग (13) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि, 200 9 के बाद से ये पहली बार है जब फोर्ब्स की सूची में किसी भारतीय नेता को उच्चा स्थान मिला है।
फोर्ब्स मैगज़ीन में कहा गया है कि, “हाल के वर्षों में पीएम मोदी ने आधिकारिक यात्रा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की और वैश्विक नेता के रूप में अपनी पहचान बढ़ाई है। इसके अलावा वह जलवायु परिवर्तन से निपटने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे हैं क्योंकि वार्मिंग उनके देश के गांवों के लाखों लोगों को प्रभावित करता है।”
सत्ता में आने के बाद से पीएम मोदी ने कई बड़े फैसले लिए हैं जिससे भारत की आर्थिक और सामाजिक हालातों में सुधार आया है। अपने आकर्षक और विदेशी नेताओं के साथ दोस्ताना व्यक्तित्व के माध्यम से ही उन्होंने वैश्विक मानचित्र पर भारत को दुनिया के शक्तिशाली देशों के रूप में चित्रित किया है। वो भारतीय जनता के बीच अभी भी काफी लोकप्रिय बने हुए हैं इसके साथ ही वो भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों के बीच भी लोकप्रिय हुए हैं।
राजनीतिक स्पेक्ट्रम के नेताओं ने मोदी की विदेश नीति की सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में उन्होंने कहा था, “अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद में भेद करना सबसे खतरनाक है” उनके इस एक बयान की दुनिया भर में राजनेताओं ने प्रशंसा की थी। अपने राजनयिक प्रयासों के साथ, उन्होंने सफलतापूर्वक डोकलाम में चीनी आक्रामकता का भी सामना किया था। उन्होंने दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में ऊर्जा कूटनीति के जरिये शी जिनपिंग की “स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स” का जवाब दिया।
इसके साथ ही वो इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने में सक्षम रहे हैं, जिस वजह से अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान की सेना को दिए जाने वाले वित्त पोषण में भारी कमी आई। यूरोप में उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों की वजह से ही भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते की सहमती नया रूप ले रही है। उनके कार्यकाल के दौरान ही भारत-अमेरिका के बीच संबंध नर्म हुए हैं। ट्रंप पीएम मोदी के बड़े प्रशंसक है, और यहां तक कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव अभियान में उन्होंने ” अब की बार, ट्रंप सरकार” नारे का उल्लेख किया था। रूस संयुक्त राज्य अमेरिका के कट्टर प्रतिद्वंद्वियों में से एक है इसके बावजूद रुसी मोर्चे पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वो सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने इज़राइल के साथ भारत के संबंधों को भी प्रगाढ़ किया है, जिससे भारत को अपनी सैन्य रक्षा प्रणाली को मजबूत करने और आधुनिकरण करने में सहायता मिलेगी साथ ही इस्लामी आतंकवाद से निपटने में भी मदद मिल सकती है। इज़राइल की खुफिया एजेंसी साझाकरण संबंध में महत्वपूर्ण भागीदार हो सकता है, खासकर तब जब खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे बेहतरीन और खतरनाक खुफिया एजेंसियों में शुमार हो। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ उनका ‘ब्रोमांस’ उनकी यात्रा के अंत के दिनों में मीडिया की प्रमुख खबरें रही हैं। जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर ये कहकर कि भारत सभी समस्याओं पर काबू करने में मदद करेगा और जितना सम्भव हो उतनी कोशिश करेगा, उन्होंने भारत और अपना दोनों का ही कद बढ़ाया है।
फोर्ब्स ने कहा, पीएम मोदी दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत में “बेहद लोकप्रिय बने हुए हैं।” इसमें भारत के दो सबसे बड़े मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए मोदी सरकार के नवंबर 2016 के नोटबंदी के फैसले का हवाला दिया गया है। नोटबंदी के फैसले को पूरी दुनिया में सराहा गया था; व्यवहारिक अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर ने अपने ट्वीट में भारत में नोटबंदी को सपोर्ट किया था, जिन्हें 2017 में नोबेल पुरस्कार मिला था। उन्होंने कहा था कि, भारत में भ्रष्टाचार को कम करने और कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नोटबंदी एक शक्तिशाली उपकरण साबित होगा।
नोटबंदी और जीएसटी का फैसला भारत के टैक्स आधार में सुधार का प्रभावी उपकरण साबित हुआ है। नोटबंदी के दौरान टैक्स देने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गयी थी। टैक्स में सुधार आने के बाद से सरकारी खजाने में इजाफा हुआ है, जिसका उपयोग भारत के स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सार्वजनिक सेवाओं के लिए किया जाता है।
नोटबंदी से कश्मीर और मध्य भारत में स्थित आतंकवादियों और माओवादियों के वित्त पोषण करने वाले तार पर गहरी चोट की गयी थी। इसलिए नोटबंदी ने भारत को अपनी आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने में भी मदद की है। नोटबंदी से बीजेपी को चुनावों में भी लाभ मिला है, इस फैसले के सिर्फ तीन महीने बाद ही बीजेपी ने देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में जीत दर्ज की। इससे पता चलता है कि सभी आलोचनाओं के बावजूद आम लोगों के बीच नोटबंदी का फैसला लोकप्रिय हुआ था।
पीएम मोदी सरकार की वित्तीय योजनाएं जैसे कि वित्तीय समावेश के लिए जन धन, लड़कियों के शिक्षाधिकार के लिए ‘बेटी बचाओ और बाटी पढ़ाव’ और प्रधानमंत्री हेल्थ इन्श्योरेंस स्कीम या आशुष्मान स्कीम (जिसे मोदी केयर के नाम से जाना जाता है) देश के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ। फोर्ब्स ने उन्हें दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में 9 वां स्थान दिया है, जो ये दर्शाता है की वो दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक हैं।