ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने पुछा पूर्वाग्रह से ओतप्रोत सवाल, मोदी जी ने दिया करारा जवाब

पीएम मोदी थेरेसा

हम सभी अपने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक कुशलता से परिचित हैं। हालांकि, उनके लिए हर नया दिन चुनौतियों से कम नहीं होता, उनके आसपास ऐसे शत्रुओं की कमी नहीं है जो उन्हें पद से हटाने के लिए दिन रात कोशिशों में लगे रहते हैं लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

हाल में हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के बारे में एक खुलासा किया है जो शायद आपको चौंका सकता है। दरअसल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को मंत्रालय की सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी जी के शानदार विवेक के बारे में बताया। सुषमा ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रसिद्ध कॉमनवेल्थ समिट के बारे बात की जहां अभी हाल ही में मोदी जी शामिल हुए थे। उन्होंने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसे मे के बीच विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर कॉमनवेल्थ समिट के दौरान हुई बातचीत का जिक्र किया।

कॉमनवेल्थ समिट के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे सहित राष्ट्रमंडल के कई महत्वपूर्ण नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान थेरेसा मे ने बड़े उद्योगपति से भगोड़ा बने विजय माल्या के प्रत्यर्पण मुद्दे को उठाया।

दरअसल, थेरेसा ने पीएम मोदी से कहा कि ब्रिटेन की अदालतें जिन्होंने इस मुद्दे की जांच की है वो भारतीय जेलों की स्थिति से चिंतित हैं कि क्या विजय माल्या को भारत में प्रत्यर्पित करना चाहिए। वो जानना चाहती थीं कि क्या विजय माल्या के लिए भारतीय जेलों में पर्याप्त व्यवस्थाएं होंगी, क्योंकि ब्रिटेन की अदालत का कहना है कि भारतीय जेलों की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है।

सुषमा ने बताया,  पीएम ने थेरेसा को ऐसा जवाब दिया जिसने न सिर्फ थेरेसा को चौंका दिया बल्कि उनके शानदार राजनैतिक कौशल को भी प्रदर्शित किया। पीएम मोदी ने उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मुझे पता है कि आपकी अदालत हमारे जेलों की परिस्थितियों को देखने आयी है और मैं आपको बता देना चाहता हूं कि ये वही जेलें हैं, जिसमें आपने कभी महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू जैसे अन्य बड़े भारतीय नेताओं को रखा था, ऐसे में उन जेलों पर सवाल उठाना आपकी अदालतों के लिए सही नहीं है।”

इस जवाब से पीएम मोदी ने अपने बेहतरीन विवेक का परिचय दिया है। इससे उन्होंने एक तीर से दो निशाने लगाये। उन्होंने न सिर्फ ये बताया कि वो पूर्व नेताओं की तरह सीधे नहीं है जिन्हें आसानी से चुप करा दिया जाए बल्कि उन्होंने ये भी जता दिया कि वो अपने गृह स्थिति से पूरी तरह वाकिफ हैं। ब्रिटेन दशकों से अपने स्पष्ट पाखंड के लिए जाना जाता है और इससे कोई अनजान नहीं है। ब्रिटिश राज के दौरान भारत में उनके साम्राज्य द्वारा बनाई गयीं जेलें आज भी उनके पाखंड का गवाह हैं।

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कोई भी इस बात से अनजान नहीं है कि अंग्रेजों ने जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी जैसे लोगों को कैद किया था, और उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर, भगत सिंह, महाबीर सिंह आदि जैसे अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ कैसा बर्ताव किया था, खासकर सेलुलर जेल जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को कैद रखने के लिए बनाई गई थी। क्रांतिकारियों और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना में नेहरु और गांधी जी की जेल अन्य जेलों की बजाय पांच सितारा लक्जरी रिसॉर्ट्स से कम नहीं थी। उन्हें अन्य जेल के कैदियों की तरह काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता था। यहाँ तक कि सुभाष चंद्र बोस और वल्लभ भाई पटेल एक समृद्ध परिवारों से थे इसके बावजूद उन्हें अपने जीवनकाल में ऐसी लक्जरी नहीं मिली थी।

इसके अलावा, हम उम्मीद करते हैं कि अंग्रेज इस विलासिता से अनजान नहीं है कि कुछ समृद्ध कैदियों को जेल में रहने के बावजूद इस तरह की सुविधा दी जाती है। कुख्यात सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज से लेकर जिसने सेंट्रल जेल को अपने निजी गृह में बदल दिया था, आज के लालू यादव तक जो अपनी मर्जी से जेल से बाहर आते हैं, भारतीय जेलें कभी भी नरक की तरह नहीं रही हैं, खासकर तब जब समृद्ध और राजनीतिक कैदियों की बात हो। यहां तक कि खतरनाक अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन ने मुख्य रूप से परिसर में आत्मसमर्पण किया क्योंकि उससे भी इस बात का अंदाजा था कि निश्चित रूप से भारतीय जेल में उसके साथ अच्छा व्यवहार किया जायेगा।

जब पीएम मोदी ने पीएम थेरेसा को आश्वस्त किया कि भारतीय जेल में विजय माल्या के साथ अन्य कैदियों की तरह ही व्यवहार किया जायेगा, उन्होंने ये जता दिया कि वो न केवल अपने शब्दों के प्रति दृढ़ हैं बल्कि एक कुशल राजनेता भी हैं जो किसी भी स्तर पर पाखंड को बर्दाश्त नहीं करते हैं। यदि वो विजय माल्या को वापस लाने में सफल हो जातें हैं तो ये निश्चित रूप से शानदार कदम होगा जो विपक्ष द्वारा पीएम मोदी पर किये गये झूठे दावों की धज्जियां उड़ा देगा साथ ही पीएम मोदी की इस सफलता से वो अगले पांच वर्षों के लिए एक बार फिर से भारत के प्रधान सेवक बने रहेंगे।

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