जेडब्ल्यू मेरियट मार्किस होटल द्वारा अतुल कोचर को बर्खास्त किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है

अतुल कोचर

दशकों तक विदेशी आक्रमणकारी भारत पर शासन करते रहे और इसके पीछे की मुख्य वजहों में से एक है देश को अंदर ही अंदर से खोखला करने वाले देशद्रोही हैं। ये देशद्रोही अपने फायदे के लिए विदेशी आक्रमणकारियों का साथ देते हैं। अभी भी हालात ज्यादा नहीं बदले हैं वास्तविकता में देशद्रोहियों की संख्यां में बढ़ोतरी हुई है। समय समय पर हमें ऐसे देशद्रोही देखने को मिलते हैं जो देश के दुश्मनों, आतंकियों, नक्सलियों और देश को बाटने वालों का समर्थन करते हैं।

चलिए मूल मुद्दे पर आते हैं, दुबई के जेडब्ल्यू मेरियट मार्किस होटल में काम करने वाले सेलेब्रिटी शेफ अतुल कोचर को सच बोलने के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। जो सच उन्होंने बोला वो उदारवादियों की नजर में विवादित और इस्लाम-विरोधी है। उन्होंने प्रियंका चोपड़ा की क्वांटिको शो को लेकर आलोचना की थी जिसमें भारतियों द्वारा मैनहैटन को न्यूक्लियर से उड़ाने की योजना बनाते हुए दिखाया गया है और वो और कोई और नहीं बल्कि हिंदू पुरुष हैं जिन्होंने रुद्राक्ष पहना है। इसके अलावा इस एपिसोड में पाकिस्तानियों को निर्दोष दिखाया गया जिनपर भारतीय हमला करने का ठीकरा मढ़ते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रियंका चोपड़ा और क्वांटिको की पूरी टीम पर दुःख जताया है। प्रसिद्ध भारतीय सेलिब्रिटी शेफ, अतुल कोचर प्रियंका चोपड़ा के खिलाफ खुलकर सामने आये, उन्होंने ट्वीट किया, ” ये देखकर दुःख हुआ कि आपने 2000 साल से इस्लाम से आतंकित हो रहे हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान नहीं किया। तुम्हें शर्म आनी चाहिए।'” यहां उन्होंने वर्ष के अलावा कुछ भी गलत नहीं कहा था। लेकिन कुछ छद्म बुद्धिजीवियों ने इसे गलत पाया और इस्लाम विरोधी बताया।

रूपा सुब्रमण्यम (हम नहीं जानते कि ये कौन हैं- पत्रकार / अर्थशास्त्री / इतिहासकार, कोई जानता है?) ने अतुल कोचर के ट्वीट पर कहा, ‘ये ट्वीट संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में जहां आप काम करते हैं वहां के अधिकारी इसे हलके में नहीं लेंगे और यहां तक कि रूपा ने इसमें उन्हें भी टैग किया जहां अतुल कोचर काम करते हैं।’

बाद में अतुल कोचर को अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के तहत अपने बोले गये शब्दों के लिए माफी मांगने के लिए दबाव डाला गया था।

 

https://twitter.com/atulkochhar/status/1006099306590474240

https://twitter.com/atulkochhar/status/1006587584179564544

रूपा के इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर पूरा राईट-विंग एक साथ खड़ा नजर आया जो इससे पहले कभी नहीं देखा गया था। एक राईट-विंग मीडिया OpIndia ने लिखा कि वो शर्मिंदा हैं कि उन्होंने रुपा सुब्रमण्य द्वारा लिखित एक लेख प्रकाशित किया था। उन्होंने ये भी कहा कि वो कभी रुपा सुब्रमण्य के साथ भविष्य में कोई काम नहीं करेंगे। अन्य राईट-विंग वेबसाइट ने भी रुपा सुब्रमण्य से खुद को अलग कर लिया।

वहीं दूसरी तरफ अतुल कोचर के इस बयान के बाद जेडब्ल्यू मेरियट मार्किस होटल के साथ उनके एग्रीमेंट को रद्द करने के लिए कुछ उदारवादी आवाज उठाने लगे। जिसके बाद अतुल कोचर को अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के तहत अपने विचार रखने के लिए दुबई के जेडब्ल्यू मैरियट कारक्विज़ होटल ने इस्लाम विरोधी ट्वीट बताकर उन्हें निकाल दिया। अतुल कोचर को होटल से निकाल दिए जाने के बाद से पूरा प्रो-इस्लाम उदार-धर्मनिरपेक्ष समूह जश्न मना रहा है।

अतुल कोचर को होटल से निकालने के बाद जेडब्ल्यू मैरियट कारक्विज़ होटल एक बेतुके विवरण के साथ सामने आया। होटल ने कहा, दुबई के जेडब्ल्यू मैरियट कारक्विज़ होटल में हम अपनी संस्कृति की विविधता पर गर्व करते हैं और हम अपने होटल और रेस्तरां में मेहमानों और सहयोगियों को शामिल करते हैं। लेकिन अतुल कोचर का ट्वीट सिर्फ उनकी राय और इतिहास का सच था। हो सकता है उसमें थोड़ी गलती थी लेकिन वो गलती इतनी भी प्रासंगिक नहीं है। ऐसा लगता है कि या तो जेडब्ल्यू मैरियट कारक्विज़ होटल पूरी दुनिया में प्रो-इस्लामी उदार फासीवाद के ब्रांड से पीड़ित है या ये निर्णय डरकर लिया है। जो भी हो लेकिन ये तो सच है कि अतुल कोचर को सिर्फ हिंदुओं का समर्थन करने के लिए और सच बोलने के लिए निकाल दिया गया है।

भारतियों ने अपने इतिहास से कोई सीख नहीं ली है। ट्विटर की आड़ में किसी को अपमानित करना ट्रोल करना और हर विषय का खुद को विशेषज्ञ बताना अलग बात है लेकिन भारत के ही एक साथी ( भारतीय मूल का व्यक्ति) की आजीविका और उसके जीवन पर मंडराते खतरे को पर जश्न मनाना अलग बात है। कुछ लोगों के लिए अपने साथी के जीवन से ज्यादा जरुरी उनका अहंकार की संतुष्टि होती है।

देश के अंदर रहने वाले गद्दार कितने खतरनाक हैं ये तो आप समझ ही गये होंगे। मार्कस टुलियस सिसरो नेइस ने इस मुद्दे पर एक बार कहा था कि, “एक राष्ट्र अपने मूर्खों और यहां तक ​​कि अति महत्वाकांक्षी के साथ जीवित रह सकता है लेकिन देश में पल रहे दुश्मन किसी भी राष्ट्र के लिए बड़ा खतरा है। बाहरी दुश्मन खुलेआम दुश्मनी का तमगा लेकर दरवाजे पर खड़ा रहता है और अपनी मंशा खुलेआम जाहिर करता है जबकि घर के अंदर पल रहा दुश्मन अपनों के बीच रहकर अपनों के लिए ही जाल बुनता है और देश को अंदर ही अंदर खोखला करता रहता है। वो एक राष्ट्र की आत्मा को झकझोर सकता है और भारी मात्रा में राष्ट्र को क्षति पहुंचा सकता है।”

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