पुडुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी ने राज्य में ‘नेम एंड शेम’ डिफॉल्टर्स की अनूठी पहल की है जिसके शुरू होने के बाद पहले ही दिन उत्कृष्ट परिणाम देखने को मिला। उप राज्यपाल द्वारा प्रस्तावित इस रणनीति को लागू करने के लिए विद्युत विभाग ने उन डिफॉल्टर्स के नाम प्रकाशित किये जिन्होंने बिलों के बकाये राशि का भुगतान नहीं किया है। इसके परिणामस्वरूप विद्युत् विभाग ने पहले ही दिन 14 लाख रुपये एकत्रित किये। विद्युत् विभाग को डिफॉल्टर्स द्वारा बिलों के बकाये राशि का भुगतान न किये जाने पर इस आखिरी दांव से काफी लाभ पहुंचा और ये अनूठी पहल डिफॉल्टर्स में डर पैदा करने में कामयाब रहा है।
पुडुचेरी में कई विभाग फंड की कमी से जूझ रहे हैं। पुडुचेरी के विद्युत् विभाग पर 120 करोड़ रुपये का बिल था जिसका भुगतान नहीं किया गया था। इस बकाया बिलों से बाहर निकलने के लिए उप राज्यपाल ने विद्युत् विभाग को निर्देश दिए कि उन डिफॉल्टर्स के नाम की सूची को अख़बारों में प्रकाशित करें और FM रेडियो चैनल्स में भी घोषणा करवाएं। उप राज्यपाल किरण बेदी ने ये भी कहा कि बुधवार से डिफॉल्टर्स के नाम की सूची स्थानीय भाषा के न्यूज़पेपर में प्रकाशित किये जायेंगे। उनके अनुसार, “इसका उद्देश्य बिजली के बकाया राशि को प्राप्त करना है जो बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों से जुड़ा है। डिफॉल्टर्स का नाम दें और उन्हें शर्मिंदा करें और इस प्रकार डिफॉल्टर्स से आप बकाया राशि प्राप्त करें। इससे विभागों के वेतन का भुगतान करने, पिछले बिलों का निवारण करने और बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए पर्याप्त संसाधन होंगे।“
डेक्कन क्रॉनिकल के अनुसार, व्हाट्सएप मैसेज में उप राज्यपाल ने कहा, “विद्युत् विभाग के काउंटरों पर एक दिन में बिजली बकाया की कुल राशि 14 लाख रुपये एकत्रित किये गये हैं। बैंकों से ऑनलाइन संग्रह को अभी गिनना बाकी है।”
ये पहल सफल साबित हुआ है और इसके शुरू होने के कुछ घंटों में लाखों रुपये का बकाया राशि एकत्रित होने के साथ इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। यहां तक कि आज कई प्रमुख इंडस्ट्रियल हाउस भी 4 करोड़ के बिलों का भुगतान कर रहे हैं। इस सफलता के बाद, किरण बेदी ने कहा कि संपत्ति कर और नगरपालिका शुल्क जैसे अन्य अवैतनिक बकाया भी इसी तरह से निकाले जाएंगे।
‘Naming and Shameing’ as a last resort..
Beginning of Mission-Recovery of Pending Dues. Below is the first list of Electricity Bill defaulters gone public. Other departments set to follow such as property tax defaulters, professional, Municipal, Octroi, Cable Entertainment etc.. pic.twitter.com/VUKFlp5lh2— Kiran Bedi (@thekiranbedi) June 26, 2018
Dramatic jump in across the counter recovery of pending electricity bills. Online deposit is under a count.
The naming and shaming has worked. More exposure planned by increasing the media reach.
Good news is that Municipal Services too are gearing up to do a similar process. pic.twitter.com/xq1yTFSf4N— Kiran Bedi (@thekiranbedi) June 26, 2018
पुडुचेरी के स्थानीय मीडिया ने किरण बेदी के इस अनूठे कदम की सराहना की। उपराज्यपाल ने स्थानीय प्रशासन विभाग (एलएडी) के सचिव और निदेशक की इस कार्रवाई को सफलतापूर्वक शुरू करने के लिए सराहना की और उन्हें अन्य विभागों से बिजली विभाग द्वारा नियोजित एक ही रणनीति को अपनाने के लिए कहा। उनके निर्देश के बाद, एलएडी के सचिव पी जवाहर ने एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया है, “पुडुचेरी में स्थानीय निकायों को अपने लंबे समय से लंबित बकाया राशि वसूलने के लिए ऐसी रणनीति को अपनाना चाहिए। इसके अलावा, स्थानीय निकायों को भी जिला कलेक्टर के माध्यम से राजस्व रिकवरी अधिनियम के तहत डिफॉल्टर्स के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।”
न सिर्फ पुडुचेरी के राजस्व विभाग को बल्कि इस तरह के अनूठे पहल को राष्ट्रीय स्तर पर और राज्यों में भी शुरू किये जाने की जरूरत है। ‘नेम एंड शेम’ पहल प्रशंसनीय कदमों में से एक है जो किरण बेदी द्वारा पुडुचेरी में शुरू किया गया जिससे प्रशासन की दक्षता और पारदर्शिता आयेगी। खासकर उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित किया जिसके अनुकूल परिणाम मिले हैं। ‘राज निवास’ की सार्वजनिक छवि के विपरीत जनता की पहुंच से बाहर एक संस्थान के रूप में किरण बेदी ने एक अलग दृष्टिकोण स्थापित किया है और वो जनता से सीधे जुड़ी हैं और शायद यही वजह है कि उन्हें अक्सर ही जनता का राज्यपाल कहा जाता है।