“महाराणा प्रताप महान थे, अकबर नहीं”: सीएम योगी

महाराणा प्रताप सीएम योगी

“मेरे बहादुर योद्धा भाइयों, हमारी मातृभूमि, मेवाड़ की ये पवित्र भूमि अभी भी मुगलों के चंगुल में है। आज मैं आप सभी के सामने शपथ लेता हूं कि जब तक चितोड़ आजाद नहीं होता है… तब तक मैं सोने और चांदी की प्लेटों में भोजन करने की बजाय पत्तों से बने पत्तलों में भोजन करूँगा… फर्श पर सोऊंगा… और झोपड़ी में रहूंगा। चित्तौड़ जब तक आजाद नहीं हो जाता तब तक मैं दाढ़ी भी नहीं बनवाऊंगा। मेरे बहादुर योद्धाओं, मुझे यकीन है कि इस शपथ को पूरा होने तक आप अपने तन, मन और धन को त्यागने के साथ हर तरीके से मेरा समर्थन करेंगे। “जय भवानी” महाराणा ने जोर से कहा।” जय भवानी” सेना ने जयघोष किया। उन्होंने जो कहा था वो वास्तव में उन्होंने किया था। कल बहादुर योद्धा महाराणा प्रताप की जयंती थी जिन्होंने 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई में अकबर की सेना को हराया था। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर महाराणा प्रताप की सराहना की।

सीएम योगी अदित्यनाथ को सच बोलने के लिए जाना जाता है। उन्होंने फिर से यही किया, कल राजा महाराणा प्रताप की स्मृति में आरएसएस ने एक समारोह आयोजित किया था इस समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ये महाराणा प्रताप थे जो महान थे… अकबर नहीं। और ये कथन बिल्कुल सच भी है क्योंकि मुगल बर्बर आक्रमणकारी थे जिन्होंने लाखों हिंदुओं को मार डाला था। चित्तौड़गढ़ किले की घेराबंदी के दौरान अकबर ने 30,000 हिंदुओं की हत्या की थी। ऐसा व्यक्ति ‘महान’ कहलाने के लायक नहीं है। सिर्फ अकबर नहीं, हिंदुओं को सभी मुस्लिम और मुगल शासकों के अधीन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है जबकि किसी भी हिंदू शासक ने कभी अपने मुस्लिम साथियों के साथ ऐसा नहीं किया। मुस्लिम आक्रान्ताओं के क्षमा प्रार्थियों ने इतिहासकार का मुखौटा पहन कर मुगलों की बर्बरता पर पर्दा डाल दिया और अब उन्हें इतिहास की किताबों में उदार शासकों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

सीएम योगी ने एक विदेश हमलावर के समक्ष आत्मसमर्पण न करने और राज्य की संप्रभुता के लिए लड़ने के लिए महाराणा प्रताप की प्रशंसा की। जय श्री राम के नाम की गूंज के बीच सीएम योगी ने कहा, “अकबर ने महाराणा प्रताप से कहा था कि उन्हें राजा के रूप में स्वीकार कर लें और कहा कि वो उनके राज्य में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे लेकिन महाराणा प्रताप ने कहा, मैं अकबर को राजा के रूप में कभी स्वीकार नहीं कर सकता, वो एक तुर्क है और वो वही रहेगा…. वो एक मित्र के रूप में हमारे आत्मसम्मान को क्षति पहुंचाएगा… हम विधर्मी और एक विदेशी शासक को स्वीकार नहीं कर सकते।“ उन्होंने आगे कहा, “महाराणा प्रताप ने साबित किया कि वो अकबर नहीं था जो महान थे बल्कि महाराणा प्रताप थे जिन्होंने आखिरकार अपने दुर्ग किले को वापस जीता था।“ मुख्यमंत्री योगी ने महाराणा प्रताप की जीत में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदाय के योगदान को भी मान्यता दी। उन्होंने कहा, “वास्तव में ये जनजाति थी, जिसने प्रताप को महान बनाया। महाराणा प्रताप किसकी ताकत पर लड़ते थे…. ये जातियां थीं जिन्हें हम आज दलित, पिछड़े और वानवासी कहते हैं।“ सभी समुदायों ने एक मुस्लिम शासक अकबर के खिलाफ एकता प्रदर्शित की थी। उनके प्रयास का भुगतान किया गया और महाराणा ने अपने राज्य को वापस पाने के लिए अकबर की सेना को हराया। महाराणा ने कभी अकबर की सर्वोच्चता स्वीकार नहीं की।

इतिहासकार का मुखौटा पहने हुए वामपंथी फिक्शन लेखकों की तुलना में सीएम योगी को इतिहास के बारे अधिक जानकारी है। वो इतिहास के महत्व को जानते हैं। वो राजनीतिक शुद्धता नामक एक संक्रामक बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं। वो इस तथ्य से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि जो लोग अपने इतिहास से अवगत नहीं होते वो अतीत में की गयी गलतियों को बार-बार दोहराते हैं। फिल्म ‘मोन्यूमेंट मैन’ में इतिहास को जानने के महत्व को अच्छी तरीके से इस पंक्ति के जरिये बताया गया है, “आप पूरी पीढ़ी को मिटा सकते हैं, आप उनके घरों को जलाकर खत्म कर सकते हैं और वो किसी भी तरीके से फिर से वापस अपने आपको स्थापित कर सकते हैं। लेकिन यदि आप उनके इतिहास को खत्म कर देते हैं तो आप उनकी उपलब्धियों को भी समाप्त कर देते हैं और तब ऐसा लगेगा जैसे कभी उनका अस्तित्व था ही नहीं।”

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