न्यूज़ 18 की ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के छात्र विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान पर यौन शोषण का आरोप लगा है। छत्तीसगढ़ के भिलाई की NSUI की कार्यकर्ता ने फिरोज खान पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। वहीं, NSUI ने इस मामले की कथित तौर पर जांच करने के लिए जांच कमेटी का गठन किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता भिलाई की है और उसने इस मामले की शिकायत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से की है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीड़िता पिछले महीने कर्नाटक के बेंगलुरु में हुए एनएसयूआई के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल थी। आरोप लगाया गया है कि उसी अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने इस महिला कार्यकर्ता का यौन शोषण किया था।
हालांकि, NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी रूचि गुप्ता ने कहा कि संगठन को इस मामले से जुड़ी कोई शिकायत नहीं मिली है। मीडिया के मध्यम से ही संगठन को इस मामले की जानकारी मिली है। फिर भी ये मामला गंभीर है और इसलिए जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गयी है। जैसे ही कमेटी की रिपोर्ट आती है इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी।
ये पहली घटना नहीं है जब किसी कांग्रेस नेता पर यौन शोषण का आरोप लगा हो। इससे पहले 2013 में असम में कांग्रेसी नेता बिक्रम सिंह ब्रह्मा को कथित तौर पर एक विवाहित महिला का रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक ब्रह्मा ने कथित तौर पर पीड़ित महिला के साथ ‘मैत्रीपूर्ण संबंध बनाये रखा’ और कांग्रेस पार्टी में महिला को उच्च पद देने का वादा किया था।
जुलाई 2017 में केरल कांग्रेस के विधायक एम. विंसेंट को यौन प्रताड़ना और एक 51 वर्षीय महिला का पीछा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बिहार में कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय पर सेक्स रैकेट चलाने और एक नाबालिग दलित लड़की के यौन शौषण का आरोप लगा था।
कांग्रेस नेता बाबूलाल नागर पर 2013 में एक 35 वर्षीय महिला का यौन शोषण और बलात्कार करने का आरोप था। उन्होंने महिला को सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया था और लगातार उसका यौन उत्पीड़न करते रहे। बाद में उन्हें अपने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 1996 में केरल में 16 वर्षीय लड़की के साथ लगातार बलात्कार के मामले में अनुभवी कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यसभा अध्यक्ष को आरोपों का सामना करना पड़ा था। 2016 में पुणे के कांग्रेस नेता शिवानंद हुलयालकर पर उनकी कंपनी में काम करने वाली 23 साल की एक पूर्व कर्मचारी का लगातार रेप करने का आरोप था। 2013 में हरियाणा के कैबिनेट मंत्री गोपाल कांडा पर पूर्व एयर होस्टेस के साथ बलात्कार करने, अप्राकृतिक यौन शोषण करने का आरोप था। इसके साथ ही उसे खुदकुशी के लिए उकसाने का भी आरोप था। बाद में कांडा को अपने कैबिनेट पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। ये सूची यही खत्म नहीं होती है अगर मंत्रियों पर लगे आरोपों को गिनना शुरू किया जाए तो ये और लंबी होती जाएगी।
सिर्फ यौन शोषण ही नहीं। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की सेक्स-सीडी ने तो राजनीतिक माहौल में खलबली मचा दी थी जब उनकी सेक्स-सीडी 2012 में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी। कई लगों ने कहा था कि भारत के डिजिटलिज़शन में मनु सिंघवी की तरफ से ये एक छोटा सा योगदान था।
ये समय की मांग है कि कांग्रेस अध्यक्ष को अपने मंत्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस तरह का जघन्य अपराध फिर न दोहराए जायें। इसके अलावा न्याय प्रणाली की बलात्कार / यौन उत्पीड़न के मामलों को और गंभीरता से लेने की जरूरत है।