सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को शर्मिंदा कर देने वाले एक वाक्य में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री ने पीएम मोदी की प्रशंसा की है। आगरा में कांग्रेसी नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के बेटे से मिलने और उन्हें बधाई देने के लिए एकजुट हुए थे। हालांकि सभी कांग्रेस के नेता तब शर्मनाक हालात का सामना करना पड़ा जब सुनील शास्त्री द्वारा की गयी प्रशंसा पीएम मोदी के लिए थी। उन्होंने पीएम मोदी की तुलना अपने पिता से भी की जोकि कांग्रेस के प्रधानमंत्री थे।
उन्होंने कहा कि उन्हें लाल बहादुर शास्त्री का बेटा होने पर गर्व है जिन्होंने कभी अपने बारे में कभी नहीं सोचा बल्कि देश के प्रति अपने कर्तव्य को सबसे ऊपर रखा। उन्होंने कहा जब तासकंद में पिता का असामयिक निधन हुआ तो वह तीन भाइयों के लिए सिर्फ एक कमरा और कोट छोड़ गए थे। अपने पिता के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि उनके पिता एक साधारण व्यक्ति थे जो भारत के निर्माण में विश्वास रखते थे लेकिन कभी उन्होंने निजी लाभ अर्जित नहीं किया। सुनील शास्त्री ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि वो मेरे पिता की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा रहे हैं और सबका साथ सबका विकास के जरिये वो देश की जनता के विकास में लगे हुए हैं। शास्त्री ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आज के समय में नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है और बीजेपी रिकॉर्ड सीटों के साथ फिर से सत्ता में लौट आएगी।
सुनील शास्त्री की टिप्पणियों ने लाल बहादुर शास्त्री और वर्तमान प्रधानमंत्री के बीच की समानताओं पर प्रकाश डाला है। दोनों ही एक विनम्र पृष्ठभूमि से हैं और देश के विकास के लिए काम करते हैं। लाल बहादुर शास्त्री की तरह ही पीएम मोदी भी एक सच्चे देशभक्त हैं जो निरंतर देश को आगे बढाने की दिशा में काम करते हैं। इसके अलावा दोनों ने देश के बेहतर भविष्य की दिशा में जो कार्य किये हैं उनमें सफलता हासिल की है। इन सबके अलावा दोनों ने नेहरु-गांधी परिवार के आधिपत्य को अपने तरीके से चुनौती दी। जबकि पीएम मोदी ने कांग्रेस समेत शाही परिवार को पतन की ओर धकेला है, शास्त्री ने एक उपकरण की तरह काम किया है और सुनिश्चित किया कि नेहरु-गांधी परिवार राष्ट्र पर एकाधिकार का आनंद न उठा पाए। अपने दौर में उन्होंने एक आदर्श स्थापित किया कि देश में कोई भी सार्वजनिक लोकप्रियता के समर्थन का आनंद उठा सकता है और देश का नेतृत्व कर सकता है और इसके लिए किसी को भी किसी विशेष परिवार से संबंधित होने की आवश्यकता नहीं है।
इस तथ्य पर कोई संदेह नहीं है कि लाल बहादुर शास्त्री भारत के स्वतंत्र इतिहास में सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री थे। सन 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद जब भारत खाद्यान की कमी से जूझ रहा था तब देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने नेतृत्व में न केवल भारत को खाद्यान समस्या से उबारा था बल्कि 1965 में हुए युद्ध में पाकिस्तान को भारी क्षति पहुंचाई थी। 1962 में मिली हार के बाद से निराश रक्षा बलों का जिस तरह से उन्होंने नेतृत्व किया वो किसी चमत्कार से कम नहीं था। सैनिकों और किसानों को उत्साहित करने के लिए उनका “जय जवान, जय किसान” का नारा हमेशा के लिए अमर हो गया।
प्रधानमंत्री मोदी बेहतर भविष्य और मजबूत, विकसित भारत के लिए आशा का प्रतिक हैं। पीएम मोदी ने अपने तरीके से नीतिगत, घोटालों, पक्षपात और आतंकवादी हमलों का प्रतिक बन चुके यूपीए के शासन से भारत को बाहर निकाला था। उनका मजबूत नेतृत्व, आर्थिक नीतियों की आवाज और बलपूर्वक विदेश नीति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक नए स्तर पर ले गया है। जबकि इससे पहले भारत को एक ऐसे राष्ट्र की तरह देखा जाता था जिसका भविष्य निराशाजनक था लेकिन पीएम मोदी ने सत्ता में आते ही भारत के विकास में प्रगति लायी जिससे विश्व स्तर पर उभरती महाशक्ति के रूप में देखा जाने लगा है।
ये निश्चित तौर पर कांग्रेस के बुरे सपनों में से एक है। हालांकि, ऐसा होना निश्चित था। नेहरु-गांधी परिवार और उनके वफादार ने गैर-नेहरु-गांधी के प्रधानमंत्री व उनके परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया था लेकिन कांग्रेस में सिर्फ पी.वी नारास्सिम्हा राव और लाल बहादुर शास्त्री जो गैर-नेहरु गांधी परिवार से थे, ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जिनका प्रदर्शन उच्च रहा है। उन्हें अतीत में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री के बराबर का स्थान दिया गया है। हालांकि, अब तरह की तुलना मुख्यधारा की मीडिया में दिखाई जाने लगी है जिसने कांग्रेस खासकर पार्टी में परिवार व उनके चापलूसों की रातों की नींद उड़ा दी है।