कांग्रेस पार्टी की विभाजनकारी नीति एक बार फिर से सामने आयी है। कांग्रेस पार्टी हमेशा से हीं जातिवाद और धार्मिक कोण के नजरिये से लोगों को देखती रही है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एक जाति पर आधारित पत्र लिखा है जिसके सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। आश्चर्यचकित करने वाली बात ये है कि ये जानकारी गुपचुप तरीके से किसी और द्वारा नहीं बल्कि उनके संसदीय अधिकारिक लेटरहेड पर लिखा गया था जिसपर उनके हस्ताक्षर थे। ये पत्र 31 मई, 2018 का है।
इस पत्र में कमलनाथ राहुल गांधी को मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव की पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कह रहे हैं। कमलनाथ ने कहा है कि इससे ओबीसी समुदाय के बीच कांग्रेस के सम्मान में वृद्धि होगी।
SHOCKING: Kamal Nath writes to Rahul Gandhi telling him to attend a MP OBC leader's death anniversary for political gain. Read the letter here https://t.co/ZAVaqMAQEx
— Republic (@republic) June 1, 2018
पत्र में कमलनाथ ने लिखा है:
प्रिय राहुल जी,
दिवंगत सुभाष यादव मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री थे और राज्य के प्रमुख ओबीसी नेता भी थे। खरगौन के कसरावाद में 26 जून 2018 को दोपहर 2 बजे उनकी पुण्यतिथि का कार्यक्रम रखा गया है। मध्यप्रदेश में भारी संख्या में ओबीसी की जनसंख्या है और अनुमान लगाया जा रहा है कि भारी संख्या में ओबीसी वर्ग के लोग इसमें शामिल होंगे। प्रचार की दृष्टि से ये मालवा और निमाड़ में महत्वपूर्ण कार्यक्रम होगा। इनमें 61 विधानसभा आते हैं।
इसलिए आपसे आग्रह करता हूं कि आप भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति प्रदान करें। इस कार्यक्रम को संविधान बचाओ देश बचाओ कार्यक्रम कहा जा रहा है। मैं इस कार्यक्रम में आपकी भागीदारी को महत्वपूर्ण मानता हूं।
सादर,
कमल नाथ
अध्यक्ष-मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी
सबसे पहले ये दुःख की बता है कि वो अपने राजनीतिक फायदे के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री के पुण्यतिथि के मौके पर उनकी जाति का उपयोग कर रहे हैं। ये दर्शाता है कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए कितनी बेताब है। जब कांग्रेस सत्ता में थी तब वो नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों के नाम का इस्तेमाल कॉलेजों, स्कूल, अस्पताल, स्टेडियम, यहां तक कि हवाई अड्डे सहित सभी प्रमुख संस्थानों को नामित करने के लिए करती थी। शक्तिशाली राज्य व क्षेत्रीय नेताओं को दरकिनार कर दिया गया था। आज जब वो सत्ता से बाहर हैं तो सत्ताधारी पार्टी को लक्षित करने के लिए एक दिवंगत नेता की जाति का उपयोग कर रहे हैं। वो शोक कार्यक्रम को चुनाव अभियान रैली में बदल रहे हैं। यहां तक कि वो पार्टी जो अपनी सीमाओं को लांघने के लिए जानी जाती है अब उस पार्टी का ये एक नया निम्न स्तर सामने आ गया है।
दूसरा ये है कि कांग्रेस पार्टी जैसे खुलकर जातिवाद की राजनीति कर रही है वो शर्मनाक है। एक पार्टी से और क्या उम्मीद की जा सकती है जिसके नेता सत्ता के लिए देश को बांटना चाहते हैं। आजादी के 70 सालों बाद भी उनके नेता खुलेआम समाज को बांट कर उनसे जातिवाद के नाम पर वोट चाहते हैं जिससे वो फिर से सत्ता में आ सकें। वो अपने राजनीतिक लाभ को साधने के लिए लोगों को जाति, धर्म, भाषा के नाम पर विभाजित करना पसंद करते हैं।
इंडोर मीटिंग की जगह एक पत्र का लिखना और इसमें जिस तरह की लिखावट है उससे कई सवाल खड़े होते हैं। क्या पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है या राहुल नेताओं के पहुंच से इतने परे हो गये हैं कि इस तरह के संवेदनशील और स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण चीजों को भी पत्र के माध्यम से बताया जा रहा है?
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने पहले ही अपनी विभाजनकारी नीति के लिए प्रचार प्रसार का अभियान शुरू कर दिया है। बीजेपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पिछले 15 वर्षों से राज्य में सफलतापूर्वक शासन कर रहे हैं। राज्य सरकार ने कृषि, बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों में काफी विकास किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने विकास कार्यों के लिए जाने जाते हैं। सही दृष्टि और विकास एजेंडा की कमी वाली कांग्रेस अब जाति के आधार पर सत्ता को पाने की कोशिशें कर रही है और यही वजह अहि कि कांग्रेस अपने दिवंगत नेता के जाति का उपयोग कर रही है।