राजस्थान की सीएम ने बड़े पैमाने पर किसानों का कर्ज माफ करने का किया ऐलान

कर्ज माफी वसुंधरा राजे राजस्थान

PC: NDTV

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस महीने बांसवाड़ा जिले से अपनी महत्वकांक्षी कर्ज माफी योजना का शुभारंभ किया। इस महत्वकांक्षी योजना का लक्ष्य राजस्थान के 29 लाख से ज्यादा कर्ज में डूबे हुए किसानों को लाभ पहुंचाना है। सीएम वसुंधरा राजे द्वारा घोषित की गयी ये कर्ज माफी योजना 2009 में कांग्रेस के चुनाव प्रचार और प्रसार का प्रमुख हिस्सा था। सीएम वसुंधरा की योजना ने 2008 में पी.चिदंबरम द्वारा कर्ज माफी की घोषणा को फीका कर दिया है, इस घोषणा ने 2009 में कांग्रेस को दुबारा सत्ता में लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यदि कर्ज माफी को चुनाव से पूर्व जीत के उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है तो ये निश्चित है कि सीएम वसुंधरा की योजना विपक्ष की सभी योजना पर पानी फेर देगा जो राजस्थान को बीजेपी के शासन से मुक्त करना चाहते हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 2019 के आम चुनावों से पहले चुनाव होने हैं और ये अनुमान लगाया जा रहा है कि लोक सभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकते हैं। जो भी हो, राजस्थान की सीएम द्वारा ये कर्ज माफ़ी की घोषणा राज्य और केंद्र सरकार को आने वाले सप्ताह में फायदा पहुंचाएगी।

राजस्थान में विरोधी लहर की चर्चा है क्योंकि विशेषज्ञों ने पहले ही कह दिया था कि वर्तमान सरकार का दुबारा सत्ता में आने की संभावना कम हैं। राज्य में सीएम वसुंधरा की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने  उन किसानों को राहत प्रदान करने की आवश्यकता को महसूस किया, जो बैंकों द्वारा दी  गई बड़ी  राशि के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे थे। कर्ज माफी के लिए कुल बजट 8,400 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि इससे राज्य भर में कुल 29  लाख से ज्यादा किसानों को लाभ मिलेगा। ये बजट 2009 में कांग्रेस शासन (1,345 करोड़ रुपये) के तहत दिए गए कर्ज माफी का लगभग 7 गुना ज्यादा है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा माफ किये गये कर्ज से जितने किसानों को लाभ हुआ था उसे कहीं ज्यादा किसानों को सीएम वसुंधरा द्वारा कर्ज माफी से लाभ मिल सकेगा। दरअसल, कांग्रेस के कर्ज माफी से सिर्फ 8 लाख किसानों को ही लाभ पहुंचा था जबकि सीएम राजे की कर्ज माफी योजना से 29 लाख से ज्यादा किसानों को लाभ मिलेगा।

कर्ज माफी योजना में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने डीएनए से बातचीत में कहा, “ये योजना अलग है इससे न सिर्फ कर्ज में डूबे किसानों को कर्ज से मुक्ति मिलेगी बल्कि वही किसान फिर से नया कर्ज ले सकेगा।” इसका मतलब ये है कि एक बार कर्ज माफ हो गया तो किसान इस कर्ज से पूरी तरह से आजाद हो जायेंगे। वो फिर से बैंकों में नया कर्ज लेने के लिए जा सकते हैं या अगर वो कर्ज लेने की इच्छा नहीं रखते तो अपनी गतिविधियां जारी रख सकेंगे। एक किसान का ज्यादा से ज्यादा 50,000 तक का कर्ज माफ़ किया जाएगा जिसका मतलब ये है कि छोटे किसानों को इस योजना से आने वाले दिनों में फायदा मिलेगा। 50,000 रुपये के कर्ज पर जमा ब्याज शामिल नहीं है, ये केवल सिद्धांत राशि है। सरकार कर्जों पर जमा ब्याज राशि का भुगतान अलग से करेगी, जो निश्चित रूप से राजस्थान के किसानों के लिए खुशखबरी और उनकी जीत है।

ऐसा लगता है कि सीएम वसुंधरा राजे ने अपनी पिछली गलतियों से सबक लिया है क्योंकि वो आने वाले चुनावों में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। राजे का वित्तीय रूप से सतर्क रहने का इतिहास है लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने वित्तीय रूप से कमजोर किसानों के लिए राज्य के खजाने को पूरी तरह से खोल दिया है। ये भारत के इतिहास में सबसे बड़े कर्ज माफी के निर्णयों में से एक हो सकता है। अतीत में राजस्थान ने बीजेपी के लिए अपना प्यार जाहिर किया था और ये फैसला दर्शाता है कि बीजेपी को अपनी जनता की परवाह है। राजस्थान की बीजेपी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा ये सराहनीय कदम उठाया गया है और राजस्थान के 29 लाख से ज्यादा किसानों को इसके लिए बधाई।

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