कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को रॉबर्ट वाड्रा के व्यापारिक सहयोगी श्रीनिवासन कृष्णन को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) तेलंगाना राज्य का सचिव नियुक्त किया। वाड्रा राजीव गांधी के ‘दामाद विकास योजना’ के सबसे बड़े और एकमात्र लाभार्थी हैं। अपने चतुर कौशल और कड़ी मेहनत से उन्होंने कई कंपनी शुरू की लेकिन रॉबर्ट वाड्रा और अवैध सौदों से लाभ कमाने वाली उनकी कंपनी को कुछ वर्षों से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रॉबर्ट वाड्रा के संदिग्ध कार्यों के खिलाफ सबसे पहले आवाज हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने 2013 में उठाई थी। खेमका ने वाड्रा पर हरियाणा के गुरुग्राम में करोड़ों की जमीन खरीदने और बेचने का आरोप लगाया था। खेमका के बाद कांग्रेस के पूर्व मंत्री राव इंद्रजीत ने सार्वजनिक तौर पर रॉबर्ट वाड्रा को जारी किये गये भूमि के लाइसेंस में अनियमितताओं की विस्तृत जांच की मांग की थी। कई लोगों के लिए ये आश्चर्य कर देने वाली बात थी कि कांग्रेस पार्टी के नेता ने इस मामले में आवाज तो उठाई ही साथ ही तत्कालीन कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद के खिलाफ जांच की मांग भी की थी। वाड्रा की मुश्किलें बीते वर्षों में बढ़ी हैं क्योंकि उनकी कंपनी राजस्थान में भूमि के अवैध सौदों से संबंधित मामलों की वजह से कठघरे में है।
श्रीनिवासन कृष्णन रॉबर्ट वाड्रा के व्यापारिक पार्टनर हैं और वो भी उतने ही विवादित हैं जितने की रॉबर्ट वाड्रा हैं। पगुरस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनिवासन कृष्णन ने रॉबर्ट वाड्रा की कई विवादास्पद फर्मों में सह-निदेशक के रूप में काम किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्होंने एविएशन चार्टर फर्म ब्लू ब्रीज़ ट्रेडिंग में भी निदेशक के रूप में काम किया है जिसके पहले निदेशक 2008 में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी पत्नी प्रियंका वाड्रा थीं। बहुत जल्द ही प्रियंका वाड्रा के इस्तीफे के बाद श्रीनिवासन ने उनकी जगह ले ली। वो वाड्रा की अन्य विवादास्पद फर्मों में भी निदेशक थे और बड़े रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ में भी सहयोगी थे।
श्रीनिवासन कृष्णन कांग्रेस के एक बड़े प्लेयर हैं। माना जाता है कि वो कांग्रेस सांसद शशि थरूर से भी जुड़े हैं और शशि थरूर की नई पहल पेशेवर कांग्रेस के भी एक पदाधिकारी हैं। वो दूरदर्शन के पूर्व अधिकारी और भारतीय सूचना सेवा अधिकारी भी थे। उन्होंने 1999 में भारतीय सूचना सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था और सोनिया गांधी की सचिवीय टीम के साथ खुद को जोड़कर उन्होंने सहायक के रूप में काम किया। कुछ लोगों के मुताबिक श्रीनिवासन का सलाहकार माधवन नामक एक लड़का प्रियंका गांधी के सचिवालय कार्यों को देखता है। दुबई स्थित विवादास्पद व्यवसायी सीसी थम्पी श्रीनिवासन के बहुत करीबी हैं। थम्पी ने रॉबर्ट वाड्रा के साथ व्यापारिक सौदा भी किया है। पिछले वर्ष प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एनआरआइ कारोबारी सीसी थम्पी पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के तहत 288 करोड़ रुपये के जमीन के सौदे के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के कार्यों की विवादित पृष्ठभूमि के बावजूद राहुल गांधी ने तेलंगाना कांग्रेस के सचिव के रूप में श्रीनिवासन को नियुक्त करने का फैसला किया। कांग्रेस पार्टी में ये भाई-भतीजावाद का एक और उदाहरण है। नेशनल हेराल्ड घोटाले मामले में जो खुद आरोपी हो उससे हम यही उम्मीद कर सकते हैं। इसका मतलब ये भी है कि किसी भी तरह से या अन्य तरीकों से प्रियंका वाड्रा कांग्रेस पार्टी के मामलों को प्रभावित कर रही हैं। RIightlog ने कई रिपोर्ट में बताया है कि कैसे कांग्रेस राहुल गांधी को दरकिनार कर रही है और प्रियंका गांधी को ज्यादा तवज्जों दे रही है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या श्रीनिवासन को तेलंगाना कांग्रेस का सचिव सिर्फ इसलिए बनाया गया है क्योंकि वो प्रियंका वाड्रा के पति के करीबी हैं?