जम्मू-कश्मीर के नए राज्यपाल को लेकर जारी अटकलों पर अब विराम लग चुका है क्योंकि केंद्र सरकार ने एन.एन वोहरा के कार्यकाल को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। 28 जून से शुरू हो रहे अमरनाथ यात्रा के समाप्त होने तक के लिए एन.एन वोहरा के कार्यकाल को आगे बढाए जाने का फैसला लिया गया है क्योंकि अगर अभी राज्यपाल को बदला गया तो इससे आगामी अमरनाथ यात्रा प्रभावित होगा। राज्यपाल के पद को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है वहीं राज्यपाल के सलाहकारों की नियुक्ति स्पष्ट हो गयी है। आने वाले दिनों में आतंकवादियों के गुटों पर मजबूत पकड़ बनाने की कोशिशें तेज हो गयीं है और शायद यही वजह है कि बीजेपी ने गठबंधन से अपना समर्थन वापस लिया है ताकि आतंकियों को सही सबक सिखाया जा सके। घाटी में हाल ही में हुई नियुक्तियों के बाद से अब अलगाववादियों और जिहादी तत्वों का सफाया शुरू हो जायेगा। सुपरकॉप के विजय कुमार को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया गया है। के विजय कुमार स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के चीफ थे जिन्होंने ऑपरेशन कोकून’ में वीरप्पन को मार गिराया था।
के विजय कुमार 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, उन्होंने 1998-2001 के बीच स्पेशल सिक्युरिटी ग्रुप में अपनी सेवा दे चुके हैं। 1998-2001 के बीच वो कश्मीर घाटी में बीएसएफ के इंस्पेक्टर जनरल थे तब बीएसएफ घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियानों में काफी सक्रिय था।वो चेन्नई में पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य करने के लिए कश्मीर से वापस लौट आये थे। उन्होंने ऑपरेशन कोकून भी चलाया था जिसके बाद उनकी अगुवाई वाली एसटीएफ ने कुख्यात तस्कर वीरप्पन को अक्टूबर 2004 में हुई एक मुठभेड़ में मार गिराया था। साल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 75 जवानों के शहीद होने के बाद उन्होंने सीआरपीएफ का डायरेक्टर जनरल का पदभार संभाला था। दिसंबर 2012 में विजय कुमार को गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था।
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू करने के एक दिन बाद राज्यपाल एन.एन वोहरा के सलाहकार के रूप में के विजय कुमार की नियुक्ति आतंकवादियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि घाटी में उनके बुरे दिन शुरू हो गये हैं। एक और बड़े फैसले में छत्तीसगढ़ कैडर के सीनियर आईएएस बीवीआर सुब्रमण्यम को बी बी व्यास की जगह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का मुख्य सचिव बनाया गया है।
विजय कुमार की नियुक्ति राज्य में सशस्त्र बलों के प्रदर्शन और क्षमताओं पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए उनके पास अनुभव है और वो तीर्थयात्रियों के लिए अमरनाथ यात्रा को भी सुरक्षित बनाने के लिए कार्य करेंगे और उनकी गहरी अंतर्दृष्टि से घाटी में खतरों को स्थिर करने और उनसे निपटने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार द्वारा लिया गया ये एक अच्छा कदम है। महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी ने अपनी तुष्टिकरण की राजनीति और निष्क्रियताओं के माध्यम से आतंकवादियों के मनोबल को बढ़ावा दिया था। घाटी में आतंकवादियों पर नकेल कसने की आवश्यकता है और उनमें से अधिकांश को बेअसर करना बेहतर समाधान हो सकता है। के विजय कुमार इस काम के लिए उपयुक्त व्यक्ति हैं क्योंकि उनके पास देश में लंबे समय से पनप रहे खतरों को खत्म करने का अनुभव है। उनका अनुभव और काम दोनों उनकी क्षमता को बताते हैं, वहीं केंद्र भी कश्मीर घाटी के हालात पर नियंत्रण करने के लिए प्रशंसा के योग्य है। वास्तव में ये एक सोची समझी रणनीतिक चाल है।