आम आदमी पार्टी (अआप) एक बार फिर से विवादों घिर में गई है। आम आदमी पार्टी के लिए एक शर्मिंदा कर देने वाली घटना सामने आयी है वैसे ये उनके लिए कोई नई बात नहीं है। पार्टी के दो विधायकों को कनाडा में प्रवेश करने से रोक दिया गया और उन्हें वापस भारत भेज दिया गया। पंजाब के कोटकपूरा के आप विधायक कुलतार सिंह संधवां और रोपड़ के अमरजीत सिंह संदोआ कनाडा की यात्रा पर थे, इस दौरान उन्हें कनाडा इमीग्रेशन के अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया और उनकी यात्रा को लेकर पूछताछ की। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों विधायकों को भारत के समयानुसार सुबह 9 बजे हिरासत में लिया गया था इसके बाद उनसे पूछताछ के बाद वापस भारत भेज दिया गया।
आम आदमी पार्टी के विधायकों का दावा है कि वो अपने परिवार के साथ घुमने के लिए आये थे लेकिन कनाडा के अधिकारी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं थे ऐसे में जरुर ही किन्हीं अन्य कारणों की वजह से आम आदमी पार्टी के विधायकों को वापस भारत लौटने के लिए कहा गया।
कनाडा के टोरंटो में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सुदीप सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक दोनों नेता ओटावा में कुलतार सिंह सांधवा की बहन के पास रुकने वाले थे और एयरपोर्ट के बाहर कुलतार सिंह की बहन उनका इंतजार कर रही थीं। हालांकि, दो घंटे बाद एयरपोर्ट अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया कि दोनों को भारत वापस भेज दिया गया है।
वैंकूवर में स्थित आप के सोशल मीडिया मैनेजर कमल गर्ग ने कहा, “निर्वासन शब्द सही नहीं है। दोनों को कनाडा में प्रवेश से वंचित किया गया है। मुझे पता चला है कि संधवां अपनी यात्रा के उद्देश्य से कनाडा के अधिकारों को संतुष्ट करने में सक्षम थे लेकिन अमरजीत सिंह संदोआ ऐसा नहीं कर पाए क्योंकि उनकी इंग्लिश अच्छी नहीं है।”
आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक ने दावा किया है कि उन्होंने कनाडा के अधिकारियों को कनाडा में अपनी राजनीतिक बैठक के बारे में कुछ बताया था जो शायद भारत में उनके निर्वासन का कारण हो सकता है।
आम आदमी पार्टी के पंजाब के कार्यकारी प्रधान डॉक्टर बलबीर सिंह ने दावा किया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि कनाडा की निजी यात्रा से पहले दोनों विधायकों ने पार्टी से अनुमति ली थी।
पंजाब में विपक्ष के नेता और आप विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को इन दोनों आप विधायकों के निर्वासन के मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई है।
विधायक अमरजीत सिंह संदोआ महिला से छेड़छाड़, अपशब्द कहने तथा धमकियां देने के मामले का सामना कर रहे हैं और रोपड़ की एक अदालत ने शुक्रवार को कनाडा के दौरे के एक दिन पहले ही उनके खिलाफ आरोप तय किये थे। अन्य विधायकों पर कोई आपराधिक मामला नहीं है।
आम आदमी पार्टी के नेताओं पर अक्सर ही खालिस्तान अलगाववादियों के प्रति सहानुभूति के आरोप लगाये गये हैं। पंजाब में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत करने के लिए राज्य में पार्टी का नेतृत्व खुलेआम अलगाववादी तत्वों का समर्थन कर रहा है। पिछले महीने आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता सुखपाल खैरा ने खालिस्तान के लिए एक जनमत संग्रह का समर्थन किया था। खैरा ने कहा था, “मैं सिख जनमत संग्रह 2020 आंदोलन का समर्थन करता हूं क्योंकि पीड़ित सिखों को अपने ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ न्याय मांगने का अधिकार है।“
कनाडा के वर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भी खालिस्तान तत्वों को मंच प्रदान करने का आरोप है। फरवरी में जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान खालिस्तान विवादित मुद्दों में से एक था। उनके प्रतिनिधिमंडल में खालिस्तान के प्रति सहानुभूति रखने वाले एक रिपोर्टर मनवीर सिंह सैनी शामिल थे, हाथ में लिए एक पोस्टर के साथ उनकी एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी और उस पोस्टर में पीएम मोदी को खालिस्तान से बाहर निकलने के लिए कहा गया था। भारतीय सरकार ने जस्टिन ट्रूडो पर कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ कार्य करने के लिए दबाव डाला था और इसके परिणाम तब स्पष्ट रूप से देखे गये थे जब कनाडा के अधिकारियों ने आईएसआई के समर्थक हरदीप सिंह निज्जर का घेराव करते हुए पूछताछ की थी। निज्जर पर आईएसआई के आदेश पर कनाडा में आतंकवादी शिविर चलाने का आरोप है और वो पंजाब के नौ सबसे वांछित खालिस्तान आतंकवादियों में से एक था।
हालांकि उनके निर्वासन का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है फिर भी इसमें खालिस्तान के कोण को जोड़कर देखा जा रहा है।