भारत ने अवैध वीजा के कारण ब्रिटिश सांसद को प्रवेश की नहीं दी अनुमति

कार्लाइल भारत

PC: dhakatribune.com

भारत ने यूके के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड एलेग्जेंडर कार्लाइल को देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक उचित भारतीय वीजा न होने के कारण उन्हें देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। यूके के नामी नेता को प्रवेश की अनुमति नहीं देना निश्चित रूप से ये एक बड़ा और साहसिक कदम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि कार्लाइल बुधवार को यहां आए थे, लेकिन भारत में उनकी इच्छित गतिविधि वीजा में उल्लेखित यात्रा के उद्देश्य से भिन्न थी। यूके के राजनेता जिस उद्देश्य से भारत आये थे उसके लिए उनके पास उचित भारतीय वीजा नहीं था। जैसा कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जांच में बताया, “कार्लाइल का भारत आने का उद्देश्य और वीजा में आने का कारण दोनों ही भिन्न था और इसी वजह से उन्हें भारत से वापस लौटा दिया गया।” ये घटना मामूली नहीं है क्योंकि ये पहली बार है जब भारतीय अधिकारियों ने किसी पश्चिमी नेता को भारत में प्रवेश करने से रोका है।

कुछ सूत्रों के मुताबिक, भारत ने बांगलादेशी सरकार के आदेश पर लॉर्ड एलेग्जेंडर कार्लाइल को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। कार्लाइल दिल्ली में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनल पार्टी की मुखिया खालिदा जिया के समर्थन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस ‘फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट्स क्लब ऑफ साउथ एशिया’ में होनी थी। दिल्ली में बुधवार को ‘फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट्स’ क्लब में होने वाली अपनी कांफ्रेंस को लेकर उनकी योजना इसके जरिये स्पष्ट रूप से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय तक पहुँचने की थी। वर्तमान समय में कार्लाइल पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं। बेगम खालिदा जिया अभी अनाथालय ट्रस्ट करप्शन मामले में शामिल होने के आरोपों की वजह से जेल में हैं। कार्लाइल भारत में प्रेस कांफ्रेंस के जरिये इस मामले को बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र के रूप में पेश करना चाहते थे। बांग्लादेश के अधिकारियों ने भारत से अनुरोध किया था कि इस मामले में अपनी भूमि और सुविधा का इस्तेमाल करने अनुमति न दें।

हालांकि, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश सरकार का अनुरोध कार्लाइल के प्रवेश से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने अधिकारिक तौर पर कहा कि कार्लाइल को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर वैध वीजा नहीं होने के कारण देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी। भारत ने अपने इस बड़े कदम से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को कड़ा संदेश भेजा है कि भारत को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता है, भारत में यात्रा के उद्देश्य का सही कारण बताना होगा चाहे वो पश्चिम देश का महत्वपूर्ण राजनेता ही क्यों न हो। भारतीय अधिकारियों के लिए ये एक बड़ा साहसिक कदम है क्योंकि उन्होंने दिखाया कि औपनिवेशिक मानसिकता अब स्वीकार नहीं की जायेगी। हाउस लार्ड के एक सदस्य को भी व्यवस्था को भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। साथ ही ये भी संदेश दिया गया कि प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के लिए अब नियमों की अनदेखी नहीं की जाएगी। वास्तव में ये एक बढ़िया संदेश है।

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