भारत में चर्च की छवि बहुत ही मैली होती जा रही है। जिस तरह से रेप, यौन उत्पीड़न, भूमि घोटाले आदि कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं उससे कैथोलिक चर्च की दया, शान्ति और कल्याण की असलियत दुनिया के सामने आने लगी है। पिछले कुछ समय में चर्च में होने वाले घृणित अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। केरल में हुई घटना के सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात पर अपनी चिंता जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक पीठ ने कहा, “ केरल में क्या हो रहा है,पादरी बलात्कार के मामलों में आरोपी बनते जा रहे हैं।”
धर्मगुरुओं द्वारा घृणित अपराध को अंजाम दिया जाना काफी नहीं था तभी तो अब अपने ऊपर लगाये गए आरोपों को दबाने के लिए धर्मगुरुओं द्वारा धन की पेशकश की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यौन उत्पीड़न करने वाले बिशप के खिलाफ दर्ज मामले में चुप्पी साधने के लिए नन को जमीन की पेशकश की गयी है। इससे जुड़ा एक 11 मिनट का ऑडियो क्लिप भी सामने आया है जिसमें नन से मामले में समझौता करने के लिए जमीन की पेशकश की जा रही है। नन के परिजनों ने कथित तौर पर इस ऑडियो क्लिप के लीक होने के बाद इसकी पुष्टि भी की है कि पादरी ने उन्हें फ़ोन कर मामले को वापस लेने के लिए कहा है। केरल के कोट्टायम जिले में दर्ज अपनी शिकायत में 44 वर्षीय नन ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2014 से जालंधर के बिशप फ्रैंको मुल्लाकल ने उनके साथ एक दो बार नहीं बल्कि 13 बार उसका उत्पीड़न किया है। स्वराज्य रिपोर्ट के मुताबिक, नन को 10 एकड़ जमीन और उसपर नई बिल्डिंग बनाकर देने की पेशकश की है। साथ ही नन के भाई ने भी कथित तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मामले को वापस लेने के लिए 5 करोड़ रुपये की पेशकश भी की है।
लीक हुए ऑडियो को स्थानीय मीडिया ने प्रकाशित किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस ऑडियो क्लिप में पादरी जेम्स ने नन अनुपमा से कहा कि, “मैं वही पादरी हूं जिससे तुम कल मिली थी। मैंने तुमसे मिलने की कोशिश की थी लेकिन तुमसे मिल नहीं पाया। मुझे अप्रत्यक्ष तौर पर जानकारी मिली है कि ‘वे लोग’ कुछ 10 एकड़ की जमीन खरीदेंगे और उसपर एक बिल्डिंग बनायेंगे जिसमें 8-10 नन आराम से रह सकती हैं।” इसके बाद नन अनुपमा ने पादरी से पूछा, “कौन से लोग बिल्डिंग बनवाएंगे” तो पादरी कहा, “जालंधर के लोग।” नन ने सीधे तौर पर पादरी की बात मानने से इंकार कर दिया और कहा कि, ‘हम में से कोई भी मामला वापस नहीं लेगा। हम सभी दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं और न्याय चाहते हैं। हम अपने आत्म सम्मान का सौदा नहीं करेंगे।”
नन ने जब पादरी की पेशकश को ठुकरा दिया तो पादरी जेम्स ने उन्हें दुबारा विचार करने के लिए कहा नहीं तो परिवार से बहिष्कृत किये जाने की धमकी भी दी और भविष्य में इसका अंजाम बुरा होने की भी बात कही।
कोई भी अगर कुछ गलत करता है तो चर्च में धर्म गुरु का कर्तव्य होता है कि वो दोषी को सजा दिलाने में पीड़ित की मदद करें लेकिन यहां धर्म गुरु ही अपराध में शामिल है यहां तक कि अपने अपराध पर पर्दा डालने के लिए धन का लालच भी दे रहे हैं। अपराधी को सजा देने का काम चर्च का नहीं है और न ही चर्च किसी को न्याय के लिए इंतजार करने के लिए कह सकता है बल्कि, देश में अपराधियों को सजा देने के लिए कानून व्यवस्था बनाई गयी है। ऐसे में बेहतर होगा कि कानून को अपने तरीके से अपराध से निपटने दें।
ये पहली घटना नहीं है इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं पंजाब के मशहूर पादरी बजिंदर सिंह पर एक 36 वर्षीय महिला के साथ पिछले एक साल में 3 बार बलात्कार करने का आरोप लगा था। महिला की शिकायत के बाद पादरी बजिन्दर सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
चर्च में महिलाओं के साथ दुष्कर्म सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी सामने आये हैं। एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की जांच में भी ये बात सामने आई थी कि नन के उत्पीड़न के मामले यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में सामने आए थे। इससे स्पष्ट है कि महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और रेप जैसी समस्या वैश्विक और व्यापक है। ऐसे में इस तरह के धार्मिक संस्थानों पर कई सवाल खड़े होते हैं कि धर्म की आड़ में ये संस्थान गंदे खेल को अंजाम दे रहे हैं।
ऐसे में देश में इस तरह के मामलों पर शिकंजा कसने के लिए वर्तमान सरकार को सख्त रूप अपनाना चाहिए। सरकार को ऐसे कानून बनाने होंगे जिससे किसी भी धार्मिक संस्थान में ऐसे घृणित मामलों को अंजाम न दिया जा सके और अपराधी कोई भी हो उसे सजा उसे सजा मिले।