पहले से अपने अस्तित्व को लेकर खतरे का सामना कर रही कांग्रेस को अब अक्टूबर में 24 अकबर रोड स्थित सरकारी बंगले को खाली कराए जाने के डर सता रहा है। अब कांग्रेस पार्टी राजधानी के राउज एवेन्यू में अपना नया हाई-टेक ऑफिस बनाने के लिए क्राउड-फंडिंग के जरिये पैसा जुटाने पर विचार कर रही है। पार्टी लोगों को राशि दान करने का अनुरोध करने के लिए एक ऑनलाइन कैंपेन शुरू कर सकती है जिससे वो अपने नए हाई-टेक ऑफिस का निर्माण कर सके। पार्टी की नई बिल्डिंग का निर्माण अभी भी पूरा नहीं हुआ है। ये बहुत ही चिंता की बात है कि वो पार्टी जिसने वर्षों तक देश को लूटा उसके पास एक मुख्यालय बनाने के लिए फंड तक नहीं है।
भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण कांग्रेस पार्टी 2014 में सत्ता से बाहर हो गयी थी। पार्टी का मुख्य केंद्र शासन करना नहीं बल्कि देश को लूटना था। कोयला घोटाला, कॉमन वेल्थ गेम्स घोटाला, आदर्श घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, एयरसेल-मैक्सिस घोटाला, वाड्रा भूमि सौदों, एयरएशिया घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर घोटाले जैसे बड़े घोटाले कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में यूपीए सरकार के अधीन हुए थे। यूपीए के शासन में हुए घोटालों की सूची काफी लंबी है और यूपीए के सत्ता से बाहर होने के चार साल बाद भी उसके कई घोटाले सामने आ रहे हैं। उन्होंने अरबों का घोटाला किया देश को लूटा वो पैसे जो जनता और देश के विकास से जुड़ा था लेकिन अब पार्टी अपने ऑफिस के निर्माण के लिए क्राउड फंडिंग का सहारा लेने का विचार कर रही है। इसका मतलब तो यही है कि वो देश की आम जनता के जेब में बच कुछ चिल्लरों को भी उनकी जेब से निकाल लेना चाहती है। कांग्रेस पार्टी भारत के हर गांव में अपने 60 साल के शासन में लूट गए पैसों से मुख्यालय का निर्माण कर सकती है। फिर भी वो इतने ड्रामे सिर्फ जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए कर रही है। पार्टी सिर्फ भ्रष्ट नेताओं से ही नहीं भारी बल्कि झूठे और पब्लिसिटी के भूखों से भरी है।
कांग्रेस पार्टी कर्नाटक के उद्योगपति विधायक डीके शिवकुमार को अपने साथ ला सकती है। वो इतने अमीर हैं कि अकेले ही पार्टी के लिए बढ़िया नया मुख्यालय का निर्माण कर सकते हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने कर्नाटक के सांसदों आईफोन, लैदर बैग और अन्य महंगे गिफ्ट्स देने का दावा किया था। इन उपहारों की कुल लागत प्रति व्यक्ति एक लाख रुपए से अधिक होने का अनुमान है। क्यों पार्टी अपने कुबेर विधायक का इस्तेमाल नहीं कर रही है? यदि कांग्रेस पार्टी के पास अपने नए ऑफिस के निर्माण के लिए फंड्स की कमी है तो कौन राहुल गांधी की विदेश यात्रा को प्रायोजित करता है और कैसे उनकी पार्टी विदेश में इलाज का खर्चा उठाती है?
कांग्रेस ये सभी ड्रामा सिर्फ बीजेपी को पैसों वाली पार्टी और सार्वजनिक सहानुभूति पाने के लिए खुद को एक ऐसी पार्टी के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रही है जिसके पास कोई फंड नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा है कि, कांग्रेस अध्यक्ष का वो तंज जिसमें उन्होंने ‘सूट बूट की सरकार’ कहा था वो लोगों को पसंद आया था। जब हम खुलेआम कहते हैं कि “हमारे पास पैसे नहीं हैं, हमारी मदद करें”, तब हम लोगों को सीधे बताने की कोशिश करते हैं कि हम भ्रष्ट नहीं हैं।”
भारत के लोग इतने मुर्ख नहीं हैं जो बार बार कांग्रेस के बिछाए जाल में फंस जाए। वो कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को अच्छी तरह से जानते हैं। कांग्रेस पार्टी का ये नया नाटक उनकेपहले के नाटकों की तरह ही सिर्फ जनता की सहानुभूति के लिए है लेकिन कांग्रेस को इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है।