डिजिटल इंडिया: जल्द ही वाहनों के डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस भी परिवहन प्राधिकरणों द्वारा किये जायेंगे स्वीकार

परिवहन डिजिटल

केंद्र सरकार ने मोटर वीइकल नियमों में संशोधन करने का फैसला किया और इससे अब राज्य के ट्रांसपोर्ट अधिकारी और ट्रैफिक पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र, बीमा पत्र और वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र जैसे वाहन पत्रों के डिजिटल रूप को स्वीकार करेंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अगले दो दिनों में इस संबंध में ड्राफ्ट जारी कर सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि राज्य परिवहन प्राधिकरण और यातायात पुलिस वाहन पत्रों के डिजिटल रूप को स्वीकार नहीं कर रही थी। ये डिजिटल इंडिया स्कीम का खुलेआम बना रहा था।

मोटर वीइकल नियमों में संशोधन से सभी वाहन मालिकों का जीवन थोड़ा सुगम और सरल हो जायेगा। उनके दस्तावजों का डिजिटल रूप मान्य होगा और दस्तावेजों का बैग हमेशा साथ लेकर चलने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। बस अपना स्मार्टफ़ोन साथ रखना पर्याप्त होगा। इससे कई लाभ होंगे जैसे कि अपने दस्तावेज़ों को खोने या गलत हाथों में जाने व क्षतिग्रस्त होने की संभावना ही कम हो जाएगी  और साथ जब हम अपने घर से कहीं बाहर जातें हैं तो इतनी साड़ी चीजों को साथ ले जाने का बोझ भी कम कर हो जायेगा। डिजिटल रूप वाहन मालिकों और परिवहन अधिकारियों दोनों के समय और ऊर्जा की बचत करेगा।

इससे पहले पुलिस दस्तावेजों के डिजिटल रूप को स्वीकार नहीं करती थी लेकिन एक बार इस संशोधन के पारित हो जाने के बाद वो संवैधानिक और कानूनी रूप से इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य हो जाएगी। इससे भ्रष्टाचार भी कम होगा क्योंकि घर पर अपने दस्तावेजों को भूलने पर अक्सर ही कई लोगों को मजबूरन प्राधिकरणों और यातायात पुलिस को रिश्वत देना पड़ता है। इस संशोधन से आने वाले दिनों में कई लोगों का जीवन और सरल होने वाला है।

प्रस्तावित संशोधन में कई अन्य राहत भी प्रदान किये जायेंगे। सड़क और परिवहन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित मसौदे में ये भी प्रस्ताव दिया गया है कि सामान ले जाने वाले वाहन सभी सामान को अच्छे तरह पैक करके या बंद कंटेनर में ही ले जा सकेंगे। यदि कोई वस्तु पूरी तरह से पैक नहीं हो सकती है तो कोशिश की जाए कि उसे तिरपाल या किसी उचित सामग्री का उपयोग करके कवर किया जाये। हालांकि, ऐसे सामान जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता या पूरी तरह से ढका नहीं जा सकता तो ऐसे सामानों को बिना कवर के ले जा सकते हैं। इस संशोधन को पर्यावरण को ध्यान में रखकर पारित किया जा रहा है और जो निर्माण समाग्री से जुड़े सामान हैं उन्हें बिना कवर किये भी ट्रक में यहां वहां ले जाया जा सकता है लेकिन उन्हीं सामान को जो पर्यावरण के अनुकूल होंगे।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने प्रस्ताव में राष्ट्रीय परमिट वाले सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिए वाहन निगरानी प्रणाली और टोल संग्रहण के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया है। साथ ही नए परिवहन वाहनों के पंजीकरण के समय फिटनेस प्रमाणपत्र की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया है। ऐसे वाहनों के लिए पंजीकरण के 2 साल बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र की जरूरत होगी। इसके अलावा ये भी प्रस्तावित किया है कि 8 साल तक पुराने वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र की नवीनीकरण अवधि 2 साल और 8 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए नवीनीकरण की अवधि 1 वर्ष की होगी।

Exit mobile version