महबूबा मुफ़्ती के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक पार्टी जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा गठबंधन से समर्थन वापस लेने के बाद से राजनीतिक परिदृश्य में दरकिनार हो गयी है। अब खबर आ रही है कि पीडीपी में असंतुष्ट विधायकों का एक समूह पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को दरकिनार कर नयी सरकार बनाने की सोच रहे हैं। पीडीपी विधायक आबिद हुसैन अंसारी ने कहा कि पार्टी में उन्होंने कई विधायकों से बातचीत की है जो असंतुष्ट हैं जो अब तथाकथित परिवारवाद वाली महबूबा मुफ़्ती की पार्टी से अलग होना चाहते हैं। चर्चा है कि पीपुल्स कांफ्रेंस के विधायक सज्जाद लोन बीजेपी के साथ संयुक्त गठबंधन के प्रमुख बनेंगे लेकिन अब इन सबके बीच एक नया नाम सामने आया है जो राजनीतिक परिदृश्य बदल देगा। ऐसा लगता है आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर को अपना पहला हिंदू सीएम मिलने वाला है। बीजेपी राज्य में राज्यपाल शासन की जगह अब सरकार बनाने के मूड में है। बीजेपी केन्द्रीय मंत्री और जम्मू से सांसद जितेंद्र सिंह को राज्य के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नियुक्त करने की योजना बन रही है।
वर्तमान में केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह के पोर्टफोलियो हैं। उन्होंने बीजेपी की टिकट पर उधमपुर सीट से 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीते भी थे। उन्होंने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को हराया था। सीएम की कुर्सी के लिए राज्य के दावेदारों में अन्य नेता के मुकाबले उनके प्रमाण पत्र अधिक हैं। यदि बीजेपी सज्जाद लोन और पीडीपी के असंतुष्ट समूह के साथ गठबंधन में प्रवेश करने का फैसला करती है तो ऐसे में ये संभावना है कि बीजेपी सरकार जितेंद्र सिंह का नाम राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप घोषणा कर सकती है। बीजेपी का ये निर्णय राज्य के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय होगा जहां घाटी में हिंदुओं का पलायन हमेशा ही गंभीर बिंदु रहा है।
इसके अलावा चर्चा है कि सज्जाद लोन और इमरान अंसारी को उप मुख्यमंत्री का पद ऑफर किया जायेगा। जबकि इमरान अंसारी पीडीपी के गुट का प्रतिनिधित्व करेंगे वहीं, सज्जाद लोन घाटी से अपना उचित समर्थन लायेंगे। सज्जाद लोन ने 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी की प्रशंसा भी की थी और ऐसा करने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन के नेता उमर अब्दुला ने सज्जाद की आलोचना की थी। इसलिए बीजेपी को असंतुष्ट पीडीपी विधायकों का समर्थन अपनी ओर करने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी।
रिपोर्ट के अनुसार अमरनाथ यात्रा की समाप्ति के बाद ही राज्य में पहले हिंदू सीएम की नियुक्ति की दिशा में कदम उठाये जायेंगे। फिलहाल, तत्काल नियुक्ति नहीं की जा रही है क्योंकि ऐसा करने से अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों की व्यवस्था और सुरक्षा पर असर पड़ सकता है और अभी राज्य प्राकृतिक आपदाओं से भी जूझ रहा है। फिलहाल, बीजेपी ने लगभग संदेश दे दिया है कि वो आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर को बड़ा तोहफा देने वाली है और ये सही मायनों में घाटी में धर्मनिरपेक्षता की जीत होगी जहां हिंदुओं को लंबे समय से लक्षित किया जाता रहा है। उम्मीद करते हैं कि राज्य को हिंदू सीएम के लिए ज्यादा इंतेजार न करना पड़े।