भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत ने पिछले वर्ष 31 दिसंबर 2017 को सक्रीय राजनीति में अपनी एक नई पार्टी के साथ आने की घोषणा की थी जिसका नामकरण अभी होना बाकी है। उन्होंने ये भी वादा किया था कि 2021 में तमिलनाडु विधान सभा चुनाव में वो हर क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। रजनीकांत देश के उन कुछ लोगों में से हैं जो किसी भी विषय पर दोहरा रवैया नहीं रखते हैं चाहे जो स्थिति हो। ये स्पष्ट भी हो गया जब उन्होंने तमिलनाडु के थूथुकुड़ी जिले में स्टरलाइट के विरोध में पुलिस द्वारा की गयी फायरिंग से पीड़ितों से मुलाकात की। रजनीकांत ने कहा, “समाज-विरोधी तत्वों ने विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ की और मामले को बढ़ाया है। विरोध प्रदर्शन में मछुआरों समेत भाग लेने वाले लोग निर्दोष हैं। ऐसा ही कुछ जल्लीकट्टू विरोध के अंतिम दिन देखा गया था।“ उन्होंने आगे कहा, “ये हिंसा तब शुरू हुई जब कुछ समाज-विरोधी तत्वों ने पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया। इसके बाद हिंसा और बढ़ गयी। मैं कभी नहीं मानूंगा कि पुलिस ने हमला किया।” ये एक बड़ा और साहसिक बयान है एक ऐसे नेता द्वारा जो अभी सक्रिय राजनीति में खुद को शामिल करने की कोशिश में है।
रजनीकांत ने स्पष्ट कर दिया कि वो अपने रुख में कोई भी बदलाव नहीं करेंगे चाहे उन्हें इसके लिए राज्य में वामपंथी और द्रविड़ समर्थक दलों की तीखी प्रतिक्रिया का सामना क्यों न करना पड़े। कुछ दिन पहले ही इस मामले पर रजनीकांत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था जब थूथुकुड़ी में थेरेसा पुरम के एक मछुआरों ने खुलेआम घोषणा करके कहा कि गांव के युवाओं को वामपंथी समूह, मक्कल अधिक्रम के वकीलों द्वारा उकसाया गया था। मछुआरों ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को लिखित याचिका सौंपी थी जो स्पष्ट रूप से राजनिकांत द्वारा इस मुद्दे पर कही गयीं बातों को सही साबित करता है। स्टरलाइट के विरोध प्रदर्शन में लेफ्ट फ्रिंज ग्रुप की भागीदारी आज सामने आ गई है ऐसे में अब इस विरोध प्रदर्शन में अराजक तत्वों को पकड़ने और पीड़ितों को न्याय दिलाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। और ये तमिलनाडु और थलाइवा के समर्थकों के लिए राजनीति के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।
आने वाले वर्षों में अगर रजनीकांत राजनीति में सक्रिय होने का फैसला करते हैं तो रजनीकांत जे जयललिता के निधन से उत्पन्न हुए राजनीतिक निर्वात को भर सकते हैं। थलाइवा का राजनीति में प्रवेश करने का मतलब है तमिलनाडु में राष्ट्रवादी राजनीति में एक नए युग की शुरुआत होगी जो देश के दक्षिणी भाग में आर्यन-द्रविड़ की राजनीति के अस्तित्व को खतरे में डाल देगा। भारत को रजनीकांत जैसे नेता की जरूरत है जिनके पास वो सभी गुण हैं जो एक सच्चे नेता में होने चाहिए जो अपनी भूमि के सुधार और विकास के लिए सभी संभव प्रयास करने के लिए तैयार हैं और इसके लिए चाहे उन्हें अपनी प्रतिष्ठा का बलिदान ही क्यों न करना पड़े। जबसे स्टरलाइट विरोध प्रदर्शन में लेफ्ट फ्रिंज ग्रुप की भागीदारी की खबर सामने आयी है तबसे थलाइवा के समर्थकों ने कैंपेन शुरू कर दिया। #Andre Sonna Rajini नाम के इस कैंपेन को कुछ ही घंटों के भीतर ही 1 लाख से अधिक लोगों ने उल्लेख किया। जबसे सच सामने आया है तबसे दक्षिण भाग के वामपंथी केबल और विभाजनकारी राजनीतिक खिलाड़ी चुप नजर आ रहे हैं और इसका श्रेय निर्दोष मछुवारों को जाता है और अब लगता है कि सच सामने आने के बाद से ये सभी खिलाडी लंबे समय तक चुप ही रहने वाले हैं। वैसे भी,जब थलाइवा बोलते हैं तब सभी लोग सुनते हैं चाहे वो परदे की दुनिया हो या वास्तविक दुनिया।