रॉबर्ट वाड्रा ने रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी को उनके खिलाफ खबर दिखाने के लिए भेजा कानूनी नोटिस

रॉबर्ट वाड्रा अर्नब गोस्वामी

रिपोर्ट के अनुसार सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी और प्रेमा श्रीदेवी को कानूनी नोटिस भेजा है हालांकि मामला अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 25 जून को रिपब्लिक टीवी पर प्रसारित एक खबर को लेकर ये कानूनी नोटिस भेजा गया है। रिपब्लिक टीवी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, “सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मोदी सरकार के तहत कड़ी करीवाई करते हुए भारत के इनकम टैक्स विभाग ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को 2010-2011 में 42 करोड़ रुपये की आय को छुपाने के मामले में नोटिस जारी कर 25 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है।“

पृष्ठभूमि:-

25 जून को रिपब्लिक टीवी ने वाड्रा से जुड़े मामले की खबर को प्रकाशित किया था। इस खबर में इनकम टैक्स विभाग के 25 पन्ने की रिपोर्ट के साथ-साथ आईटी द्वारा सोनिया गांधी के दामाद की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को जारी किये गये नोटिस का भी विवरण था। रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी विभाग ने रॉबर्ट वाड्रा से भारतीय सरकार को 25 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है क्योंकि उन्होंने 2010-2011 में अपनी 42 करोड़ रुपये की आमदनी को छुपाया था। रिपब्लिक टीवी ने आगे दावा करते हुए कहा था कि इनकम टैक्स विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा ने कथित तौर पर वित्त वर्ष 2010-2011 के लिए अपना कर रिटर्न दाखिल करते समय अपनी कंपनी की 42 करोड़ की आमदनी को छुपाया था। आईटी की रिपोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी के अप्रत्याशित स्रोतों पर भी सवाल उठाए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने कई लेन-देन किए थे जिनका जिक्र आय के स्रोतों के संदर्भ में नहीं था। रिपब्लिक टीवी की खबर में दावा किया गया था कि आईटी विभाग के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने डीएलएफ के साथ समझौता किया था। डीएलएफ ने सोनिया गांधी के दामाद को वित्तीय सहायता प्रदान की,  इस तथ्य के बावजूद कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के पास पर्याप्त धनराशि नहीं थी। डीएलएफ द्वारा दिए गये ऋण की वजह से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी अपनी खरीदारी जारी रख पायी थी।

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ईमानदार पत्रकारों को अक्सर ही धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने और लोगों को असली तस्वीर दिखाने के लिए मुकदमे का सामना करना पड़ता है। वाड्रा की कानूनी नोटिस के जवाब में अर्नब गोस्वामी ने भी यही कहा:

रॉबर्ट वाड्रा डर गए हैं। ऐसा लगता है कि वो सार्वजनिक मंच पर आने वाले तथ्यों से डर रहे हैं। उन्हें वकीलों पर अपने पैसे खर्च करने की बजाय रात 9 बजे बहस के लिए आना चाहिए। इनकम टैक्स का आदेश हमारे साथ है और रिपोर्टिंग करना हमारा अधिकार है, यदि वो रिपब्लिक पर हावी होना चाहते हैं और हमें उनके ऊपर खबर दिखाने से रोकना चाहते हैं तो वो अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। मुझे लगता है कि वो चिंतित हैं कि कहीं हमारी रिपोर्ट उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को विफल न कर दे।”

 जब न्यूज़ मोबाइल ने अर्नब गोस्वामी से संपर्क किया और उनसे कानूनी नोटिस के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “रॉबर्ट वाड्रा जैसे व्यक्ति द्वारा मुकदमा दायर किया जाना सम्मान की बात है। हम सच से पर्दा उठाएंगे। उन्हें और उनके सहयोगियों को ये पता होना चाहिए की इस कदम से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। सच्चाई बाहर आनी ही है और वो बाहर आकर ही रहेगी।“

ये देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रही जांच के समानांतर में चीजें कैसे आगे बढ़ने वाली हैं। कई लोगों का मानना है कि अर्नब गोस्वामी इस मौके का इस्तेमाल सोनिया गांधी के दामाद का खुलासा करने के लिए भी कर सकते हैं। रॉबर्ट वाड्रा पहले ही मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और उनका ये कदम उन्हीं पर भारी पड़ सकता है। ऐसा लगता है कि वाड्रा ने चल रहे अपने मुश्किल समय में निराशा और हताशा के बीच जल्दबाजी में इस तरह का कदम उठाया है जो अब उनका पीछा नहीं छोड़ने वाला है। हम उम्मीद करते हैं कि उनके पास अपनी निर्दोषता को साबित करने के लिए सबूत होंगे लेकिन अगर वो अपना पक्ष रखने में असफल होते हैं तो इस मामले से उनके बच पाने उम्मीद भी समाप्त हो जाएगी, लेकिन उससे पहले हमें मामले के और स्पष्ट होने का इंतेजार करना होगा।

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