बीजेपी सासंद शत्रुघ्न सिन्हा ने अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वो अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट देंगे। संसद के दो बार के सदस्य ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि उनका बीजेपी को छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। चार साल की मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार बीजेपी के ही पूर्व सहयोगी टीडीपी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। बीतें दिनों में शत्रुघ्न सिन्हा का रुख पार्टी और पार्टी के नेतृत्व को लेकर काफी प्रतिकूल रहा है और उन्होंने सरकार की नीतियों और पार्टी के कार्यों के खिलाफ लगातार नकारात्मक टिप्पणियां की हैं। हालांकि, उन्होंने अब कहा है, “मैं बीजेपी का सदस्य हूं और पार्टी द्वारा जारी कमांड का पालन एक आज्ञाकारी सैनिक की तरह ही करूंगा। मैं मुश्किल के समय में पार्टी के साथ रहूंगा और विपक्ष द्वारा प्रायोजित अविश्वास प्रस्ताव को हराने के लिए बीजेपी के पक्ष में वोट दूंगा। ”
शत्रुघ्न सिन्हा ने स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी भी परिस्थिति में पार्टी के व्हिप का उल्लंघन नहीं करेंगे और वो सिर्फ पार्टी के पक्ष में ही वोट देंगे। बीजेपी को लेकर अपनी बयानबाजी पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा, हम अपनी पार्टी के कुछ लोगों को अपने बयानबाजी के जरिए ‘आईना’ दिखाने का काम करते हैं जोकि परिवार के भीतर रहते हुए ही भविष्य में भी जारी रहेगा। सिन्हा द्वारा दिया गया ये बयान महतवपूर्ण लगता है जिससे उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी के खिलाफ अपनी टिप्पणियों के बावजूद वो पार्टी के साथ हैं।
अविश्वास प्रस्ताव को देखें तो ये विपक्ष का जल्दबाजी में लिया गया व्यर्थ कदम है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि विपक्ष में बौद्धिक हैं लेकिन उन्होंने थोड़ी जल्दबाजी में ये कदम उठाया है। क्योंकि हमारे पास नंबर है और हमारा नैतिक भी ऊपर है। मैंने बीजेपी पार्टी को नहीं छोड़ा है और न ही पार्टी ने मुझे छोड़ा है। जब तक मैं बीजेपी में हूं, मैं पार्टी का समर्थन करूंगा और पार्टी के व्हिप का पालन करूंगा।“ ये पहले ही स्पष्ट हो गया है कि अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है और इसके परिणाम बीजेपी के पक्ष में हैं। लोकसभा में अभी कुल 535 सदस्य हैं जिनमें से बीजेपी के पास 273 सदस्य हैं और एनडीए के संबंध में ये आंकड़ा 314 तक बढ़ गया है। फिर भी ऐसा लगता है कि बीजेपी अपने सदस्यों को अच्छी तरह से प्रबंधित कर रही है और विपक्ष का राजनीतिक रूप से प्रेरित अविश्वास प्रस्ताव बिना किसी आश्चर्य के फेल होने वाला है।
रिपोर्टों के अनुसार, हाल ही में शत्रुघ्न सिन्हा का लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के साथ पिछले दिनों मेल-जोल देखा गया था। रांची के जेल में लालू प्रसाद से सिन्हा ने जब मुलाकात की तब ये बात और स्पष्ट हो गयी थी, इसके बाद 15 जून को लालू प्रसाद यादव के बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में वो शामिल हुए थे। वहीं, इस पार्टी में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को आमंत्रित नहीं किया गया था। शायद यही वजह रही होगी जिस वजह से विपक्ष के मन में बीजेपी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का विचार आया होगा। हालांकि, शत्रुघ्न सिन्हा के बयान के बाद विपक्ष को धक्का लगा होगा। वहीं, सिन्हा का बयान बीजेपी के लिए भी सुखद आश्चर्य होगा। इस घटना ने विपक्ष को उसकी सही जगह जरुर दिखा दी है और ये भी संदेश दे दिया है कि बीजेपी के पास संसद में सिर्फ बहुमत ही नहीं बल्कि मुश्किल घड़ी से निकलने के लिए बीजेपी के पास उसके अनुशासित और वफादार नेता भी हैं।