थाईलैंड के चियांग राई प्रांत की गुफा में फंसे 12 फुटबॉल खिलाड़ियों और उनके कोच को रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाल लिया गया है। कोच के अलावा टीम के सभी सदस्यों को बचाव के दूसरे चरण में थाई की गुफा से बाहर निकाला गया। शुक्र है, कि लंबे समय से गुफा में फंसे रहने के बाद भी किसी को भी कोई गंभीर संक्रमण या बीमारी की समस्या नहीं हुई। ये भारत के लिए गर्व की बात है कि पुणे में स्थित भारतीय कंपनी ने इस सफल रेस्क्यू अभियान में फुटबॉल के खिलाड़ियों और कोच को गुफा से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई है। किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (केबीएल) ने थाई अधिकारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में केबीएल के एक्सपर्ट्स की मदद की सिफारिश की थी। थाई अधिकारियों ने कहा कि किर्लोस्कर की एक्सपर्ट्स टीम की मदद से थाई गुफा में फंसे सभी सदस्यों को बाहर निकालने में आसानी होगी। इसके बाद किर्लोस्कर ने बचाव कार्य के शुरू होने के साथ ही भारत, थाईलैंड और ब्रिटेन से चियांग राई प्रांत में अपनी एक्सपर्ट्स की टीम को भेजा। केबीएल ने अपने बयान में कहा, “ एक्सपर्ट्स की टीम थाई गुफा के पास 5 जुलाई से ही मौजूद थी, इस दौरान गुफा से कैसे पानी निकाला जाए और पंप से कैसे गुफा को पानी से कम किया जाए, इन सभी चीजों पर टेक्निकल सलाह दी गई।
किर्लोस्कर ने हाई कैपिसिटी से पानी निकालने वाले चार पंप (डिवाटरिंग पंप) भी मुहैया कराने की पेशकश की थी जिन्हें महाराष्ट्र के किर्लोस्कारवाड़ी प्लांट से थाई की गुफा के लिए तैयार रखा गया था। इस घटना में किर्लोस्कर कंपनी के योगदान ने देश के सम्मान को बढ़ाया है और ये दर्शाया है कि भारतीय कंपनियों के पास एक्सपर्ट्स और तकनिकी जानकारी कितनी बेहतरीन है जो किसी भी स्थिति को संभालने में सक्षम हैं। केबीएल उन स्थानों पर समस्याओं का समाधान प्रदान करने में कामयाब रहा जहां एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स और बोइंग के इंजीनियरों को बचाव कार्य के लिए भेजा गया था। एलोन मास्क ने एक छोटी पनडुब्बी का उपयोग करने का सुझाव दिया था जिसे थाईलैंड के अधिकारियों द्वारा असुरक्षित करार दिया गया और उनके ऑफर को ख़ारिज कर दिया था
केबीएल बचावकर्ताओं को थाई गुफा में फंसी टीम को जीवित रखकर रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त समय देने में सफल रहा। चियांग राई प्रांत में लगातार बारिश के कारण गुफा में आयी बाढ़ को रोकने में कामयाब रहे। कोच समेत वाइल्ड बोअर फुटबॉल टीम के सभी सदस्यों को सफलतापूर्वक अब बाहर निकाला जा चुका है। जिसके बाद 18 दिनों तक चला ये जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो गया। टीम के 12 सदस्यों और कोच को थैम लुआंग की गुफा से दो चरणों में बचाया गया, जहां वो भारी बारिश के कारण गुफा में आई बाढ़ के कारण फंस गए थे। बचाये गये बच्चे और कोच को अभी अस्पताल के ख़ास वार्डों में रखा गया है क्योंकि वो काफी दिनों तक गुफा में फंसने की वजह से कमजोर हो गये हैं। कमजोर होने के कारण बच्चों में संक्रमण की आशंका है और इसी वजह से अस्पताल में सभी के स्वास्थ्य की लगातार जांच की जा रही है, जब सभी की हालत में सुधार हो जायेगा तभी उन्हें अपने माता-पिता के साथ जाने की अनुमति दी जाएगी। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल सभी लोगों की सराहना की जानी चाहिए जिन्होंने इस जोखिम भरे ऑपरेशन में सभी सदस्यों को बचा लिया इसके साथ ही उन सभी युवाओं की भी हिम्मत की दाद देनी चाहिए जिन्होंने इतने लंबे समय से गुफा में फंसे होने के बावजूद उम्मीद नहीं छोड़ी।