रिलायंस ग्रुप के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने ‘कांग्रेस मुखपत्र’ नेशनल हेराल्ड पर पांच हज़ार करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। अनिल अंबानी ने दावा किया है कि राफेल लड़ाकू विमान को लेकर अखबार में उनके खिलाफ ‘अपमानजनक और मानहानिकारक’ एक लेख छापा था। इस मुकदमे ने सीधा राहुल गांधी के उस झूठ पर भी हमला किया है जो वो राफेल डील को लेकर बोलते रहे हैं। कांग्रेस के नेता लगातार राफेल डील को लेकर केंद्र सरकार और देश के सबसे बड़े व्यापारिक ग्रुप पर हमला करते आये हैं और वो कंपनी की छवि को धूमिल करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
‘नेशनल हेराल्ड’ के खिलाफ 5000 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा शुक्रवार को शहर की सिविल और सत्र न्यायाधीश पीजे तामकुवाला की अदालत में दर्ज कराया गया। मुकदमे में कंपनी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि, “मोदी सरकार द्वारा राफेल सौदे की घोषणा से 10 दिन पहले बनायी थी रिलायंस डिफेंस’ शीर्षक से प्रकाशित लेख ‘मानहानिकारक और अपमानजनक’ है और ये आम जनता को मानने के लिए गुमराह करता है कि सरकार उन्हें उचित व्यापारिक फायदा नहीं पहुंचा रही।” रिलायंस ग्रुप ने मानहानि का मुकदमा नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के प्रभारी संपादक जफर आगा और खबर लिखने वाले पत्रकार विश्वदीपक के खिलाफ दायर किया है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर 7 सितंबर तक इस मामले में जवाब देने के लिए कहा है।
अनिल अंबानी इससे पहले भी कांग्रेस के नेताओं और नेशनल हेराल्ड को पत्र लिखकर ये समझाने की कोशिश की थी कि उन्हें गलत जानकारी दी गयी है, पिछले साल दिसंबर में राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि, “राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस पार्टी को दुर्भावनापूर्ण निहित स्वार्थों और कॉरपोरेट प्रतिद्वंद्वियों द्वारा जो जानकारी मिली है वो पूरी तरह से गलत है और तथ्यों को लेकर गुमराह किया जा रहा है।“ उन्होंने पत्र में कंपनी को हजारों करोड़ का फायदा होने की बात को पूरी तरह काल्पनिक बताया था उन्होंने कहा था कि, “भारत सरकार ने राफेल के जो 36 युद्धक विमान खरीदने का फैसला किया है वे पूरी तरीके से फ्रांस में ही निर्मित होंगे और इनमें लगने वाला एक भी पुर्जा उनकी कंपनी नहीं बनाएगी।” कंपनी द्वारा स्पष्टीकरण देने के बावजूद बार-बार कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया है और हर बार पार्टी के आरोप तथ्यहीन और झूठे साबित हुए हैं लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर अड़ी हुई है। कांग्रेस के रुख में कोई बदलाव न होता देख अंबानी ने लीगल नोटिस भेजकर अल्टीमेटम दिया था और राफेल डील पर जिम्मेदार तरीके से पेश आने के लिए कहा था।
हाल ही में मुखपत्र ने शीर्षक ‘राफेल: मोदी बेफोर्स घोटाला’ के साथ एक लेख भी प्रकाशित किया था। कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड ने राफेल डील को बीजेपी का बेफोर्स घोटाला कहकर ये स्पष्ट कर दिया था कि बेफोर्स घोटाला हुआ था। वहीं बीजेपी राफेल समझौते से जुड़े सभी तथ्यों को पेश कर कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश कर दिया था। बार-बार सच सामने आने के बाद भी कांग्रेस केंद्र सरकार पर झूठे और आधारहीन आरोप लगाने से बाज नहीं आ रही। ऐसे में कांग्रेस और उसके मुखपत्र दोनों ने अपने लिए ही मुश्किल खड़ी कर ली है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी अभी तक कि सबसे बुरी स्थिति से गुजर रही है।