राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और मिजोरम इन चारों राज्यों में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन सभी राज्यों में बीजेपी के लिए राजस्थान सबसे ज्यादा अहम है। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी ने यहां विशेष रणनीति तैयार की है। वहीं, मुख्यधारा की मीडिया के मुताबिक इन चारों राज्यों में से राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है। मुख्यधारा की मीडिया राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की स्थिति को कमजोर चित्रित करने की पूरी कोशिश कर रही है। कांग्रेस पहले से ही आंतरिक मतभेदों से गुजर रही है ऐसे में लुटियंस मीडिया के विपरीत राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तुलना में बीजेपी की पकड़ काफी मजबूत है।
राज्य में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार लोगों की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास कर रही है। वसुंधरा राजे निचले वर्गों और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए कई योजनाएं लेकर आयी हैं। इसका बेहतरीन उदाहरण बांसवाड़ा जिले में उनकी महत्वकांक्षी कर्ज माफी योजना की घोषणा है। अब उनके इस प्रयास में प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनसे हाथ मिला लिया है जिससे राज्य की जीत सुनिश्चित हो सके। बीजेपी के स्टार प्रचारक पीएम मोदी अब राजस्थान में हर महीने में दो रैली करेंगे। इससे पहले भी वो राजस्थान के अमरूद का बाग में रैली कर चुके हैं। उनकी रैली के दौरान भारी तादाद में लोगों की भीड़ देखी गयी थी। राजस्थान में चुनावी सरगर्मियों को देखते हुए बीजेपी ने राजस्थान चुनावों में अपना ब्रह्मास्त्र लॉन्च करने की एक बार फिर से पूरी तयारी कर ली है, और वो ब्रह्मास्त्र और कोई नहीं बल्कि स्वयं पीएम मोदी हैं। पीएम मोदी यहां आने वाले दिनों में रैलियां करेंगे। पीएम मोदी की उपस्थिति चुनावी नतीजों पर किस तरह का प्रभाव डालती है ये हाल के समय में देखा भी गया है कि कैसे पीएम मोदी की लोकप्रियता का फायदा बीजेपी को मिला है। गुजरात में पीएम मोदी की रैलियों और उनके आक्रामक तेवर ने एक बार फिर से राज्य में बीजेपी को स्थापित किया था। हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी की मदद से बनाये हुए जातिवादी समीकरण भी बीजेपी के रथ को रोक नहीं सकी। पीएम मोदी की आखिरी क्षणों में की गयी रैलियों की मदद से बीजेपी अपने घर में जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी। इसके बाद कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भी उनकी लोकप्रियता का असर दिखा था। कर्नाटक के 222 सीटों पर हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। राजस्थान के माहौल को देखते हुए पीएम मोदी वसुंधरा राजे की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के लिए सबसे उचित पब्लिक फिगर हैं। सार्वजनिक बैठक, रैलियां और बीजेपी की उबल्धियों पर प्रकाश डालना ये सभी राज्य में बीजेपी की पकड़ को मजबूत करने का काम करेंगे। ऐसे में बीजेपी एक बार फिर से चुनावी समीकरणों में बदलाव कर राज्य में जीत दर्ज करने में कामयाब हो सकती है।
मास्टर रणनीतिकार और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी राज्य के हर संभाग में रैली करेंगे। प्रशासनिक तौर पर राजस्थान में 33 जिलों को सात संभाग (क्षेत्र) विभाजित किया गया हैं। अमित शाह ही तय करेंगे कि वो हर संभाग में कितनी रैली करेंगे।
मुख्यधारा की मीडिया के विपरीत देश के शीर्ष राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक राज्य में बीजेपी अभी भी मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस राजस्थान में बीजेपी को कड़ी चुनौती देने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन बीजेपी अपनी रणनीति से उसकी सभी कोशिशों पर पानी फेर देगी। आने वाले दिनों में चुनावों को देखते एक मजबूत चुनाव प्रचार पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगा।
Saying this with utmost caution: BJP is slowly but surely taking runaway lead in Rajasthan and today's hugely successful @narendramodi rally in Jaipur may cement the party deep into the grassroots
— Dr Praveen Patil (@5Forty3) July 7, 2018
A "Modi Veto" seems to be developing among Indian electorate wherein a chunk of voters wait till the end to value the PM's personal appeal through rallies & vote accordingly; saw this in Karnataka too where NaMo end-rallies gave a huge cushion to an uninspiring state BJP campaign
— Dr Praveen Patil (@5Forty3) July 2, 2018