केरल में बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। राज्य में विनाशकारी बाढ़ ने कई घरों को तबाह कर दिया है, 400 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है। इस आपदा की स्थिति में उनकी सहायता के लिए तीनों सेनाओं और एनडीआरएफ के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हजारों स्वयंसेवक सहयोग के लिए खुलकर सामने आये हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सेना व एनडीआरएफ की टीम मिलकर काम कर रही है। सेना किस तरह से वहां फंसे लोगों की मदद कर रही है उससे जुड़े कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिस तरह से भारतीय वायुसेना के गरुड़ स्पेशल फोर्स के विंग कमांडर प्रशांत ने अलप्पुझा के बाढ़ प्रभावित शहर में छत से एक बच्चे को एयरलिफ्ट कर बचाया था वो किसी सुपर हीरो से कम नहीं था।
#WATCH: Wing Commander Prasanth of Garud Special Force of Indian Air Force rescues a toddler from rooftop in flood hit town of Alappuzha. #KeralaFlood (Source IAF) pic.twitter.com/wT12zszMya
— ANI (@ANI) August 19, 2018
https://youtu.be/JoZvad2PBU0
#Update #KeralaFloods2018 #IndianArmy has deployed 10 floods relief columns, 8 Engineer Task Force and Total of 110 BsAUT/BsAp/Gemini boats for Rescue & Relief round the clock, surmounting all challanges. We are at it.#OpMadad #KeralaFloodRelief @PIB_India pic.twitter.com/0WXIShfhwV
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) August 20, 2018
इसके बावजूद सेना से जुडी फेक न्यूज़ को फैलाने वाले लोगों की भी कमी नहीं है। सेना को खुद सामने आकर फेक न्यूज़ के खिलाफ स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है।
जब केरल के लोग बाढ़ जैसी आपदा से गुजर रहे हैं तब खुद को ‘सामाजिक-न्याय’ का योद्धा कहने वाले वामपंथी दल, चर्च, और कांग्रेस समेत कहीं नजर नहीं आ रहे। वास्तव में लेफ्ट-लिबरल विचारधारा के लोग मदद करने की बजाय सरकार पर हमला करने और अपना एजेंडा साधने में ज्यादा व्यस्त हैं। वो इस संवेदनशील स्थिति पर भी राजनीति करने में पीछे नहीं हैं। वो बिना शर्म के फेक न्यूज़ फैलाने और अपने प्रोपेगंडा में व्यस्त हैं। पीएम मोदी ने जब केरल का दौरा किया और केंद्र सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राशि की जो घोषणा की उसर लेकर ‘सामाजिक-न्याय’ के ठेकेदार राजनीति कर रहे हैं और खुद आगे बढ़कर बाढ़ पीड़ितों के लिए उन्होंने क्या किया है ? केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए इन वामपंथी और उदारवादी लोगों ने शून्य योगदान दिया है, लेकिन फिर भी इस तरह के लोग पीड़ित लोगों की मदद के लिए सामने आये आरएसएस कार्यकर्ताओं और सरकार के प्रयासों पर सवाल उठा रहे हैं।
https://twitter.com/DefenceMinIndia/status/1030351385546510336
Update on #KeralaFloodRelief efforts:
In flood affected areas of Kerala, around 32000 people have been rescued & 3500 people have received medical aid by the Indian Armed Forces so far.#KeralaFloods @nsitharaman pic.twitter.com/k3mca9MgOY
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) August 21, 2018
#OpMadad #KeralaFloodsRelief #KeralaFloods Wheelchair bound(paralysed below the waist) pregnant lady being winched up to safety in a very challenging hover by Captain P Rajkumar Shaurya Chakra. Location is some where in North of Aluva @DefenceMinIndia @nsitharaman @CMOKerala pic.twitter.com/KW0mw36eCu
— SpokespersonNavy (@indiannavy) August 20, 2018
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केरल में लगभग 3700 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां संघ के स्वयंसेवक बिना किसी भेदभाव के हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी की सहायता कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने न सिर्फ केरल के मुख्यमंत्री और अन्य राज्य के अधिकारियों के साथ बाढ़ के हालात पर चर्चा की बल्कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा भी किया। इसके बाद उन्होंने राज्य के हालात को देखते हुए बाढ़ राहत कोष से केरल को 500 करोड़ की मदद का भी ऐलान किया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी 100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान कर चुके हैं। इसके बावजूद लेफ्टिस्ट-लिबरल्स और कांग्रेस फेक न्यूज़ को फैलाकर आम जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं और बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और आर्मी पर निशाना साध रहे हैं। केरल में आई बाढ़ से वहां की आबादी पीड़ित है और जिंदगी की जंग लड़ रही है लेकिन इस बीच कुछ लोग अपना हित साधने से बाज नहीं आ रहे। वास्तव में वो ऐसा अपने राजनीतिक मालिकों के आदेशानुसार कर रहे हैं।
(PC: Kureel’s cartoon)
जिस घड़ी में सभी विवाद और मनमुटाव को दरकिनार कर सभी को मिलकर मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए उस समय में भी लेफ्टिस्ट-लिबरल्स की निम्न स्तर की राजनीति शोभा नहीं देती। वर्ष 1947 में भले ही अंग्रेज भारत छोड़कर चले गये लेकिन उनके पीछे लेफ्टिस्ट-लिबरल्स ने उनकी विभाजन की नीति को बरकरार रखा है। आम जनता इस तरह की भ्रमित खबरों से बचने की जरूरत है।