सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आधार की संवैधानिकता को रखा बरकरार

सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड

PC: financialexpress.com

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता को लेकर बेहद अहम फैसला सुनाया है और आधार की संवैधानिकता को कुछ बदलावों के साथ बरकरार रखा है। इस मामले पर सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया है। इससे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद 10 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आधार मामले में पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की याचिका सहित कुल 31 याचिकाएं दायर की गयी थीं। आधार की संवैधानिकता में कुछ बदलाव के साथ कोर्ट ने धारा 57 की वैधता को भी खत्म कर दिया है जिससे आम जनता की दुविधा भी सुलझ गयी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जहां आधार की संवैधानिकता  बरकरार है वहीं इसके खिलाफ दायर याचिकाओं में लगाये गये आरोप भी समाप्त हो गये हैं। इसके अलावा कोर्ट द्वारा धारा 57 की वैधता समाप्त होने से निजी कंपनियां अब आधार से जुड़ी जानकारियां नहीं ले सकेंगी। इसके साथ ही कोर्ट ने आधार एक्ट के सेक्शन 33(2) को भी खत्म कर दिया है।

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सरकार ने सोशल वेलफेयर स्कीम्स कर लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया था और इसे बैंक अकाउंट खोलने, पैन कार्ड बनवाने, मोबाइल सिम आदि बनवाने के लिए अनिवार्य कर दिया था जिससे आम जनता बिना किसी गड़बड़ी के सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके लेकिन कई याचिका में आधार कार्ड को अनिवार्य करने पर सवाल उठाये गये थे और कहा गया था कि ये नागरिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है। इस मामले पर काफी लम्बी सुनवाई हुई थी जिसके बाद कोर्ट ने 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बुधवार को इस मामले में अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आधार के महत्व से इंकार नहीं किया। हालांकि कोर्ट ने हर जगह आधार को जरुरी किये जाने से भी आम जनता को निजात दिलाई। कोर्ट ने कहा आधार कार्ड आम जनता के हित के लिए है और इससे समाज में हाशिये पर बैठे लोगों को फायदा होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने आधार पर हमले को संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि इसके डुप्लिकेट होने का कोई खतरा नहीं। आधार पूरी तरह से सुरक्षित है। यही नहीं लोकसभा में आधार बिल को वित्त विधेयक के तौर पर पास करने को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया। बहरहाल आधार की आवश्यकता को समझते हुए कोर्ट ने आधार कार्ड को कुछ चीजों के लिए ही अनिवार्य किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने आयकर दाखिल करने, पैन कार्ड बनवाने, सरकारी योजनाओं और सब्सिडी पाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्कूल में दाखिले, यूजीसी, नीट और सीबीएसई की परीक्षाओं के लिए और बैंक खाता खोलने के लिए और मोबाइल नंबर के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। आधार मामले में केंद्र सरकार के वकील पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने फैसले पर कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस फैसले का प्रभाव भविष्य में प्रभावशाली साबित होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आधार तमाम योजनाओं में प्रासंगिक है। जहां तक उसकी सुरक्षा की बात है सरकार प्रयास कर रही है। इस संबंध में जल्द ही एक कानून पास किया जाएगा।

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