वर्षों से चले आ रहे अयोध्या विवाद से जुड़े एक मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। इस फैसले में कोर्ट ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना हक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के 1994 के फैसले पर को बरकरार रखा है। इस फैसले के साथ राम मंदिर मामले को लटका कर रखने की कोशिश करने वालों की हार हुई है जो सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पर रोक की अपील कर रहे थे।
#NewsAlert: Ayodhya suit has to be decided on its own facts, the 1994 Constitution bench's observations would have no impact on it: Justice Bhushan.
— Deccan Herald (@DeccanHerald) September 27, 2018
राम मंदिर जन्मभूमि मामले में एक राय चीफ जस्टिस और जस्टिस भूषण की है वहीं दूसरी राय जस्टिस नजीर की है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस भूषण ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि पुराना फैसला उस वक्त के तथ्यों के मुताबिक था। इस्माइल फारूकी का फैसला मस्जिद की जमीन के मामले में था। अपने फैसले में जजों ने कहा, “मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अटूट हिस्सा नहीं। पूरे मामले को बड़ी बेंच में नहीं भेजा जाएगा।”जस्टिस भूषण ने अपने फैसले में आगे कहा, “सभी धर्मों और धार्मिक स्थानों को समान सम्मान देने की आवश्यकता है। अशोक के शिलालेख दूसरों के विश्वास के लिए सहिष्णुता का प्रचार करते हैं।“
बता दें कि, इस्माइल फारुखी मामले (1994) में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मस्जिद, इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। इसी बात को सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर दोहराया और स्पष्ट कर दिया कि इस्माइल फारुखी (1994) के फैसले पर पुनर्विचार नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 29 अक्टूबर से फास्ट ट्रैक कोर्ट में राम मंदिर मामले पर सुनवाई शुरू होगी।
#NewsAlert: Ayodhya suit has to be decided on its own facts, the 1994 Constitution bench's observations would have no impact on it: Justice Bhushan.
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कोर्ट के फैसले के बाद विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने खुशी जताते हुए कहा कि “मैं संतुष्ट हूं कि एक बाधा को पार कर लिया गया है। राम जन्मभूमि की अपील की सुनवाई के लिए रास्ता साफ हो गया है।”
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी उम्मीद जताते हुए कहा कि हो सकता है राम मंदिर के निर्माण का काम दिवाली से पहले शुरू हो जाये।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद ही सोशल मीडिया पर ट्वीटस और पोस्ट की बोछार शुरू हो गयी। इस विवाद के सुलझने की उम्मीद में बैठे लाखों राम भक्तों में वर्षों बाद एक खुशी की लहर छायी है। सभी को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में वर्षों से चल रहे विवाद में न्याय करेगा. इसी के साथ हो सकता है जल्द ही राम मंदिर का निर्माण भी शुरू हो जाये।