चिराग पासवान के जरिये तेजस्वी यादव एलजेपी को लुभाने की कर रहे हैं कोशिश

चिराग पासवान तेजस्वी यादव

चारा घोटाले के दोषी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की शादी 12 मई को हुई थी जिसके बाद से तेजस्वी यादव से मीडिया ने सवाल करना शुरू कर दिया कि अब तेजप्रताप के बाद उनकी बारी है तो कब कर रहे हैं वो शादी। इसपर एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने जवाब देते हुए कहा था, “मैं भी शादी करूंगा, लेकिन पहले मेरे बड़े भाई की शादी तो होने दीजिए।” बड़े भाइ से उनका इशारा लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की ओर था। इसके बाद उन्होंने आगे कहा था, “यदि वो शादी कर लेते हैं तो मैं भी अपने घरवालों से कहूँगा कि अब मेरी भी शादी करवा दीजिये।”

तेजस्वी यादव का ये बयान साधारण लग रहा है लेकिन अगर गौर करें तो इसके पीछे तेजस्वी यादव की एक राजनीतिक चाल है। रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी मौजूदा एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी है। राज्य में राम विलास पासवान का समर्थन मतदाता आधार दलित-महादलित है। तेजस्वी यादव का ‘भाई-चारा’ रुख कुछ नहीं था सिर्फ लोक जनशक्ति पार्टी के लिए एक राजनीतिक प्रस्ताव है। वास्तव में बिहार में तेजस्वी यादव कांग्रेस और अन्य गैर-बीजेपी सहयोगियों और बिहार के गैर-बीजेपी दलों के साथ राज्य में बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि वो अपनी महत्वकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने के लिए लोक जनशक्ति पार्टी को बीजेपी से अलग कर अपने महागठबंधन में शामिल करना चाहते हैं।

राज्य में राम विलास पासवान का समर्थन मतदाता आधार दलित-महादलित है। अगर राम विलास पासवान तेजस्वी यादव के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते हैं तो इससे तेजस्वी यादव राज्य में अपना दलित मतदाता आधार मजबूत करने की कोशिशों में चार चाँद लगाने की कोशिश में कामयाब हो जायेंगे। गौरतलब है कि बिहार के चुनावों में जातिगत गणित को काफी अहम माना जाता है। यहां मतदाता अधिकतर जाति के आधार पर राजनीतिक दलों को वोट डालते हैं ऐसे में इस बिंदु के बिना चुनावी गणित पूरा नहीं हो सकता।  राम विलास पासवान बिहार की राजनीति में एक प्रभावी चेहरा हैं और उनकी पार्टी ने 2014 के आम चुनावों में 6.40 फीसदी वोट शेयर के साथ 6 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। बिहार जैसे राज्य में 6 फीसदी वोट शेयर किसी भी चुनावी समीकरण को बदलने के लिए पर्याप्त है। ऐसे में यहां तेजस्वी यादव आगामी चुनाव के लिए रणनीति के तहत अपनी चाल चल रहे हैं। इसके जरिये वो ये दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि रामविलास पासवान कभी भी अपना पक्ष बदलने के लिए मशहूर हैं और भविष्य में वो ऐसा कर भी सकते है। हालांकि, इस बार राम विलास पासवान ने ये स्पष्ट कर दिया है कि वो गठबंधन के प्रति प्रतिबद्ध हैं। अगस्त में उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी आगामी चुनाव में बीजेपी के साथ रहेगी और बीजेपी द्वारा प्रो-दलित कार्यों पर प्रकाश डालेगी। राम विलास पासवान के बेटे को भी यकीन है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद मोदी जी ही दोबारा पीएम बनेंगे।

तेजस्वी यादव के ‘भाई-चारे’ को समझते हुए चिराग पासवान ने जवाब दिया, “तेजस्वी छोटा भाई है और उनकी इच्छा है कि पहले मैं भाभी लाऊं तो ऐसा ही होगा। मैं उससे पहले ही शादी कर लूंगा। उन्होंने एक बार फिर कहा कि मेरी शादी की पूरी जिम्मेवारी मेरे मम्मी-पापा के ऊपर है। फिलहाल मेरे पास क्षेत्र की जनता का बड़ा दायित्व है।” अपने इस बयान से चिराग पासवान ने स्पष्ट कर दिया कि वो तेजस्वी यादव के राजनीतिक चाल को बखूबी समझते हैं।

जहां तक तेजस्वी यादव के शादी का संबंध है उन्हें जल्द ही शादी कर लेनी चाहिए। उन्हें वैसे भी का सबसे योग्य लड़का माना जाता है. उन्हें हाल ही में शादी के लिए 48,000 विवाह प्रस्ताव भी आये थे।

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