कुछ महीनों से कांग्रेस लगातार राफेल डील को घोटाले का नाम देने की कोशिश कर रही है। उसके इन आरोपों का खुलकर कोई भी समर्थन नहीं कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कंग्रेस पार्टी और मीडिया बिना किसी ठोस सबूत के निराधार आरोप लगा रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी पर कई घोटालों का आरोप है ऐसे में वो जितना भी राफेल को घोटाले का नाम देने की कोशिश कर रही है कोई उसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है। अब AICC लीगल सेल चेयरमैन अनूप जॉर्ज चौधरी द्वारा जारी किए गए हालिया प्रेस नोट से तो संकेत मिल रहा है कि पार्टी को भी पता है कि राफेल डील में कोई घोटाला हुआ ही नहीं है और उनके दावें खोखले है। राफेल डील पर तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिसके बाद कांग्रेस की आईटी सेल की तरफ से ये प्रेस नोट जारी किया गया है। तहसीन पूनावाला का गांधी परिवार से करीबी रिश्ता है। पूनावाला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की बहन मोनिका के पति हैं और कांग्रेस पार्टी के बड़े समर्थक भी। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर राफेल डील की कीमत को लेकर घोटाले का आरोप लगाती रही है। इसके बाद तहसीन पूनावाला ने राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
Congress distances itself from Tehseen Poonawalla’ PIL on Rafale. This clearly means Congress knows that it’s allegations on Rafale are wrong and it’s intention is to just politicise the issue. pic.twitter.com/jlyfIRUiFi
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) September 13, 2018
एआईसीसी लीगल सेल द्वारा जारी प्रेस नोट में पार्टी ने तहसीन की याचिका से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है। यही नहीं कांग्रेस ने ये तक कह दिया है कि ये पूर्णतया तहसीन पूनावाला का ‘निजी’ मामला है और इस याचिका से कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस को अच्छी तरह से पता है कि राफेल डील में कोई घोटाला नहीं हुआ तह और वो बस झूठा ड्रामा कर रही थी जिससे उसे राजनीतिक फायदा पा सके। कांग्रेस आरोप राफेल डील को लेकर बीजेपी पर लगा रही थी अगर उसमें जरा भी सच्चाई होती तो कभी कांग्रेस का आईटी सेल इस तरह के प्रेस नोट के साथ सामने नहीं आता। कांग्रेस राफेल घोटाले के मामले को कोर्ट में नहीं ले जाना चाहती है क्योंकि उसे भी पता है कि उसके झूठे आरोपों की पोल खुल जाएगी और जनता को गुमराह करने की साजिश पर भी पानी फिर जायेगा। एआईसीसी लीगल सेल ने जारी प्रेस नोट में कहा, “मीडिया में ऐसी भ्रामक स्थिति है कि तहसीन पूनावाला कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ऐसे में हम ये स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि राफेल डील के खिलाफ तहसीन पूनावाला की याचिका और उनसे पार्टी का कोई संबंध नहीं है।” इस नोट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि पार्टी को विश्वास है कि घोटाला हुआ है तो उसे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाना चाहिए था और कोर्ट में अपने आरोपों के लिए साक्ष्य भी पेश करने चाहिए। अगर वो कोर्ट में इस मामले को लेकर नहीं जाना चाहती तो क्या आये दिन पार्टी का राफेल मामले को लेकर कभी अनिल अंबानी के फर्म पर तो कभी मोदी सरकार पर दोष मढना क्या बेवकूफी नहीं है? सबसे बेहतरीन तरीका है कि यदि कांग्रेस को लगता है कि घोटाला हुआ है तो कानून का सहारा लेकर इसे जनता के सामने रखे। वास्तव में तहसीन पूनावाला ने सही कदम उठाया है और कांग्रेस को इसका समर्थन करना चाहिए था लेकिन इसके विपरीत कांग्रेस ने याचिका दायर होने पर अपने समर्थक तक से पल्ला झाड़ लिया।
तहसीन पूनावाला ने कोर्ट में याचिका दायर कर मोदी सरकार के राफेल घोटाले के सच को बाहर लाने की बात कही है ऐसे में कांग्रेस को साथ देना चाहिए था लेकिन कांग्रेस पार्टी इसका समर्थन तो तब करती जब उसके दावों में सचचाई होती। इससे कांग्रेस का सफेद झूठ जनता के सामने आ जायेगा यही वजह है कि वो इस मामले से दूरी बना रही है।
आम चुनाव पास आ रहे हैं और कांग्रेस हमेशा की तरह फिर से झूठ और धोखे की नीति से आज जनता को गुमराह करने की कोशिश में जुटी है। दिलचस्प बात ये है, कि कांग्रेस के अपने करीबी रिश्तेदार ने ही उनके झूठ को सामने रख दिया है। कांग्रेस को जवाब देना होगा कि आखिर क्यों उसने इस मामले से खुद को अलग किया है? क्या उसे डर है कि उसका झूठ सबके सामने आ जायेगा? वैसे ये कदम ही सभी सवालों के जवाब दे रहा है।