2019 से पहले पीएम मोदी को मिला दाऊदी बोहरा समुदाय का समर्थन

दाऊदी बोहरा समुदाय मोदी

PC: Scroll.in

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इंदौर में दाऊदी बोहरा के कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम मोदी से पहले कोई भी प्रधानमंत्री बोहरा धर्मगुरु से मिलने नहीं गया है। दाऊदी बोहरा समुदाय के सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन 53वें धर्मगुरु हैं और वो पहली बार इंदौर आये हैं। 12 सितंबर से उनके धार्मिक प्रवचन इंदौर में चल रहे है और 25 सितम्बर तक वो वही रहेंगे। पीएम मोदी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वहां मौजूद थे। ये दूसरी बार था जब पीएम मोदी मुस्लिम समुदाय द्वारा आयोजित किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इससे पहले वो नयी दिल्ली में ‘विश्व सूफी सम्मेलन’ में भी शामिल हुए थे।

बोहरा समुदाय मुख्यरूप से व्यापार करने वाला समुदाय है। ‘बोहरा’ गुजराती शब्द ‘वहौराउ’, अर्थात ‘व्यापार’ का अपभ्रंश है। दाऊदी बोहरा समुदाय इस्माइली शिया समुदाय का उप-समुदाय है। ये समुदाय अपनी प्राचीन परंपराओं से पूरी तरह जुड़ी कौम है, जिनमें सिर्फ अपने ही समाज में ही शादी करना शामिल है। ये समुदाय काफी समृद्ध, संभ्रांत और पढ़ा-लिखा समुदाय है। सैयदना दाऊदी बोहरों के सर्वोच्च आध्यात्मिक धर्मगुरू ही नहीं बल्कि समुदाय के सभी सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक और पारमार्थिक ट्रस्टों के मुख्य ट्रस्टी भी होते हैं। भारत में दाऊदी बोहरा मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान के उदयपुर, भीलवाड़ा, मध्य प्रदेश में इंदौर, बुरहानपुर, उज्जैन, शाजापुर के अलावा चेन्नई, बेंगलुरू, कोलकाता और हैदराबाद जैसे महानगरों में भी बसे हुए हैं। भारत में लगभग 5,00,000 की जनसंख्या वाले बोहरा समुदाय को पीएम मोदी के बड़े समर्थक के रूप में देखा जाता जाता है। पिछले कुछ सालों में कई बार देखा गया है इस समुदाय के लोग अक्सर ही पीएम मोदी के साथ फोटो खींचवाते हुए नजर आये हैं। ऐसा लगता है पीएम मोदी बोहरा समुदाय के लोगों से मिल रहे समर्थन के लिए उनका शुक्रिया अदा कर रहे हैं। दाऊदी बोहरा समुदाय मुख्य रूप से व्यापारिक समुदाय है और ये समुदाय अपनी सफाई पसंदगी और पर्यावरण रक्षा की पहलों के लिए भी जाना जाता है। ऐसे में पीएम मोदी की नीतियों से ये समुदाय काफी खुश है। पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था में कई बदलाव किये हैं और वो देश में स्वच्छता को लेकर भी काफी मुखर हैं। ये भी एक वजह है कि बोहरा समुदाय के लोग पीएम मोदी का समर्थन करते हैं। देश के प्रधानमंत्री जब दाऊदी बोहरा समुदाय के धार्मिक कार्यक्रम में पहुंचे तो दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग काफी खुश नजर आये और ये ख़ुशी उनके चेहरे पर साफ़ झलक रही थी।

जहां बोहरा समुदाय के लोग पीएम मोदी के आने से काफी खुश नजर आया वहीं दूसरी तरफ उदारवादी-वामपंथी गैंग और मीडिया ने इसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करना शुरू कर दिया। मीडिया ने भी इसे तुष्टिकरण की राजनीति के रूप में पेश किया, विपक्ष भी इस कदम को बीजेपी द्वारा मुस्लिम समुदाय को लुभाने का प्रयास बताने में जुटा है। इसके अलावा विपक्ष बीजेपी पर मुस्लिम वोट बैंक में अपनी पैठ बनाने का आरोप मढ़ रहा है। गौर करें तो स्पष्ट है कि बोहरा समुदाय के लोगों का पीएम मोदी के लिए समर्थन देख कर विपक्ष में डर बैठ गया है और उन्हीं अब डर सता रहा है कि उनकी गंदी नीतियां विफल हो जायेंगी। हमेशा से ही पिछली सरकारों ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए मुस्लिम समुदाय का इस्तेमाल किया है लेकिन उनके विकास और वृद्धि के लिए कुछ नहीं किया है और ये बात बोहरा समुदाय को समझ आ गयी है। यही वजह है कि विपक्ष में ये डर और गहरा गया है कि उसकी नीतियों पर पानी फिरने वाला है।

वास्तव में जिस तरह से दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों ने पीएम मोदी का स्वागत और सम्मान किया है उससे ये उम्मीद की जा रही है कि आगामी चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा। इससे स्पष्ट है कि शिया समाज ने आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी का समर्थन करने का फैसला किया है जिससे विपक्ष डर गया है क्योंकि उसकी सभी चुनावी योजनायें विफल होने वाली हैं।

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