मीडिया के हीरो डॉक्टर कफील खान एक बार फिर से मुश्किलों में फंस गये हैं। ये वही हैं जिन्हें मीडिया ने कभी बीआरडी मामले में सराहा था। उस समय गोरखपुर के इस मेडिकल कॉलेज में हुई त्रासदी में कई बच्चों की जान गयी थी। डॉक्टर कफील खान तब राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के 100 बेड वाले एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे। पिछले साल इंस्फलाइटिस की वजह से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कई बच्चों की मौत हुई थी।
गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज की त्रासदी के समय मीडिया ने डॉक्टर कफील खान को मसीहा बना रखा था। मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार मुश्किल समय में कफील खान ने कई नरसिंह होम से ऑक्सीजन सिलिंडर मंगाए थे और 100 बच्चों की जान बचाई थी। हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी होने पर डॉक्टर खान ने 17 सिलिंडर अपने खर्च से मंगाए थे जिससे बच्चों की जान बचाई गयी थी। इस मामले के बाद जब खान को नोडल अधिकारी के पद से बर्खास्त कर डॉक्टर भूपेन्द्र शर्मा को नया नोडल अधिकारी बनाया गया तो मीडिया ने मौजूदा सरकार पर कई हमले किये थे और डॉक्टर कफील को सरकार के फैसले द्वारा पीड़ित के रूप में चित्रित किया था।
हालांकि, जांच के बाद नया खुलासा हुआ तो पता चला कि मीडिया जिसे मसीहा बता रही थी वो वास्तव में दोषी था। मीडिया की खबरों के विपरीत वास्तव में कफील खान हॉस्पिटल से ऑक्सीजन सिलिंडर अपने क्लिनिक के लिए चुराते थे। बीआरडी मेडिकल त्रासदी मामले में गिरफ्तार डॉक्टर राजीव मिश्रा भी डॉक्टर कफील के साथ षड्यंत्र में शामिल थे। डॉक्टर कफील खान बीआरडी कॉलेज के इंसिफलाइटिस विभाग के मुख्य नोडल अधिकारी थे इसके साथ ही वो कॉलेज के परचेस कमिटी (खरीददारी समिति) के सदस्य भी थे। ऐसे में सवाल ये उठता है कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी है इस बारे में उन्हें जानकारी होगी ही फिर उन्होंने जब योगी जी उस समय हॉस्पिटल के दौरे पर आये थे तो उन्हें इस बारे में क्यों अवगत नहीं कराया था? या उन्हें इस इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था? इसके बाद जो बात सामने आई वो ये थी जिस सिलिंडर को कफील खान के अपने खर्च पर अन्य नरसिंह होम से लाने की बात कही जा रही थी वास्तव में वो डॉक्टर कफील की ही क्लिनिक से लाये गये थे। जब ये सच सामने आया तो मीडिया के झूठ का भी खुलासा हो गया जो बिना पूरी तह तक जाए ही किसी को भी हीरो बना देती है। सच बाहर आने के बाद गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध परिस्थितियों में मरीज बच्चों की मौत के मामले में अभियुक्त डॉ कफील खान को गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन हाल ही में उन्हें रिहा किया गया था।
अब कफील खान एक अन्य विवाद में फंस गये हैं। इस बार उन पर फर्जीवाड़ा का आरोप है। डॉक्टर खान बहराइच के जिला अस्पताल गये थे और वहां उन्होंने जमकर हंगामा काटा। कफील वहां वो डॉक्टरों के साथ बहस कर रहे थे और बच्चों के इलाज में अवरोध पैदा करने की कोशिश कर रहे थे यही नहीं ऐसा करके वो बच्चों के तीमारदारों को सही इलाज न करने की बात कहकर भड़काने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस अधीक्षक, सभाराज सिंह ने कहा, “पुलिस को सुचना मिली थी कोई व्यक्ति हॉस्पिटल में प्रवेश किया है और बच्चों के चल रहे इलाज में अवरोध पैदा करने की कोशिश कर रहा है बाद में उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने अपना नाम डॉक्टर कफील खान बताया है।”
ये शर्मनाक है कि भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर ही भक्षक बनरहे हैं। अपने स्वार्थ के लिए मासूमों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले इस तरह के डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । इसके अलावा मीडिया को भी इस तरह से किसी भी खबर की गहराई में जाए बिना कोई भी खबर दिखाए जाने से बचना चाहिए।