क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान पाकिस्तान के आम चुनाव में जीत के बाद सत्ता में आये। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खुद को ‘भ्रष्टाचार विरोधी’ नेता के रूप में चित्रित किया था और वादा किया था देश की आर्थिक व्यवस्था को ट्रैक पर वापस लाएंगे साथ ही ये भी वादा किया था कि वो सरकारी खर्चों में कटौती कर कई गंभीर बदलाव करेंगे। सत्ता में आने के बाद से इमरान खान ने पाकिस्तान में एलीट वर्ग के शाही जीवनशैली पर हमला किया। उन्होंने एलीट वर्ग के जीवनशैली को ‘औपनिवेशिक युग मानसिकता’ का नाम दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार फिजूल खर्ची पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाएगी।
पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था बहुत ही खराब स्थिति से गुजर रही है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने वादे के अनुसार इमरान खान की सरकार अब पाकिस्तान के पीएम हाउस में मौजूद 8 भैंसों की नीलामी करने की योजना बना रही है ताकि वो अपनी देनदारियां चुकाने के लिए राशि जुटा सके। ये भैंसे पूर्व पीएम नवाज शरीफ के कार्यकाल के दौरान पीएम हाउस में रखी गयी थीं ताकि ‘खाने की जरूरतों’ को पूरा किया जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम हाउस की तरफ से 80 से अधिक आलीशान कारों और चार हेलीकॉप्टर की भी नीलामी की जाएगी। इसकी जानकारी में पीएम के राजनीतिक मामलों के विशेष सहायक नईम उल हक ने अपने ट्विटर पर दी।
After the surplus car auction , 4 surplus helicopters will be sold which are lying unused with the cabinet division. Plus , now listen to this, 8 buffaloes which Nawaz kept at the PM house for his gastronomic requirements. So all potential buyers please get ready.
— Naeem ul Haque (@naeemul_haque) September 10, 2018
समा टीवी न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, पीएम इमरान खान के आदेश पर पीएम हाउस से 33 कारों और एक बस की नीलामी की जायेगी। ये नीलामी 17 सितंबर को की जानी है। नए और अनावश्यक वाहनों की नीलामी की जाएगी जिनमें आठ बीएमडब्ल्यू, चार मर्सिडीज, 16 टोयोटा कोरोला, एक होंडा, तीन सुजुकी और एक बस शामिल है।
न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान की सरकार ने पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को रास्ते पर लाने के लिए ये निर्णय लिया है। उन्होंने दावा किया कि सरकारी स्वामित्व वाली भूमि का शहरी हिस्सा 300 अरब रुपये का है जबकि पाकिस्तान का दैनिक ब्याज भुगतान 5 अरब रुपये है।
पाकिस्तान अपनी खराब अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए हताश है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और पब्लिक फाइनेंस बिगड़ चुका है। पिछले चार सालों से पाकिस्तान निर्यात में कमी और आयात में उतार चढ़ाव के कारण अर्थव्यवस्था में डॉलर की कमी, स्थानीय मुद्रा पर दबाव और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी का शिकार हो रहा है। पाक में वित्तीय संस्थान की गड़बड़ियों की वजह देश के राजकोष को घाटा हुआ है। इससे निपटने के लिए पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विशेषज्ञों के दल को आमंत्रित किया है। इस दौरान एक अन्य बेलआउट के लिए बातचीत की जाएगी। या फिर पाक चीन से मदद की मांग करेगा। संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश के कारण आईएमएफ द्वारा पाक को बेलआउट मिलने की संभावना बहुत ही कम है। अमेरिकी सीनेट लगातार ये कोशिश कर रहा है कि पाक पर कर्ज का संकट बना रहे।
पाकिस्तान को कहीं से भी भी राहत नहीं मिल रही है। हाल ही में आतंकवाद पर नियंत्रण कर पाने में असफल होने पर पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए अमेरिका ने उसे दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की मदद को रद्द कर दिया। ये पहली बार नहीं है जब यूएस ने पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में कटौती की हो। 2018 के अपने एक ट्वीट में ट्रंप कहा था कि “33 अरब डॉलर की मदद अमेरिका की बेवकूफी है, क्योंकि पाकिस्तान ने बदले में ‘झूठ और धोखा’ ही दिया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिका ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद खुलकर पाकिस्तान की मदद करता रहा है।“ सेंटर फॉर ग्लोबल डवलवमेंट के मुताबकि, अमेरिका की तरफ से पाक को वित्तीय वर्ष 2002 से 2009 के बीच आर्थिकी से जुड़े मदों में सिर्फ 30 फीसदी फंड दिया गया था जबकि 70 फीसदी मदद सैन्य क्षेत्र में दी गई थी। वहीं 2010 से 2014 के बीच सैन्य मदद में थोड़ी कमी आई। वहीं, इस साल अमेरिका ने 2019 के वित्त वर्ष के लिए 4 लाख करोड़ डॉलर वार्षिक बजट पेश किया था जिसमें अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जानेवाली मदद में एक करोड़ डॉलर की कटौती कर दी है।
देश की वित्त और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए इमरान खान द्वारा उठाये गये कदम काफी लोकप्रिय हैं। ये कदम उन्हें मीडिया का ध्यान अपनी और करने और लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए सहायक होगा लेकिन इसका कोई स्थाई परिणाम आने की संभावना नहीं है। वो भैंस बेचकर पाकिस्तान को अमीर देश नहीं बना सकते। हालांकि, भैंस का बेचना अपने आप में एक नया मामला है लेकिन इससे वो देश की जीडीपी को दो से तीन गुना नहीं बढ़ा सकते हैं। ये बस यही दर्शाते हैं कि भैंसों के बुरे दिन शुरू होने वाले हैं। पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करनी चाहिए और आतंकवादियों का अन्य देश में निर्यात भी बंद करना चाहिए।