कैसे AAP के कार्यकर्ता ने केजरीवाल की मदद से एक निर्दोष की जिंदगी तबाह कर दी

जसलीन कौर सरवजीत सिंह

किसी झूठे मामले में फंसना बहुत ही बुरा होता है। एक झूठा आरोप किसी के लिए उसकी जिंदगी भर का एक दाग बन जाता है और इससे सिर्फ फंसाया जाने वाला व्यक्ति ही नहीं बल्कि उससे संबंधित लोग भी काफी परेशान होते हैं साथ ही उनका समय बार बार कोर्ट के चक्कर काटने में बर्बाद होता है। ऐसा ही कुछ दिल्ली के 28 साल के सरवजीत सिंह के साथ हो रहा है। वो तीन साल से एक ऐसे मामले में फंसे हैं जिसमें उनपर आरोप तो लगे हैं लेकिन आरोप का कोई सबूत नहीं है। इस मामले में 13 बार सुनवाई हो चुकी है। सेंट स्टीफंस कॉलेज की पूर्व छात्रा जसलीन कौर ने सरवजीत सिंह पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था लेकिन वो आजतक कोर्ट में पेश नहीं हुई।

ये मामला साल 23 अगस्त, 2015 से शुरू हुआ जब सेंट स्टीफंस कॉलेज की पूर्व छात्रा जसलीन कौर ने दिल्ली के तिलक नगर ट्रैफिक सिग्नल की एक फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर शेयर की थी। ये फोटो सरवजीत सिंह की थी। फोटो शेयर कर जसलीन ने आरोप लगाया था कि पश्चिम दिल्ली के तिलक नगर ट्रैफिक सिग्नल पर सरवजीत नाम के एक लड़के ने मुझ पर भद्दे कमेंट्स किए और वहां मौजूद लोगों ने इसका कोई विरोध नहीं किया। जब जसलीन ने उससे कहा कि वो उसकी फोटो क्लिक करके और गाड़ी का नंबर लिखकर पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ शिकायत कराएगी तो सरवजीत ने कहा था, “जो कर सकती है कर ले, शिकायत करके दिखा फिर देख मैं क्या करता हूं।”

जसलीन का ये पोस्ट तब बहुत तेजी से वायरल हुआ था और सभी लोग जसलीन कौर के इस कदम की सराहना कर रहे थे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी उनमें से एक थे। जाहिर है केजरीवाल की सहनुभूति जसलीन के साथ थी क्योंकि उनका रिकॉर्ड भी कुछ ऐसा ही है। सभी ने तब सरवजीत की खूब आलोचना की थी और कड़ी सजा देने की मांग कर रहे थे। बॉलीवुड के सितारे, कार्यकर्ता, फेमिनिस्ट, उदारवादी-वामपंथी गैंग सभी एक साथ आ गये थे और बिना मामले की गहराई में जाए ही सरवजीत को ‘दोषी’ का टैग दे दिया। दिल्ली पुलिस ने भी बिना कोई देरी किये सरवजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया लेकिन अपनी गिरफ्तारी से पहले सरवजीत ने भी अपना पक्ष रखते हुए फेसबुक पर पोस्ट शेयर किया था।

इस पूरी घटना के गवाह और प्रत्यक्षदर्शी विश्वजीत सिंह ने अपनी दलील में दावा किया था कि सरवजीत निर्दोष है और जसलीन ने पहले अभद्र शब्द कहे थे और दुर्व्यवहार किया था। उसने फिर सरवजीत से माफ़ी भी मांगी थी। सरवजीत ने ये भी कहा था कि जसलीन आम आदमी पार्टी की एक कार्यकर्ता थी और यही वजह है कई अआप के राष्ट्रीय संयोजक जसलीन के बचाव में आये थे और सरवजीत को बदनाम कर रहे थे और जसलीन की सराहना कर रहे थे।

https://twitter.com/indiantweeter/status/637625525960224769

जल्द ही ये तस्वीर साफ़ हो गयी और सच बाहर आया कि जसलीन ने फेमिनिस्ट का कार्ड खेला और एक निर्दोष को खलनायक बना दिया।

इस पूरी घटना में जसलीन को तो कुछ नहीं हुआ लेकिन सरवजीत के जीवन पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा। उसके करियर, नौकरी और समाज में उसे आरोपी के रूप में देखा जाने लगा। इस ‘क्रिमिनल रिकॉर्ड’ उसे नौकरी से निकाल दिया गया यहां और वो नौकरी के लिए जाता सब उसे नौकरी देने से मना कर दिया।

प्रिंट को दिए अपने एक इंटरव्यू मेंसरवजीत सिंह ने कहा, “इस घटना के बाद मेरी नौकरी चली गयी। जहां मैं काम करता था उन्होंने मुझे नौकरी से निकाल दिया। हमारे यहां ब्रांडेड कपड़े बनते थे और हमारे अंतर्राष्ट्रीय क्लाइंट भी थे। मेरे बॉस ने मुझे बताया कि ये खबर अंतर्राष्ट्रीय क्लाइंट्स तक में फैल गयी थी।”

सरवजीत सिंह ने आगे कहा, “मैंने एक मैरिज ब्यूरो में नौकरी शुरू की थी जहां मुझे इस क्रिमिनल रिकॉर्ड के चलते पहली सैलरी से 40 फीसदी कम पैसे पर ज्वाइन करना पड़ी थी क्योंकि मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था। कुछ महीनों बाद मुझे वहां से भी निकाल दिया गया। इसके बाद मैंने एक और कंपनी ज्वाइन की लेकिन कोर्ट में बार बार हाजरी लगाने के चक्कर में मुझे नौकरी भी छोड़नी पड़ी।“

सरवजीत सिंह ने आगे कहा, ‘”तीसरी कंपनी ने मुझे इसलिए बाहर निकाल दिया क्योंकि मुझे बार बार हाजिरी के लिए कोर्ट जाना पड़ता है जिस वजह से मुझे छुट्टी लेनी पड़ती थी। उन लोगों ने मेरा कभी सम्मान नहीं किया और मुझे एक अपराधी की नजर से देखते थे। एक दिन मैंने छुट्टी के लिए कहा और निर्दोष साबित होने के बाद वापिस आने की बात कही।”

सरवजीत सिंह ने आगे कहा कि, “मुझे सबसे ज्यादा परेशानी इस बात से है कि इस मामले में अभी तक तर्क वितर्क शुरू नहीं हुआ है। कब मैं बेगुनाह साबित होऊंगा और कब एक सामान्य जीवन जी पाऊंगा और ये सब इसलिए अभी नहीं हो पा रहा क्योंकि जिस लड़की ने मुझपर आरोप लगाये उसके पास कोर्ट में पेश होने का वक्त नहीं है।”

इस मामले को तीन साल हो गये हैं और 13 बार सुनवाई हुई है लेकिन एक भी सुनवाई में जसलीन कोर्ट में पेश नहीं हुई है। सरवजीत के कहा कि, कोर्ट में जज के सवाल पर लड़की के पिता ने दलील दी कि वो अपना करियर बनाने के लिए विदेश में पढ़ाई कर रही है जिसके चलते सुनवाई पर नहीं आ पा रही। इसका मतलब ये है कि उसे अपना करियर बनाने का अधिकार है और मुझे अपना करियर बनाने का कोई अधिकार नहीं है।”

प्रिंट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि उसने जसलीन और उसके वकील से फोन और सोशल मीडिया के जरिए बात करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। सरवजीत ने कहा कि, “हर बार जब मैं सुनवाई के लिए कोर्ट जाता हूं तो वो लोग मेरा नाम लेकर मुझे पुकारते हैं और एक कागज पर नाम लिखने के लिए कहते हैं। सभी जसलीन का इंतजार करते हैं, वो नहीं आती है और अगली सुनवाई के लिए एक और तारीख दे दी जाती हैं। ऐसा पिछले 3 सालों से हो रहा है।”

3 साल में अब तक 13 बार सुनावाई हो चुकी है लेकिन जसलीन एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुई है। सुनवाई में मौजूद न होने के कारण 28 अगस्त 2018 को जसलीन के खिलाफ दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बेलेबल वारेंट जारी किया है।

किसी तरह से सरवजीत जज से बात करने में सफल रहा और कहा कि अगर दिसंबर में होने वाली अगली सुनवाई में भी जसलीन पेश नहीं होती है तो उसके खिलाफ नॉन बेलेबल वारेंट जारी किया जाए। सरवजीत ने कहा, “उम्मीद है कि अगर अगली सुनवाई में जसलीन कौर हाजिर नहीं होती है मेरे मामले का भविष्य तय होगा।”

जो भी हो रहा है वो सही नहीं है और ऐसे न जाने कितने मामले हैं जो निर्दोष पुरुषों के खिलाफ चल रहे हैं। कुछ महिलाएं अपने संरक्षण के अधिकारों का दुरूपयोग करती हैं, ऐसे में सरकार को इस तरह के मामलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। इस तरह के मामलों के लिए भी फ़ास्ट-ट्रैक कोर्ट होने चाहिए जहां इस तरह के मामलों में तेजी से सुनवाई प्रक्रिया चल सके और निर्दोष लोगों को इस तरह की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस तरह के झूठे मामले दर्ज करवाने वालों के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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