मोदी सरकार ने मंगलवार को देशभर के आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी की। आंगनवाड़ी कार्यकर्म 1985 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य भारत में ग्रामीण माँ और बच्चों की देखभाल करना है। 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के भूख और कुपोषण से निपटने के लिए, बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल और पूर्वस्कूली शिक्षा प्रदान करने के लिए इसे एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के भाग के रूप में शुरू किया गया था। आज देशभर में लगभग 28 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। देश में ये कार्यक्रम शिशु मृत्यु दर को कम करने और मातृ देखभाल में सुधार लाने में काफी सफल रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों से मानदेय मिलता है और उन्हें आईसीडीएस कार्यक्रम के लिए भी वित्त पोषण मिलता है।
काफी लंबे समय से कार्यकर्ताओं की मांग थी कि उनके मानदेय में बढ़ोतरी की जाए। आखिरकार केंद्र सरकार के उनकी मांग को स्वीकार कर लिया। पीएम मोदी ने घोषणा की कि जिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 2250 रूपये था, उन्हें अब 3500 रूपये मिलेगा। आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 1500 रूपये की जगह 2250 रूपये मिलेंगे। इसके अलावा उन्होंने अपनी घोषणा में कहा कि, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायक नर्स मिडवाइफ़ (एएनएम) और आशा कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना मुफ्त दी जाएंगी। इसके मतलब ये है कि उन्हें दो लाख रूपये की इन दोनों बीमा योजना के तहत कोई प्रीमियम नहीं देना होगा और ये खर्च सरकार उठायेगी। मंगलवार को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देशभर के एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। इससे पहले कुछ राज्यों ने इन मेहनती कार्यकर्ताओं की मांग को स्वीकार किया है। मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय10 हजार रुपये प्रतिमाह, उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का 5750 रूपये प्रति माह और आंगनवाड़ी सहायिका का 5,000 रूपये प्रति माह है। वहीं, कर्नाटक में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय 8 हजार रुपये प्रतिमाह और सहायिका का 4,000 रुपये है। तेलंगाना और हरियाणा सरकार भी अपने राज्य की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अच्छा मानदेय प्रदान करती है। तेलंगाना 10,500 और 7,000 रुपये का मानदेय और हरियाणा अपने कार्यकर्ताओं को 11,429 रुपये जो सहायिकाओं की राशि से दोगुना है।
आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाडी केंद्र (एडब्ल्यूसी / मिनी-एडब्ल्यूसी) मौखिक रीहाइड्रेशन नमक, बुनियादी दवाओं और गर्भ निरोधकों की सुविधा प्रदान करते हैं जिससे नवजात और उसकी माँ दोनों को स्वास्थ से जुड़ी बुनियादी सुविधाएं मिल सके। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं गर्भवती महिलाओं के लिए जन्मपूर्व और प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करती हैं और नवजात शिशुओं और नर्सिंग माताओं के लिए तुरंत निदान हेतु कार्य करती हैं और उनकी देखभाल करती हैं। साथ ही वो 6 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध भी करती हैं। देश के ग्रामीण क्षेत्र में माँ और बच्चों की देखभाल में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायक नर्स मिडवाइफ़ (एएनएम) और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है लेकिन उन्हें कभी उचित श्रेय नहीं मिला है। मोदी सरकार ने इन कार्यकर्ताओं की मेहनत और कार्य की सराहना करते हुए उनके मानदेय में बढ़ोतरी की है।
अगले आम चुनाव को एक साल से भी कम समय बचा है ऐसे में मोदी सरकार का ये कदम देश के ग्रामीण क्षेत्रों व माध्यम वर्ग में सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इससे पहले मोदी सरकार ने डाकियों के वेतन में वृद्धि की थी।