भारत और इंग्लैंड के बीच हुए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत की हार से भारतीय फैन काफी निराश है। भारत ने 1-4 की शर्मनाक शिकस्त के साथ सीरीज गंवाई। भले ही भारत ने 20-20 मैच में इंग्लैंड को 2-1 से हराया हो लेकिन टेस्ट सीरीज में भारत का प्रदर्शन बहुत बुरा है। छोटे मैचों में जीत उत्साह भर देती है वहीं भारतीय क्रिकेट टीम बड़े ओवर के मैच में हार निराश कर देती है। इंग्लैंड पर पिच तेज उछाल वाली होती है जहां बाउंसर पर शॉट लगाना बल्लेबाजों के लिए मुश्किल होता है लेकिन भारतीय बल्लेबाज आज तक वहां की पिच पर बेहतर प्रदर्शन देने में असफल रहे हैं। भारतीय टीम की हार से न सिर्फ टीम की कप्तानी बल्कि टीम के कोच पर भी सवाल उठ रहे हैं। आखिर क्यों टीम इंडिया का प्रदर्शन इतना शर्मनाक रहा। भारतीय टीम में बदलाव करने की जरूरत है लेकिन ये बदलाव किस तरह के और कैसे होने चाहिए। भारतीय टीम को रवि शास्त्री की जगह राहुल द्रविड़ जैसे कोच की जरूरत है जो टीम के प्रदर्शन में सुधार के लिए सही तरीके से प्रशिक्षित कर सकता है।
रवि शास्त्री टीम का संतुलन बनाये रखने में नाकामयाब रहे हैं और एक कोच के रूप में भी वो असफल रहे हैं पहले साउथ अफ्रीका और अब इंग्लैंड। वहीं दूसरी तरफ राहुल द्रविड़ अंडर 1 9 विश्व कप में जीत के लिए भारतीय टीम को प्रशिक्षित और लगातार टीम को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उनका कौशल कई बार सामने आया है वहीं भारतीय सीनियर टीम के प्रदर्शन को देखें तो ये स्पष्ट करता है कि भारतीय टीम को एक बार फिर से ‘दीवार’ की जरूरत है। रवि शास्त्री टीम को बाँध कर रख पाने में असफल रहे हैं और खिलाडिय़ों के बीच में आपसी समन्वय को भी बनाकर नहीं रख पा रहे। खिलाड़ी बहुत कम ही एकसाथ विदेश यात्रा पर जातें है और वरिष्ठ खिलाड़ी जैसे विराट कोहली को रवि शास्त्री ने ज्यादा शक्तियां दे रखी है। ऐसा लगता है कि रवि शास्त्री टीम को बांधकर रख पाने में असफल रहे हैं और उनका दृष्टिकोण भी खेल के प्रति अच्छा नहीं रहा। अनिल कुंबले के बाहर जाने के बाद क्यों उन्हें टीम का कोच बनाया गया इसके पीछे भी एक कारण है।
एक बेहतर कोच की तरह राहुल द्रविड़ न सिर्फ भारतीय टीम को एक बार फिर से बांधकर रखेंगे बल्कि खेल के दृष्टिकोण से माहौल को भी अनुकूल बना सकते हैं। विदेशी जमीन पर प्रतिकूल परिस्थितियों में जीत के लिए भारत की अंडर 19 टीम को प्रशिक्षित करने का उनका कौशल किसी से छुपा नहीं है वो भारतीय टीम के कोच बनने के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प हैं। जिस तरह से वो अपने काम के प्रति समर्पित हैं ऐसे में उनकी निष्ठा और प्रतिबद्धता पर कोई ऊँगली नहीं उठा सकता है। दुर्भाग्यवश रवि शास्त्री क्षमाकर्ता बन गये हैं जो टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार की जगह उनका बचाव करते हुए नजर आते हैं। खेल में हार और जीत होना आम बात है लेकिन बिना खेले और कोशिश किये ही हार जाना अलग बात है। अफ्रीका और इंग्लैंड की आखिरी दो श्रृंखलाओं में दुर्भाग्यवश भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन कुछ ऐसा ही रहा है। भारतीय क्रिकेट टीम को राहुल द्रविड़ जैसे कोच की जरूरत है और जो टीम में सकारात्मक बदलाव लाने और बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए परफेक्ट हैं। राहुल द्रविड़ जो करते हैं उसमें उनकी मेहनत और लग्न साथ नजर आती है साथ ही खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है। यदि भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम को इस तरह की शर्मनाक हार से बचना है तो जल्द ही राहुल द्रविड़ को कोच बनाया जाना चाहिए।