सोफिया की गिरफ्तारी की वजह आई सामने, वैमानिक संबंधी नियमों का किया था उल्लंघन

सोफिया सुंदरराजन

PC: newsx.com

लुईस सोफिया नाम की एक 23 वर्षीय युवती को चिल्लाने और घरेलू विमान की शान्ति को भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, बिना कोई देरी किये केंद्र सरकार पर हमला करने के इरादे से कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की आजादी और सार्वजनिक स्थल पर अपनी आवाज उठाने का राग अलापने लगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोफिया एक रिसर्च स्कॉलर हैं। वो विमान से घर वापस आ रही थीं और तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन के सीट के पीछे बैठी थीं। अचानक विमान में सोफिया ने बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, फासीवाद बीजेपी सरकार डाउन, डाउन के नारे लगाने लगी। विमान में सुंदरराजन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। तूतीकोरिन एयरपोर्ट पर विमान के उतरने के बाद सोफिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और बाद में उसे जमानत पर रिहा भी कर दिया।

विमान से उतरने के बाद बीजेपी नेता और छात्रा में थोड़ी बहस हुई। सुंदरराजन ने पुलिस में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद छात्रा को गिरफ्तार कर लिया।

तमिलसाई सुंदरराजन ने युवती के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई और कहा, “वह एक आम इंसान नहीं है। उसके प्रदर्शन के पीछे जरूर किसी संगठन का हाथ है, जिसकी जांच होनी चाहिए।” उन्होंने ये भी कहा कि, “आप मुझसे कैसे चुप रहने की उम्मीद कर सकते हैं जब वो मुझे देखकर बीजेपी हाय हाय और फासीवाद बीजेपी के नारे लगा रही हो? क्या ये अभिव्यक्ति की बोलने की आजादी है?” विमान में युवती ने जब तमिलसाई को देखकर नारेबाजी की तब वो चुप थीं। कई लोगों ने सुंदरराजन की बात का समर्थन किया।

सोफिया ने विमान में जिस तरह का व्यवहार किया वो इंडियन एयर सेफ्टी नियमों के खिलाफ था।

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बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आशंका जताई कि सोफिया का एलटीटीई के साथ कोई संबंध हो सकता है और ये भी कहा कि पुलिस को युवती के बारे और जानकारी के लिए जांच करनी चाहिए। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, उन्होंने कहा, “वो कनाडा से आ रही थी ऐसे में जरुर ही उसका एलटीटीई से कोई जुड़ाव हो सकता है क्योंकि कनाडा में एलटीटीई के कई लोग हैं और वो सभी बीजेपी के खिलाफ ‘फासीवाद’ शब्द का उपयोग करते हैं।” स्वामी ने युवती की गिरफ़्तारी को जायज ठहराया क्योंकि युवती ने विमान में आचार सहिंता का उल्लंघन किया था।

यहां बीजेपी विरोधी नारेबाजी का कोई जुड़ाव नहीं है। उड़ान के दौरान विमान में किसी भी तरह का शोर एक गंभीर खतरा है और सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने बढ़िया काम किया।

सोफिया को अपनी गलती पर कोई पछतावा नहीं है। डेक्कन क्रॉनिकल के अनुसार, सोफिया ने अपने किये का बचाव करते हुए कहा कि मुझे अपनी बात रखने की आजादी है। सोफिया ने बहुत ही अहंकार भरा व्यवहार दिखाया और अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगने से भी इंकार कर दिया।

ऐसा लगता है कि पब्लिक का ध्यान अपनी और खींचने के लिए ऐसा किया। सोफिया के ट्विटर अकाउंट के मुताबिक जब उन्होंने देखा कि तमिलसाई सुंदरराजन भी उनके साथ विमान में यात्रा कर रही हैं, तब उन्होंने ट्वीट किया कि, “मैं विमान में तमिलसाई सुंदरराजन के साथ हूँ और जोर से चिल्लाना चाहती हूं, “मोदी-बीजेपी-आरएसएस फासीवाद की सरकार, हाय हाय।” क्या मुझे विमान से बाहर फेंक दिया जायेगा? हालांकि, इस ट्वीट को बाद में हटा दिया गया।

सोफिया की ट्विटर की गतिविधि केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी से भरी थी ऐसे में उनकी गतिविधि को राजनीतिक रूप से प्रेरित कहना कुछ गलत नहीं होगा। सुंदरराजन की शिकायत के बाद ही पुलिस ने सोफिया को गिरफ्तार किया था ऐसे में जबतक वो अपनी शिकायत वापस नहीं लेती पुलिस भी युवती को छोड़ नहीं सकती थी। डेक्कन क्रॉनिकल के अनुसार, जैसा कि आरोपी एक दलित (देवेंद्र कुला वेल्लार समुदाय से है) है ऐसे में युवती की गतिविधि दलितों में बीजेपी और तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ रोष पैदा करने का हो सकता है।

खैर, इस तरह की गतिविधि के पीछे वजह जो भी हो लेकिन यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि बोलने की आजादी के आड़ में नियमों का उल्लंघन करना और कार्रवाई होने पर लोकतंत्र को खतरा, देश में इमरजेंसी जैसे शब्दों का उपयोग कर जनता को गुमराह करने की कोशिश है। मुख्यधारा की मीडिया ने भी सोफिया की गिरफ्तारी को बीजेपी के खिलाफ बोलने के जुर्म में गिरफ़्तारी के रूप में दिखाया था लेकिन बाद में इस मामले से जुड़ा पूरा सच जनता के सामने आ गया।

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