देश में इन दिनों सोशल मीडिया पर #Metoo कैंपेन के तूफान से लिबरल गैंग के सदस्यों के फेमिनिस्ट का ढोंग एक-एक करके बाहर आ रहा है और वो भी सबूत के साथ। AIB के सदस्य यूट्यूबर और कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती पर जिस तरह से महिला कॉमेडियन महिमा कुकरेजा ने ट्विटर थ्रेड के जरिये फेमिनिस्ट के ढोंग का खुलासा किया उसके बाद से जैसे महिलाओं में अब शर्म और झिझक खत्म हो गयी है और वो अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न पर खुलकर बोल रही हैं। इन थ्रेड में कई ऐसे जाने-माने नाम सामने आ रहे हैं जिसके बारे में कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता है। हालांकि, इस पूरे मामले में जिस तरह से लेफ्ट-लिबरल गैंग इन आरोपियों का बचाव कर रहा है और इसका ठीकरा समाज पर फोड़ रहा है वो शर्मनाक है। बॉलीवुड हो या कॉमेडी या हो मीडिया हाउस हर जगह से यौन उत्पीड़न के मामले खुलकर सामने आ रहे हैं।
चमक-दमक की दुनिया के पीछे का काला सच जिसमें जाने-माने व्यक्तियों के नाम उजागर हुए हैं। ये वही लोग हैं जो अक्सर ही फेमिनिस्ट होने का दावा करते हैं। ये वही लोग हैं जो अक्सर ही महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा का राग अलापते हैं। ये लिबरल फेमिनिस्ट वही हैं जो समाज में प्रगतिशील, सम्मानित व्यक्ति के रूप में जाने जातें है लेकिन अब इनके कृत्य पर लेफ्ट लिबरल ब्रिगेड बड़ा शांत नजर आ रहा है। कोई भी अब खुलकर नहीं बोल रहा और न किसी समुदाय को दोष दे रहा है और न ही किसी धर्म को और न ही किसी जाति को। इस तरह के कृत्यों के लिए न ही स्वरा भास्कर, न ही गुरमेहर कौर और न ही कोई अन्य लिबरल खुलकर बोल रहा है।
चूंकि यौन उत्पीड़न मामले में तथाकथित दोषी उनके अपने ही सदस्य हैं तो इस मामले पर खुलकर बोलने की बजाय परोक्ष रूप से लिबरल गैंग अपने सहयोगियों का बचाव कर रहे हैं। जबकि यही गैंग राईटविंगर पर निशाना साधने और उन्हें आरोपी घोषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं उन्होंने अपनी डिक्शनरी में इसे आधुनिक समाज की बीमार मानसिकता करार दे दिया है। अगर कोई राईट विंग या कोई राष्ट्रवादी इन लिबरल्स की जगह होता भले ही उनके आरोपों के खिलाफ कोई सबूत न भी होता तो भी ये लिबरल्स उनका नाम लेने से एक पल भी नहीं झिझकते। अब जब दोषी इन्हीं के गैंग का है तो इनकी प्रतिक्रिया क्या है आप खुद ही देख लीजिये:
Quite frankly @kunalkamra88 we r all part of the problem in some way or the other.. we r all complicit in some way or the other. It’s great that we all introspect and work towards an atmosphere where there is zero tolerance for sexual harassment at the workplace & any other place https://t.co/FnwNbjFjcm
— Swara Bhasker (@ReallySwara) October 5, 2018
@kunalkamra88 is an ally. His statement on the @AGirlOfHerWords incident is the statement of an ally. He was the only comedian (then struggling) who confronted @Wootsaw & refused to share the stage with him – this b4 Kunal became known. Why is he being named & shamed ??? @weeny pic.twitter.com/ZaRapaxm8N
— Swara Bhasker (@ReallySwara) October 7, 2018
https://twitter.com/kunalkamra88/status/1047831846397140992
हालांकि, ये सोचने वाली बात है कि ये लोग समाज में हो रहे आपराधिक मामलों पर अपनी राय देते फिरते हैं और राष्ट्रवादी मुद्दों पर अपनी प्रगतिशील विचारधारा से समाज को आईना दिखाने की बात करते हैं ऐसे में ये कहकर पल्ला झाड़ लेना कि ये आधुनिक समय में भी समाज की बीमार मानसिकता को दर्शाता है क्या ये सही है? ये बड़े ही शर्मनाक तरीके से इस मुद्दे पर बहस करने की बात तक कह रहे हैं।
Mumbai Press Club issues a statement expressing solidarity with women journalists who have pointed to sexual harrassment in the profession. To organise a debate on the issue.
— Anubhuti Vishnoi (@anubhutivishnoi) October 6, 2018
स्वरा भास्कर और कुणाल कामरा जैसे लोग ही अपन विचारों के अनुरूप किसी को दोषी और किसी को सही ठहराते हैं और जब सवाल इन्हीं के सहयोगियों पर हो तो समाज की जिम्मेदारी का राग आलापते हैं जैसे अपनी तो कोई जिम्मेदारी ही नहीं है। जैसे जैसे बड़े बड़े सितारों के ऊपर लगे यौन उत्पीड़न सामने आने लगे तो अनुराग कश्यप और विकास बहल अब माफ़ी मांग रहे हैं और उनके इस रुख पर लिबरल्स की प्रतिक्रिया शर्मनाक है।
विकास बहल पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत ने पीड़ित महिला का पक्ष लिया तो सोनम कपूर ने बचाव करते हुए कंगना पर भी आरोप मढ़ दिया और कहा कि, “वो तो काफी कुछ कहती है और कई बार उन्हें सीरियसली लेना भी मुश्किल हो जाता है।” ये वही सोनम हैं जिन्होंने एक दोषी की वजह से पूरे समुदाय को ही आरोपी ठहरा दिया था वो भी सिर्फ अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए। ऐसे में क्या ये सोनम के ढोंग को नहीं दर्शाता है?
I’m going off twitter for a while. It’s just too negative. Peace and love to all !
— Sonam K Ahuja (@sonamakapoor) October 6, 2018
वास्तव में यौन उत्पीड़न के आरोपों से लिबरल्स का दोहरा रुख सामने आया है, उनके फेमिनिस्ट का ढोंग सामने आया है। जो इस मामले में खुलकर बोलने से बच रहे हैं। यही नहीं अपने सहयोगियों का बचाव कर रहे हैं। जैसे उन्होंने शमीर रुबेन का किया था अब विकास बहल का कर रहे हैं। ऐसे में इनके ढोंग को क्या कहा जाए?