समय से पहले विधानसभा भंग होने के बाद अब तेलंगान में जल्द ही चार अन्य राज्यों एक साथ विधासभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुट चुकी हैं क्योंकि भारत की राजनीति में इस राज्य की भूमिका काफी अहम है खासकर बीजेपी पार्टी के लिए जो अब तेलंगाना में अपनी पकड़ को मजबूत करने और ज्यादा से जायदा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए योजना बना रही है। यही वजह है भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तेलंगाना के दौरे पर थे। इस दौरान वो पार्टी के राज्यस्तरीय नेताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं और पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं में नया जोश भरकर उन्हें जीत के लिए मूलमंत्र दिया। हाल ही उन्होंने हैदराबाद में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं एवं शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की इस दौरान उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स भी दिए।
अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान अमित शाह ने तेलंगाना में वक्त से पहले कराए जा रहे चुनाव को लेकर तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव पर निशाना साधते हुए उनपर तुष्टिकरण की राजनीति और आम जनता के पैसों का दुरूपयोग करने की बात कही। उन्होंने करीमनगर में एक विशाल रैली ‘समरभेरी’ को संबोधित करते हुए टीआरएस पर हमला करते हुए कहा, “केसीआर की सरकार राज्य के लोगों को पर्याप्त नौकरियां देने में भी सक्षम नहीं रही है। राज्य में चुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि केसीआर मोदी जी से डर गए हैं।” अमित शाह केसीआर पर तीखे हमले बोले और पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि बीजेपी की जीत तेलंगाना के बिना अधूरी है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा, “यदि शक्ति केंद्र अध्यक्ष अपने संबंधित बूथों पर जायें और पार्टी द्वारा दिए गये 23 दिश्निर्देशों का पालन करें, तो मैं आपको को गारंटी देता हूँ कि हम तेलंगाना में जीत जरुर दर्ज करेंगे।”
पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए अमित शाह ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि कैसे इसी जीत के मंत्र से बीजेपी ने त्रिपुरा और मणिपुर जैसे राज्यों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और अब इसी तरह तेलंगाना में भी जीत दर्ज करेगी। अमित शाह ने बूथ स्तर के प्रबंध को मजबूत करने की भी बात कही। उनके भाषण ने सभी कार्यकर्ताओं को उल्लासित किया और उनमें एक नया जोश भरा।
हालांकि अब सवाल ये है कि हर बूथ तक पार्टी की आवाज पहुंचाने से पार्टी तेलंगाना में कितनी सीटें जीत पायेगी? इस तकनीक का इस्तेमाल बीजेपी बीजेपी पहले भी कई राज्यों में कर चुकी है और पार्टी को कई राज्यों में सफलता भी मिली है। उत्तर प्रदेश, असम, त्रिपुरा जैसे राज्य इसके उदाहरण हैं। और हो सकता है बीजेपी को इस तकनीक का लाभ तेलंगाना में भी मिले। हालांकि, बीजेपी के सामने भाषा और एक बड़े राजनीतिक चेहरे की कमी जैसी मुश्किलें भी हैं। फिर भी यदि योजना कारगार साबित होती है तो वो दिन दूर नहीं जब बीजेपी के हाथों में तेलंगाना की कमान होगी।
खबरों की मानें तो कहा जा रहा है कि तो टीडीपी, सीपीआई और नयी गठित पार्टी तेलंगाना जन समिति पार्टी तीनों राज्य में टीआरएस के खिलाफ एकजुट होने वाली हैं। ऐसे में साफ़ है कि राज्य में मुकाबला तीन तरफा होगा जो स्पष्ट रूप से अमित शाह और बीजेपी के लिए तेलंगाना में फायदेमंद साबित होगा।