2019 में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करेंगे ये पांच कांग्रेसी नेता

कांग्रेस बीजेपी

लोकसभा चुनाव जैसे जैसे पास आ रहे हैं एक बार फिर से कांग्रेस के नेताओं ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी और धर्म की राजनीति करना शुरू कर दिया है। अपने ही नेताओं द्वारा दिए जा रहे विवादित बयानों से कांग्रेस को ही नुकसान हो रहा है। वैसे ये कोई नयी बात नहीं है सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के नेता अक्सर ही अपनी मर्यादा भूल जातें हैं और कुछ ऐसा बोल जातें जो विवाद उत्पन्न कर देता है। अब लोकसभा चुनाव पास आ रहे हैं तो कांग्रेस के नेताओं में हताशा बढ़ रही है और वो अब पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमले करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं जिससे बीजेपी और पीएम मोदी को ही फायदा हो रहा है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता ही शायद अगले साल बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं। ऐसे ही कांग्रेस के पांच नेताओं की एक सूची हमने तैयार की है। चलिए कांग्रेस के इन विवादित नेताओं पर एक नजर डाल लेते हैं:

मणिशंकर अय्यर

कांग्रेस के पूर्व नेता मणिशंकर अय्यर अक्सर कुछ न कुछ ऐसा बोल ही जातें हैं जो न सिर्फ बीजेपी पर हमले के मकसद से होता है बल्कि देश के पीएम को नीचा दिखाने के प्रयास की तरह लगता है। इसके साथ ही वो बीजेपी मुस्लिम विरोधी पार्टी का राग भी अलापते रहते हैं। मणिशंकर अय्यर के ही एक बयान ने साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी की चुनावी रणनीति को बदलकर रख दिया था। दरअसल, 2014 के आम चुनाव से पहले कहा था, “मैं आपसे वादा करता हूं कि 21वीं सदी में नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री कभी नहीं बन पाएंगे लेकिन, अगर वो यहां आकर चाय बेचना चाहते हैं तो हम उनके लिए जगह दिला सकते हैं।” मणिशंकर अय्यर के इस बयान का बीजेपी ने फायदा उठाया और पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ गयी और नरेंद्र मोदी ही देश के पीएम बन गये।

ऐसा ही कुछ मणिशंकर अय्यर ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी कहा था जहां बीजेपी को अपनी साख बचानी थी और कांग्रेस तब पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और कांग्रेस नेता अहमद पटेल के सहारे अपनी पकड़ मजबूत बनाने की पूरी कोशिश कर रही थी और कांग्रेस के पाले में जीत आ भी सकती थी लेकिन कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के दांव-पेंच उलटे पड़ गये। उन्होंने इस दौरान एक विवादित बयान दे डाला “मुझे लगता है कि ये आदमी बहुत ‘नीच किस्म’ का आदमी है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है?” मणिशंकर अय्यर के इस बयान का फायदा बीजेपी को चुनाव में मिला और बीजेपी की जीत हुई थी।

अय्यर के इस बयान का मोदी ने भरपूर फायदा उठाया और पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुए और पीएम बने। यही नहीं अय्यर बे पीएम मोदी को सांप, बिच्छु और जोकर तक कहा है। वैसे वो विवादित बयान देने के लिए जाने जातें हैं लेकिन अक्सर वो एक नेता की मर्यादा का उल्लंघन कर जाते हैं। उनके इन बयानों से कई बार बवाल मचा है और कांग्रेस अक्सर ही अय्यर के बयानों से किनारा करती हुई नजर आती है।

शशि थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर अक्सर ही अपने विवादित बोल के लिए जाने जातें हैं और वो अपनी भाषा में इस तरह के शब्दों का प्रयोग करते हैं जिससे न वो सिर्फ कांग्रेस के लिए एक नयी मुश्किल खड़ी कर देते हैं बल्कि उनके इस कदम से बीजेपी की तरफ जनता का झुकाव बढ़ जाता है। अक्सर ही वो ‘अच्छे हिंदू, बुरे हिंदू’ की परिभाषा देते हुए नजर आते हैं तो कभी वो देश को ‘हिंदू पाकिस्तान’ बोल जाते हैं। कांग्रेस की मेहनत पर पानी फेरने का काम शशि बहुत ही कुशलता के साथ करते हैं और उनकी इस कुशलता के क्या कहने क्योंकि उन्हीं के बयानों से तो कांग्रेस की हिंदू धर्म के लिए भरी नफरत और ढोंग सामने आ जाती है।

 हाल ही में थरूर ने चेन्नई में हुए ‘द हिंदू लिट फॉर लाइफ डायलॉग 2018’ में बाबरी विवाद पर पर एक बयान में कहा, “ज्यादातर हिंदू मानते हैं कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है। कोई ‘अच्छा हिंदू’ ऐसी जगह पर राममंदिर का निर्माण नहीं चाहेगा, जहां किसी अन्य धार्मिक स्थल को तोड़ा गया हो।” उन्होंने अपने बयान से अपनी पार्टी की धर्मनिरपेक्षता के ढोंग को सामने रख दिया है जो तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कुछ भी करती है। इससे पहले शशि थरूर ने अपने एक बयान में कहा था कि, भारत ‘हिंदू पाकिस्तान’ बन जायेगा यदि बीजेपी 2019 के आम चुनावों में जीत दर्ज कर सत्ता में वापस आती है। “ अक्सर ही वो हिंदू धर्म पर हमले करते नजर आते हैं और दूसरी तरफ उनकी पार्टी ‘शिवभक्ति तो कभी रामभक्ति तो कभी माता की भक्ति’ के ढोंग में लिप्त रहती है। ऐसे में शशि थरूर का बयान दर्शाता है कि वास्तव में उनकी पार्टी धर्म की राजनीति करती है और आरोप बीजेपी पर मढ़ती है। अच्छा ही है वो ऐसे ही बयान देते रहते हैं  और हिंदुओं के प्रति अपनी नफरत को दर्शाते हैं जिसका फायदा स्पष्ट रूप से बीजेपी को अगले साल लोकसभा चुनाव में होने वाला है।

 मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे न सिर्फ बीजेपी पर हमला बोला था बल्कि हिंदुत्व की विचारधारा को मानने वाले आरएसएस को ‘कुत्ता’ कहा था। वो आरएसएस के विचारों की तुलना जहर से भी कर चुके हैं। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने महाराष्ट्र के जलगांव में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, “हम लोगों (कांग्रेस) ने देश के लिए अपना जीवन बलिदान किया है। इंदिरा गांधी ने देश की एकता-अखंडता के लिए बलिदान दिया जबकि राजीव गांधी ने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान किया था। आप मुझे बताईये कि देश की आजादी के लिए भाजपा और संघ (नेताओं) के घर का एक कुत्ता भी कुर्बान हुआ है।“

यही नहीं लोकसभा में उन्होंने अधिवेशन में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें चाय वाला कहा था। अपने बयान में उन्होंने कहा था, “सिर्फ चाय वाला होने से कुछ नहीं होता, देश के लिए कुछ करना भी पड़ता है।” उन्होंने इससे ये जताने की कोशिश की थी कि देश का प्रधानमंत्री एक चाय वाला नहीं बन सकता है बल्कि सिर्फ उन्हीं के पार्टी के नेताओं का पीएम पद पर अधिकार है। ये समझ से बाहर है कि मल्लिकार्जुन खड़गे इतिहास की बात तो करते हैं लेकिन एक लोकतांत्रिक देश के शीर्ष पद को अपने घर की खेती समझते हैं और हर बड़े पद पर अपनी पार्टी के अधिपत्य को दर्शाने की कोशिश करते हैं। मल्लिकार्जुन का ये बयान दर्शाता है कि कांग्रेस बस सत्ता में आना चाहती है। उनकी मानें तो कांग्रेस की पार्टी के अनुसार किसी अन्य नागरिक को ये अधिकार नहीं है कि वो प्रधानमंत्री के पद पर बैठे। ऐसे में आम जनता को उनका ये तथाकथित बयान बिलकुल रास नहीं आया था और कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी। जाहिर है उन्होंने अपने इस बयान ने आम जनता की भावनाओं को आहत किया था।

कपिल सिब्बल

कपिल सिब्बल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ वकील भी हैं। तीन तलाक और अयोध्या विवाद में कपिल सिब्बल की भूमिका काफी अहम रही है। उनकी भूमिका ने कांग्रेस के दोहरे रुख को सामने रख दिया था। अयोध्या विवाद दशकों से देश की राजनीति को प्रभावित करता रहा हो लेकिन इस विवाद को कांग्रेस ने सालों पानी देकर सींचा है वो चाहती ही नहीं है कि ये विवाद सुलझे तभी तो जब एनडीए सरकार और सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस विवाद को सुलझाकर हिंदू-मुस्लिम में सांप्रदायिक सोहार्द को कायम करने के प्रयास में हैं तो कांग्रेस इसके खिलाफ साफ़ नजर आती है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि सुनवाई को जुलाई 2019 तक टाल दिया जाए। बाद में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कपिल से इस मामले में पीछे हटने के लिए कह दिया था क्योंकि वो कपिल के रुख से नाराज थे। कपिल सिब्बल की ये अपील स्पष्ट करती है कि वास्तव में कांग्रेस अयोध्या विवाद को विवाद ही रहने देना चाहती है क्योंकि इससे बीजेपी का किया हुआ वादा पूरा होगा और बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। हालांकि, इससे कांग्रेस के ढोंग का पर्दाफाश हो गया जो अयोध्या विवाद को लेकर बीजेपी पर निशाना साधती है जबकि वो खुद इस मामले में सबसे बड़ी दीवार बनकर हमेशा से खड़ी रही है। यही नहीं तीन तलाक के मुद्दे पर भी कपिल सिब्बल की दलीलें कांग्रेस के लिए मुश्किलों का सबब बन गया। दरअसल, तीन तलाक मामले में सुनवाई के दौरान AIMPLB बोर्ड की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा था कि “मुस्लिम समाज में तीन तलाक की पुरानी प्रथा है, इसलिए ये सवाल उठाना गलत है कि ये धर्म का अनिवार्य हिस्सा है या नहीं।“ इसका मतलब तो यही है ईमेल, फ़ोन पर तीन तलाक देकर एक झटके में किसी मुस्लिम महिला की जिंदगी को एक झटके में बर्बाद कर दे वो कपिल सिब्बल की नजरों में गलत नहीं है है न? इस कथन से तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं में कांग्रेस के प्रति नाराजगी बढ़ी है जिसका असर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा।

 राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में सबसे बड़ी भूमिका निभाएंगे ये कहना कुछ गलत नहीं होगा। जिस आत्मविश्वास के साथ वो एक के बाद एक झूठ बोलते हैं अपने दावों को सच बताते हैं वो किसी से छुपा नहीं है। वो धर्म से जुड़े ढोंग भी बहुत ही खूबसूरती से करते हैं कभी शिवभक्त बन जातें तो कभी रामभक्त तो कभी देवी माँ के भक्त बन जातें हैं और दूसरी तरफ ये भी कहते हैं, “मैं किसी भी तरह के हिंदुत्व में विश्वास नहीं रखता चाहे वो नरम हिंदुत्व हो या फिर कट्टर हिंदुत्व।“ वो हर बार पीएम मोदी पर निशाना साधते हैं और हर बार खुद एक मजाक बनकर रह जाते हैं। वो आम जनता को भी बता देते हैं कि अगले साल उन्हें प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनाना चाहिए। राफेल डील को वो आज भी बार बार घोटाले के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए न जाने कितने झूठे तर्क दे चुके हैं और उनके हर दावों की धज्जियां उड़ गयी जब फ्रांस की सरकार और दस्सौल्ट एविएशन कंपनी ने राफेल डील पर सफाई दी। यही नहीं उन्होंने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में चुनावी रैली के दौरान एक और झूठ का पुलिंदा बाँध दिया। उन्होंने कहा, “नीरव मोदी 35,000 करोड़ रुपये लेकर भागता है तो वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर भागता है।“ अरुण जेटली ने उनके इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया। अविश्वास प्रस्ताव हो या चुनावी रैली या हो अंतर्राष्ट्रीय मंच हर जगह राहुल ने अपने भाषण और झूठे तर्कों से बता दिया है कि वो एक असफल नेता हैं जो कभी झूठ नहीं बोलना छोड़ते। हालांकि, उनके हर भाषण और आरोपों से बीजेपी सरकार को फायदा ही हुआ है क्योंकि आम जनता को भी ये समझ आ गया है राहुल गांधी भले ही एक असफल नेता हो लेकिन उनके जैसा ‘मसखरा’ कोई और नहीं हो सकता।

वास्तव में बीजेपी को अब सिर्फ देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए बाकि एनडीए के लिए जीत की राह तो खुद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और उसके वरिष्ठ नेता बुन ही रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के पास कोई मुद्दा ही नहीं जिससे वो वर्तमान सरकार को घेर सके इसीलिए वो झूठ और अभद्र शब्दों का उपयोग करने से भी पीछे नहीं हट रही है। वो सत्ता में आने के लिए इतनी हताश है कि राजनीति के निम्न स्तर पर चली गयी है। ये सभी बयान अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारियों को दर्शाते हैं। ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी अगले साल भारतीय जनता पार्टी को हराने की बजाय उसे जिताने का प्रयास कर रही है क्योंकि 2019 में सत्ता का सपना देख रही कांग्रेस को अब उसी के नेताओं की झूठ और अमर्यादित बयानबाजी ले डूबने वाली है।

Exit mobile version